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झारखंड में बदल दिया गया संविधान, एससी का आरक्षण समाप्त : अमर कुमार बाउरी - SC Reservation

SC Reservation in Jharkhand. झारखंड में संविधान बदलने का आरोप लगाया जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने झारखंड सरकार पर यह आरोप लगाया है. उनका कहना है कि झारखंड सरकार ने अनुसूचित जाति का आरक्षण समाप्त कर दिया.

SC Reservation in Jharkhand
अमर बाउरी और हेमंत सोेरेन (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 30, 2024, 1:12 PM IST

रांची: झारखंड में संविधान बदल दिया गया है. अनूसूचित जाति का आरक्षण समाप्त कर दिया गया है. ये कहना है झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी का. मामला चौकीदार बहाली से जुड़ा हुआ है. झारखंड सरकार द्वारा जिला स्तर पर चौकीदारों की बहाली हो रही है. इस बहाली में अनूसूचित जाति का आरक्षण शुन्य कर दिया गया है. इसे लेकर हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है. इसी मामले को लेकर अमर बाउरी ने सरकार पर हमला बोला है. विधानसभा में भी भाजपा विधायकों ने मामले को उठाया है.

अमर बाउरी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि झामुमो-कांग्रेस और राजद की सरकार के द्वारा झारखंड में संविधान बदल दिया गया है. झामुमो-कांग्रेस-राजद ने झारखंड में अनुसुचित जाति समाज का आरक्षण समाप्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि लोकसभा में रोजाना अनुसूचित जाति-जनजाति-पिछड़ा वर्ग का झूठा रोना रोने वाले दलितों के झूठे हितैषी राहुल गांधी क्या अपने झारखंड के ठगबंधन सरकार द्वारा किए गए इस कुकृत्य के लिए माफी मांगेंगे? उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति के लोग इस सरकार को सबक सिखाएंगे.

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भी यह मुद्दा हावी रहा. भाजपा विधायक केदार हाजरा और नीलकंठ सिंह मुंडा ने इस मामले को लेकर सरकार से सवाल किया. उन्होंने कहा कि चौकीदार बहाली में अनुसूचित जाति के रिजर्वेशन का कॉलम ही नहीं रखा गया है. इस पर सरकार को संज्ञान देना चाहिए.

हंगामे की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल

मानसून सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई. कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव और झामुमो विधायक सुदिव्य सोनू ने सीएम को हाई कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ ईडी की याचिका के सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने का मामला उठाया.

प्रदीप यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हो गया है कि सीएम के खिलाफ साजिश हुई थी. बाबूलाल मरांडी पहले ही कह चुके थे कि जोहार यात्रा जेल यात्रा बनेगी. निशिकांत दुबे भी यह बात कह चुके थे, ऐसे में भाजपा नेताओं को कान पकड़ कर माफी मांगनी चाहिए. सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि ऑपरेशन लोटस के तहत राज्य के विकास को बाधित किया गया. सीएम को साजिश के तहत जेल भेजा गया.

जवाब में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि सत्ता पक्ष के लोगों को यह समझना चाहिए कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अभी कोर्ट से जमानत मिली है. वह अभी बरी नहीं हुए हैं. यहीं से विवाद शुरू हुआ. सत्ता पक्ष के विधायक विरोध करने लगे. इसी बात पर दोनों पक्ष वेल में आ गए और हंगामा होने लगा. हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सभा की कार्यवाही 12:30 बजे तक स्थगित कर दी.

शिक्षा मंत्री से किया गया सवाल

इससे पहले भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों के बीच पाठ्य पुस्तक उपलब्ध नहीं कराने का मामला उठाया. उन्होंने सरकार पर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप लगाया. उन्होंने राज्य परियोजना निदेशक आदित्य रंजन के 2 जुलाई 2024 के पत्र का हवाला दिया.

जवाब में स्कूली शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम ने कहा कि आचार संहिता लागू होने की वजह से पुस्तकों का वितरण रूक गया था. उन्होंने भरोसा दिलाया कि मुद्रक द्वारा प्रखंड स्तर पर पुस्तकें पहुंचा दी गई है. एक सप्ताह के भीतर सभी छात्रों तक पुस्तकें पहुंच जाएंगी. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने भी सवाल उठाया और कहा कि 5 साल में छात्रों के बीच साइकिल का वितरण नहीं हुआ. अभी तक जिला से स्कूल तक पुस्तकें पहुंचाने के लिए राशि तय नहीं है.

यह भी पढ़ें: चौकीदार पर अनुसूचित जाति आरक्षण मामला : सड़कों पर शुरू हुआ आंदोलन, सीएम की वापसी का इंतजार

यह भी पढ़ें: रुक सकती है चौकीदार की बहाली! आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने सीएम से किया मुलाकात - Chowkidar recruitment

यह भी पढ़ें: चौकीदार भर्ती का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, बहाली में अनुसूचित जाति का आरक्षण शून्य करने के खिलाफ दायर की गई याचिका - Chowkidar recruitment

रांची: झारखंड में संविधान बदल दिया गया है. अनूसूचित जाति का आरक्षण समाप्त कर दिया गया है. ये कहना है झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी का. मामला चौकीदार बहाली से जुड़ा हुआ है. झारखंड सरकार द्वारा जिला स्तर पर चौकीदारों की बहाली हो रही है. इस बहाली में अनूसूचित जाति का आरक्षण शुन्य कर दिया गया है. इसे लेकर हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है. इसी मामले को लेकर अमर बाउरी ने सरकार पर हमला बोला है. विधानसभा में भी भाजपा विधायकों ने मामले को उठाया है.

अमर बाउरी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि झामुमो-कांग्रेस और राजद की सरकार के द्वारा झारखंड में संविधान बदल दिया गया है. झामुमो-कांग्रेस-राजद ने झारखंड में अनुसुचित जाति समाज का आरक्षण समाप्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि लोकसभा में रोजाना अनुसूचित जाति-जनजाति-पिछड़ा वर्ग का झूठा रोना रोने वाले दलितों के झूठे हितैषी राहुल गांधी क्या अपने झारखंड के ठगबंधन सरकार द्वारा किए गए इस कुकृत्य के लिए माफी मांगेंगे? उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति के लोग इस सरकार को सबक सिखाएंगे.

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भी यह मुद्दा हावी रहा. भाजपा विधायक केदार हाजरा और नीलकंठ सिंह मुंडा ने इस मामले को लेकर सरकार से सवाल किया. उन्होंने कहा कि चौकीदार बहाली में अनुसूचित जाति के रिजर्वेशन का कॉलम ही नहीं रखा गया है. इस पर सरकार को संज्ञान देना चाहिए.

हंगामे की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल

मानसून सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई. कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव और झामुमो विधायक सुदिव्य सोनू ने सीएम को हाई कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ ईडी की याचिका के सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने का मामला उठाया.

प्रदीप यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हो गया है कि सीएम के खिलाफ साजिश हुई थी. बाबूलाल मरांडी पहले ही कह चुके थे कि जोहार यात्रा जेल यात्रा बनेगी. निशिकांत दुबे भी यह बात कह चुके थे, ऐसे में भाजपा नेताओं को कान पकड़ कर माफी मांगनी चाहिए. सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि ऑपरेशन लोटस के तहत राज्य के विकास को बाधित किया गया. सीएम को साजिश के तहत जेल भेजा गया.

जवाब में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि सत्ता पक्ष के लोगों को यह समझना चाहिए कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अभी कोर्ट से जमानत मिली है. वह अभी बरी नहीं हुए हैं. यहीं से विवाद शुरू हुआ. सत्ता पक्ष के विधायक विरोध करने लगे. इसी बात पर दोनों पक्ष वेल में आ गए और हंगामा होने लगा. हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सभा की कार्यवाही 12:30 बजे तक स्थगित कर दी.

शिक्षा मंत्री से किया गया सवाल

इससे पहले भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों के बीच पाठ्य पुस्तक उपलब्ध नहीं कराने का मामला उठाया. उन्होंने सरकार पर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप लगाया. उन्होंने राज्य परियोजना निदेशक आदित्य रंजन के 2 जुलाई 2024 के पत्र का हवाला दिया.

जवाब में स्कूली शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम ने कहा कि आचार संहिता लागू होने की वजह से पुस्तकों का वितरण रूक गया था. उन्होंने भरोसा दिलाया कि मुद्रक द्वारा प्रखंड स्तर पर पुस्तकें पहुंचा दी गई है. एक सप्ताह के भीतर सभी छात्रों तक पुस्तकें पहुंच जाएंगी. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने भी सवाल उठाया और कहा कि 5 साल में छात्रों के बीच साइकिल का वितरण नहीं हुआ. अभी तक जिला से स्कूल तक पुस्तकें पहुंचाने के लिए राशि तय नहीं है.

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