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'विदेश में नौकरी के नाम पर मालदीव में 25 लाख में बेचा' घर लौटने के बाद इमरान ने सुनाई आपबीती - MOTIHARI YOUTH SOLD ABROAD

विदेश में नौकरी के नाम पर मोतिहारी के युवक को बेच दिया गया. किसी तरह से घर वापसी के बाद शख्स ने अपनी आपबीती सुनाई.

selling Motihari youth to Maldives
विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर बेचा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 7, 2024, 7:48 PM IST

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले में विदेश भेजने के नाम कर मानव तस्करी का एक मामला सामने आया है. हालांकि,पीड़ित युवक किसी तरह अपने देश आने में कामयाब रहा. जबकि मालदीव पहुंचे युवक जिसके माध्यम से वहां पहुंचा था, उस दलाल ने युवक को मालदीव ले जाकर बेच दिया.

विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर बेचा: खुद को सर्वेयर बता कर पीड़ित युवक को झांसा में लेने वाला दलाल मुजफ्फरपुर का रहने वाला है. पीड़ित युवक जिले के कुंडवाचैनपुर थाना के भवानीपुर का रहने वाला इमरान मंसूरी है. इमरान ने अपने साथ घटी पूरी घटना के अलावा दलाल द्वारा लिए गए दो लाख रुपये के रिकवरी के लिए मुजफ्फरपुर कोर्ट में पीआईएल दाखिल किया है.

'दो लाख रुपये ब्याज पर लेकर दिया था': मो. इमरान जब घर आया, तब उसने अपने परिजनों को आपबीती बताई. मो.इमरान मंसूरी ने बताया कि विगत अगस्त महीने में मुजफ्फरपुर का कैफ़ी नसीम मेरे गांव में आया था. उसने खुद को सर्वेयर बताकर ग्रामीणों को समझाया कि वह विदेश भेजने का काम करता है. बेरोजगारों को रोजगार दिलाने का काम करता है, एक लाख रुपए का महीना मिलेगा.

selling Motihari youth to Maldives
बेंगलुरु से भेजा गया था मालदीव (ETV Bharat)

"कैफी ने कहा था कि विदेश जाने में दो लाख रुपए का खर्च आएगा. उसके बाद हमलोगों ने गांव से ही 20 प्रतिशत के ब्याज पर दो लाख रुपए लेकर कैफी नसीम को दे दिया. फिर उसने सात सितम्बर को मेडिकल के लिए मुजफ्फरपुर बुलाया, जहां मेडिकल टेस्ट कराने के बाद घर लौट आया."- मो. इमरान, पीड़ित

बेंगलुरु से भेजा गया था मालदीव: पीड़ित इमरान ने बताया कि 22 सितंबर को मुजफ्फरपुर से ट्रेन पकड़ कर दिल्ली गया. फिर 23 सितंबर को दिल्ली से बैंगलोर गया. बेंगलुरु से मालदीव 24 सितम्बर को पंहुचा. मालदीव में एयरपोर्ट पर परवेज नाम का लड़का आया और वहां से लेकर भिली गीली आईलैंड ले गया. वहां ले जाकर साफ सफाई का काम कराने लगा.

'25 लाख में तुम्हें खरीद लिया है': पीड़ित शख्स ने कहा कि उसे सुपरवाइजऱ बनाने की बात कहकर मालदीव भेजा गया. एक माह काम करने के बाद जब पैसे मांगा तो जिसके यहां काम कर रहा था उसने बताया कि 25 लाख रुपए में तुम्हे खरीद लिया है. दो माह तक काम करने के बाद उनके द्वारा एक रुपया भी नहीं दिया गया.

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विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर बेचा (ETV Bharat)

मालदीव पहुंचने पर ले लिया गया पासपोर्ट: इमरान ने बताया कि मालदीव पहुंचने के साथ ही वहां पासपोर्ट ले लिया गया. जब इस बात की जानकारी लगी तो वहां रहने वाले भारतीय लोगों से मुलाक़ात की. उनलोगों के सहयोग से पासपोर्ट मिला और इंडियन लोगों ने ही मुझे एयरपोर्ट पहुंचाया.

पैसे की वापसी के लिए PIL दायर: उन्होंने आगे बताया कि इस बीच मेरे भाई ने मेरा टिकट बना कर भेजा तो 26 नंबर को मालदीव से चला और मुंबई पहुंचा. फिर 27 नवंबर को कैफ़ी नसीम के घर जाकर उससे मिला. कैफी नसीम ने कहा कि इस बारे में किसी को कुछ मत बताना. तुम्हारा पैसा एक दिसंबर को दे देंगे. तीन दिसंबर तक कैफी से पैसा मिलने का इंतजार किया, लेकिन पैसा नहीं मिलने पर चार दिसंबर को मुजफ्फरपुर में एक वकील में माध्यम से पीआईएल दाखिल किया.

कर्ज में डूब चुका है शख्स: मो.इमरान मंसूरी के पिता जकीरुल्लाह अंसारी मजदूरी का काम करते हैं. बड़ा भाई जावेद अख्तर सिलाई का काम करता है.जबकि दूसरा भाई इरफ़ान मदरसा के पढ़ाने का काम करता है. घर की माली हालत ठीक नहीं होने के कारण वह विदेश जाकर ज्यादा पैसा कमाने के लिए कैफी नसीम के बातों में आ गया,लेकिन विदेश जाने के चक्कर में वह भारी कर्ज में डूब गया है. जिस कारण से उसके परिवार के साथ ही वह भी चिंतित है.

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मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले में विदेश भेजने के नाम कर मानव तस्करी का एक मामला सामने आया है. हालांकि,पीड़ित युवक किसी तरह अपने देश आने में कामयाब रहा. जबकि मालदीव पहुंचे युवक जिसके माध्यम से वहां पहुंचा था, उस दलाल ने युवक को मालदीव ले जाकर बेच दिया.

विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर बेचा: खुद को सर्वेयर बता कर पीड़ित युवक को झांसा में लेने वाला दलाल मुजफ्फरपुर का रहने वाला है. पीड़ित युवक जिले के कुंडवाचैनपुर थाना के भवानीपुर का रहने वाला इमरान मंसूरी है. इमरान ने अपने साथ घटी पूरी घटना के अलावा दलाल द्वारा लिए गए दो लाख रुपये के रिकवरी के लिए मुजफ्फरपुर कोर्ट में पीआईएल दाखिल किया है.

'दो लाख रुपये ब्याज पर लेकर दिया था': मो. इमरान जब घर आया, तब उसने अपने परिजनों को आपबीती बताई. मो.इमरान मंसूरी ने बताया कि विगत अगस्त महीने में मुजफ्फरपुर का कैफ़ी नसीम मेरे गांव में आया था. उसने खुद को सर्वेयर बताकर ग्रामीणों को समझाया कि वह विदेश भेजने का काम करता है. बेरोजगारों को रोजगार दिलाने का काम करता है, एक लाख रुपए का महीना मिलेगा.

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बेंगलुरु से भेजा गया था मालदीव (ETV Bharat)

"कैफी ने कहा था कि विदेश जाने में दो लाख रुपए का खर्च आएगा. उसके बाद हमलोगों ने गांव से ही 20 प्रतिशत के ब्याज पर दो लाख रुपए लेकर कैफी नसीम को दे दिया. फिर उसने सात सितम्बर को मेडिकल के लिए मुजफ्फरपुर बुलाया, जहां मेडिकल टेस्ट कराने के बाद घर लौट आया."- मो. इमरान, पीड़ित

बेंगलुरु से भेजा गया था मालदीव: पीड़ित इमरान ने बताया कि 22 सितंबर को मुजफ्फरपुर से ट्रेन पकड़ कर दिल्ली गया. फिर 23 सितंबर को दिल्ली से बैंगलोर गया. बेंगलुरु से मालदीव 24 सितम्बर को पंहुचा. मालदीव में एयरपोर्ट पर परवेज नाम का लड़का आया और वहां से लेकर भिली गीली आईलैंड ले गया. वहां ले जाकर साफ सफाई का काम कराने लगा.

'25 लाख में तुम्हें खरीद लिया है': पीड़ित शख्स ने कहा कि उसे सुपरवाइजऱ बनाने की बात कहकर मालदीव भेजा गया. एक माह काम करने के बाद जब पैसे मांगा तो जिसके यहां काम कर रहा था उसने बताया कि 25 लाख रुपए में तुम्हे खरीद लिया है. दो माह तक काम करने के बाद उनके द्वारा एक रुपया भी नहीं दिया गया.

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विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर बेचा (ETV Bharat)

मालदीव पहुंचने पर ले लिया गया पासपोर्ट: इमरान ने बताया कि मालदीव पहुंचने के साथ ही वहां पासपोर्ट ले लिया गया. जब इस बात की जानकारी लगी तो वहां रहने वाले भारतीय लोगों से मुलाक़ात की. उनलोगों के सहयोग से पासपोर्ट मिला और इंडियन लोगों ने ही मुझे एयरपोर्ट पहुंचाया.

पैसे की वापसी के लिए PIL दायर: उन्होंने आगे बताया कि इस बीच मेरे भाई ने मेरा टिकट बना कर भेजा तो 26 नंबर को मालदीव से चला और मुंबई पहुंचा. फिर 27 नवंबर को कैफ़ी नसीम के घर जाकर उससे मिला. कैफी नसीम ने कहा कि इस बारे में किसी को कुछ मत बताना. तुम्हारा पैसा एक दिसंबर को दे देंगे. तीन दिसंबर तक कैफी से पैसा मिलने का इंतजार किया, लेकिन पैसा नहीं मिलने पर चार दिसंबर को मुजफ्फरपुर में एक वकील में माध्यम से पीआईएल दाखिल किया.

कर्ज में डूब चुका है शख्स: मो.इमरान मंसूरी के पिता जकीरुल्लाह अंसारी मजदूरी का काम करते हैं. बड़ा भाई जावेद अख्तर सिलाई का काम करता है.जबकि दूसरा भाई इरफ़ान मदरसा के पढ़ाने का काम करता है. घर की माली हालत ठीक नहीं होने के कारण वह विदेश जाकर ज्यादा पैसा कमाने के लिए कैफी नसीम के बातों में आ गया,लेकिन विदेश जाने के चक्कर में वह भारी कर्ज में डूब गया है. जिस कारण से उसके परिवार के साथ ही वह भी चिंतित है.

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