नई दिल्ली: दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने की नीयत से इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रही है. चुनाव साथ लड़ने के लिए गठबंधन होने पर सहमति तो बहुत पहले बन गई थी, लेकिन जमीन पर अभी तक दोनों साथ नहीं दिखाई दे रहे हैं. इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भले ही मिलकर दिल्ली की सातों लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रही हो, लेकिन दोनों ही पार्टियों के बीच जमीनी स्तर पर किसी तरह का कोई तालमेल देखने को नहीं मिला है.
करीब महीने भर पहले आम आदमी पार्टी ने चार सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया था. वहीं, दो दिन पहले कांग्रेस ने भी तीन सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. अभी तक इन सातों सीट पर दोनों ही पार्टी के नेता कैसे मिलकर चुनाव प्रचार करेंगे, इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई है.
अभी साथ प्रचार करने की योजना नहींः आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक गोपाल राय के अनुसार, कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं और वह अपना कैंपेन अपने हिसाब से डिजाइन करेंगे. अगर उन्हें कहीं आम आदमी पार्टी की सहयोग की जरूरत पड़ेगी तो वह सहयोग करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल साथ मिलकर चुनाव प्रचार करने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि मुद्दों पर आधारित एक एजेंडा बनाने पर चर्चा चल रही है, लेकिन अभी कुछ ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा है.
उदित राज ने लोगों से की अपीलः वहीं, कांग्रेस के प्रत्याशी उदित राज ने कहा कि वह अपने क्षेत्र में जनता से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों के नाम पर वोट देने की अपील करेंगे. जो मतदाता है उन्हें बताएंगे कि पार्टी का कोई प्रत्याशी यहां नहीं है, सिर्फ कांग्रेस के ही प्रत्याशी है तो संसदीय क्षेत्र के लोग जरूर मतदान करेंगे. अन्य कांग्रेस के प्रत्याशी भी इसी रणनीति के तहत प्रचार करें.
31 मार्च को हुई थी रैलीः आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 21 मार्च को गिरफ्तारी के बाद 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में इंडिया गठबंधन की रैली बुलाई गई. इसमें इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही विभिन्न पार्टियों के प्रमुख पहुंचे थे. कार्यक्रम इंडिया गठबंधन बैनर तले हुआ था.
पोडियम पर अरविंद केजरीवाल की सलाखों के पीछे की तस्वीर लगाई गई थी, जिसे देख कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने विरोध किया था. यह तस्वीर हटाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत अन्य नेता मंच पर पहुंचे थे. अभी भी दोनों पार्टियों अपने-अपने हिस्से की सीट पर प्रचार प्रसार करती दिख रही है, लेकिन दोनों दालों के नेता एक दूसरे के कार्यक्रमों में आना जाना नहीं शुरू किए हैं.
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