जयपुर. राम मंदिर उद्घाटन के लिए पूरी अयोध्या नगरी ही नहीं देश-विदेश में भी धार्मिक स्थलों पर तैयारी चल रही है. 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक इस ऐतिहासिक पल को साक्षी बनने के लिए कुछ न कुछ जतन कर रहे हैं. 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर देशभर में दिवाली मनाया जाएगा. भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है. राजधानी जयपुर के खजाना महल में रामसेतु के अद्भुत तैरते पत्थर लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.
खजाना महल के म्यूजियम के फाउंडर डायरेक्टर अनूप श्रीवास्तव के मुताबिक भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के अनूठे जेम्स एंड ज्वेलरी के म्यूजियम खजाना महल में जहां धरती ही नहीं आकाश से पृथ्वी पर गिरने वाले उल्कापिंड तक के पत्थरों, ज्वेलरी को एक भव्य राजमहल रूपी सेट में पर्यटकों के देखने के लिए रखा गया है. वहीं, खजाना महल में रामसेतु के 7 अद्भुत तैरते पत्थरों को भी एक कुण्ड में स्थापित किया गया है, जो राम नाम के साथ सदैव तैरते रहते हैं. खजाना महल आमेर रोड पर गुर्जर घाटी के पास स्थित है. यहां पर 22 जनवरी रामलला की स्थापना वाले दिन विशेष पूजा अर्चना की जाएगी. इस अवसर पर माणिक पत्थर के 13650 कैरेट के बेशकीमती राम दरबार को भी संग्रहालय में प्रदर्शन के लिए स्थापित किया जाएगा.
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खजाना महल म्यूजियम: म्यूजियम के फाउंडर डायरेक्टर अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि ये सारे पत्थर बहुत से लोगों के संकलन का हिस्सा है, जो बरसों से सहेज कर रखे गए थे. जिसमे सबसे पुराना लगभग 4 किलो का एक पत्थर मेरे पिताजी का 33 वर्ष पुराना संग्रह है, जो वह अपनी माताजी के साथ जब रामेश्वरम यात्रा पर गए थे, तब धनुषकोटी से एक पंडित से भेंट के रूप में लेकर आए थे. पत्थरों की शक्ति की बात करें तो कभी-कभी इनमे से जब कोई पत्थर डूब जाता है, तब उसे कुंड से निकाल कर पुनः पूरे श्रद्धा भाव से राम नाम की स्तुति के साथ जैसे ही कुण्ड में डालते हैं तो पत्थर पुनः तैरने लगता है. मेरा भक्ति भाव और भी मजबूत और राममय हो जाता है. जब मैं कल्पना करता हूँ कि शायद इन्हीं में से कोई एक वो पत्थर है जिस पर भगवान श्रीराम के पांव पड़े हो और हमारे श्रेष्ठ भाग्य की वज़ह से वह हमारे पास आ गया. खजाना महल संभवत देश का पहला ऐसा म्यूजियम है जहां पर एक साथ 7 रामसेतु पत्थर के दर्शन करने का अनुभव लोगों को होता है.
माणिक पत्थर से बनी 13650 कैरेट वज़नी राम दरबार की मूर्ति : 22 जनवरी को रामलला की अयोध्या में स्थापना वाले दिन सभी 7 पत्थरों की से विधिवत रूप से पूजा अर्चना की जाएगी. रामसेतु पत्थर ही नहीं खजाना महल में लगभग 68 वर्ष पूर्व बेशकीमती माणिक(Ruby) पत्थर से बनी 13650 कैरेट वजनी राम दरबार की मूर्ति भी उस दिन से विशेष तौर पर पर्यटकों के अवलोकन के लिए रखा जाएगा.
पृथ्वी पर दूसरा अश्वमेध यज्ञ हुआ है: यह भी एक अद्भुत संयोग है कि खजाना महल की जहां स्थापना हुई है, उस पवित्र भूमि पर और उसके आस-पास की जगह पर ही कलयुग के राजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने सन 1734 में पृथ्वी पर दूसरा अश्वमेध यज्ञ करवाया था, जिसकी वेदी, कुण्ड अभी भी साक्षात उस युग, उस महा पूजन की कहानी बयान कर रहे हैं. खजाना महल में इन रामसेतु पत्थर के अलावा पर्यटकों को दुनिया के लगभग हर तरह के बेशकीमती पत्थर, हीरे, जवाहरात, आभूषण देखने को मिलते हैं.