रांची: पाकुड़ के कुमार कालीदास मेमोरियल कॉलेज के आदिवासी छात्रावास में देर रात पुलिस और छात्रों के बीच हुई झड़प में 11 छात्र घायल हो गये हैं. छात्रों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है. वहीं थाना प्रभारी अनूप रौशन भेंगरा के मुताबिक, सब इंस्पेक्टर अभिषेक कुमार, नागेंद्र कुमार, एक चालक और एक जवान भी घायल हुए हैं. अब यह मामला राजनीतिक रंग ले चुका है.
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने इस घटना के लिए हेमंत सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया है कि तुष्टिकरण के तहत आदिवासी छात्रों को पीटा गया है. उन्होंने कहा है कि झामुमो, कांग्रेस और राजद की सरकार आदिवासी विरोधी है. गायबथान में आदिवासियों की जमीन पर मुस्लिम घुसपैठियों ने कब्जा करने की कोशिश की थी. विरोध करने पर मूल रैयतों को पीटा गया था. लेकिन अपराधियों को गिरफ्तार करन के बजाए लीपापोती की जा रही थी. इससे नाराज आदिवासी संगठनों ने आक्रोश रैली निकालने का फैसला लिया था.
अमर बाउरी के मुताबिक इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी गई थी. इसके बावजूद देर रात आदिवासी छात्रावास जाकर पुलिस ने कई छात्रों को पीटा. यह राज्य सरकार की तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति का नतीजा है. उन्होंने कहा कि मारपीट करने वालों को अविलंब गिरफ्तार किया जाए. इसमें कोई प्रशासनिक पदाधिकारी शामिल है तो उसपर कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन नहीं रुकेगा. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के हक के लिए संथाल को एक और हूल की जरुरत है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, आदिवासी छात्र संगठनों ने 27 जुलाई को आक्रोश रैली निकालने की घोषणा की थी. संगठनों का कहना था कि महेशपुर थाना क्षेत्र के गायबथान में मुस्लिम समाज के लोगों ने आदिवासियों की जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया है. इसका विरोध करने पर पिछले दिनों आदिवासी परिवारों को पीटा भी गया था. साथ ही आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आक्रोश रैली निकालने की तैयारी की गई थी. लेकिन देर रात बड़ी संख्या में पुलिस आदिवासी छात्रावास पहुंच गई और उनको पीटा.
वहीं थाना प्रभारी का कहना है कि एक शख्स के लापता होने की सूचना पर उसके फोन लोकेशन के आधार पर पुलिस केकेएम कॉलेज पहुंची थी. इसी दौरान कुछ छात्र पुलिस के साथ मारपीट करने लगे. इस दौरान एक सब इंस्पेक्टर, चालक और एक जवान घायल हो गये. यह जानकारी मिलने पर अतिरिक्त पुलिस बल कॉलेज पहुंची. इस दौरान आक्रोशित छात्रों पर बल प्रयोग करना पड़ा. हालांकि आदिवासी छात्र संगठनों का कहना है आक्रोश रैली को रोकने के लिए पुलिस दबाव बना रही थी. मना करने पर पीटा गया.
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