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रिटायर के एक दिन पहले अलवर दुग्ध संघ के एमडी का निलंबन रद्द - Rajasthan High Court

अलवर दुग्ध संघ के एमडी को रिटायर होने के एक दिन पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने राहत दी है. कोर्ट ने एमडी के निलंबन को रद्द कर दिया है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 30, 2024, 10:32 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर दुग्ध संघ के एमडी को रिटायर होने के एक दिन पहले राहत देते हुए उनके निलंबन आदेश को रद्द कर दिया है. जस्टिस अनूप ढंड ने यह आदेश सूबेदीन खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोपों की जांच की जा सकती है. वह 31 जुलाई को रिटायर हो रहा है, ऐसे में वह जांच को प्रभावित नहीं कर सकता. इसलिए उसे निलंबित करना उचित नहीं है.

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि याचिकाकर्ता को अलवर दुग्ध संघ के एमडी पद से गत 20 फरवरी को पदावनत कर उप प्रबंधक बना दिया था. इस आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए मामले में यथास्थिति बनाए रखने को कहा था. जिसके चलते विभाग उससे द्वेषता रखता है. याचिका में कहा गया कि उसे 23 मई को यह कहते हुए निलंबित कर दिया कि उसने वर्ष 2022 में सवाई माधोपुर और टोंक में पदस्थापित रहते हुए वित्तीय अनियमिता की है. इसके बाद 29 मई को उसे इस संबंध में आरोप पत्र भी दिया गया.

पढ़ें: समाज शास्त्र विभागाध्यक्ष व महारानी कॉलेज प्रिंसिपल के निलंबन पर रोक बरकरार - Rajasthan High Court

इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि उसका 40 साल का करियर बेदाग रहा है और उसके खिलाफ कोई शिकायत नहीं है. इसके बावजूद भी उसे द्वेषता के कारण निलंबित किया गया है. इसके विरोध में राज्य सरकार और दुग्ध संघ की ओर से कहा गया कि जांच में गंभीर वित्तीय अनियमिता पाई गई थी. यदि याचिकाकर्ता पद पर रहता, तो जांच को प्रभावित कर सकता है. इसलिए उसे निलंबित किया गया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने निलंबन आदेश को रद्द कर दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर दुग्ध संघ के एमडी को रिटायर होने के एक दिन पहले राहत देते हुए उनके निलंबन आदेश को रद्द कर दिया है. जस्टिस अनूप ढंड ने यह आदेश सूबेदीन खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोपों की जांच की जा सकती है. वह 31 जुलाई को रिटायर हो रहा है, ऐसे में वह जांच को प्रभावित नहीं कर सकता. इसलिए उसे निलंबित करना उचित नहीं है.

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि याचिकाकर्ता को अलवर दुग्ध संघ के एमडी पद से गत 20 फरवरी को पदावनत कर उप प्रबंधक बना दिया था. इस आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए मामले में यथास्थिति बनाए रखने को कहा था. जिसके चलते विभाग उससे द्वेषता रखता है. याचिका में कहा गया कि उसे 23 मई को यह कहते हुए निलंबित कर दिया कि उसने वर्ष 2022 में सवाई माधोपुर और टोंक में पदस्थापित रहते हुए वित्तीय अनियमिता की है. इसके बाद 29 मई को उसे इस संबंध में आरोप पत्र भी दिया गया.

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इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि उसका 40 साल का करियर बेदाग रहा है और उसके खिलाफ कोई शिकायत नहीं है. इसके बावजूद भी उसे द्वेषता के कारण निलंबित किया गया है. इसके विरोध में राज्य सरकार और दुग्ध संघ की ओर से कहा गया कि जांच में गंभीर वित्तीय अनियमिता पाई गई थी. यदि याचिकाकर्ता पद पर रहता, तो जांच को प्रभावित कर सकता है. इसलिए उसे निलंबित किया गया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने निलंबन आदेश को रद्द कर दिया है.

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