गौरेला पेंड्रा मरवाही: जीपीएम जिले में शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं का फायदा गरीबों तक नहीं पहुंच पा रहा है.शासकीय योजनाएं जिन गरीबों को फायदा पहुंचाती हैं,कई जगहों पर अधिकारियों के मेहरबानी के कारण उनके असली हकदार सुविधा से वंचित हो जाते हैं.ऐसा ही एक मामला गौरेला पेंड्रा मरवाही में सामने आया है.जहां के एक गांव में पिछले 3 महीने से गरीबों को राशन नहीं मिला है.गरीब अपना पेट पालने के लिए बाजार से चावल खरीदकर खा रहे हैं.
गरीबों को नहीं मिला राशन : पेंड्रा विकास खंड अंतर्गत ग्राम पंचायत जाटादेवरी के आश्रित गांव हर्राडीह के लोग इन दिनों मुश्किल में हैं.अप्रैल माह में शासन की ओर से गरीबों को एक साथ 70 किलो चावल देना था. लेकिन गांव में राशन दुकान का संचालन करने वाली वैष्णवी महिला स्व सहायता समूह ने हितग्राहियों को 70 किलो चावल नहीं दिया. राशन लेने पहुंचे ग्रामीणों को सेल्समेन ने सिर्फ 50 किलो चावल देकर ये कह दिया सिर्फ इतना ही स्टॉक आया है. 20 किलो चावल बाद में मिलेगा.इसके बाद जब हितग्राही 20 किलो चावल लेने के लिए राशन दुकान पहुंचे तो उन्हें दुकान संचालक ने घुमाना शुरु किया.आज तक ये 20 किलो चावल हितग्राहियों को नहीं मिला है.
4 माह से नहीं दिया राशन : यही नहीं कुछ हितग्राहियो का कहना है कि उन्हें राशन दुकान संचालक ने पिछले 4 माह से राशन नहीं दिया है.राशन के साथ मिलने वाला शक्कर और चना भी नदारद है.कई लोगों का आरोप है कि उनके कार्ड में बिना राशन बांटे ही एंट्री कर दी गई है. ग्रामीणों को राशन नहीं मिलने के कारण काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है. स्थिति ये है कि उन्हें अपना और अपने परिवार के लोगों का पेट भरने के लिए गांव के किराना दुकानों से चावल खरीदकर लाना पड़ रहा है.
''राशन दुकान संचालक ने ना तीन माह से राशन दिया है, ना ही शक्कर दिया है और ना ही चना दिया जा रहा है.पता करने पर बोलते हैं कि स्टाक नहीं आया है.''-किरण बाई, ग्रामीण
ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की मानें तो मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई है.लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है. वहीं खाद्य अधिकारी की माने तो मामले की शिकायत के बाद उन्होंने जांच करवाई है.
'' मामले में ग्रामीणों की शिकायत सही पाई गई है. जांच प्रतिवेदन बनाकर अग्रिम कार्रवाई के लिए एसडीएम पेंड्रा रोड को दे दिया गया है. जल्द ही मामले में कार्रवाई की जाएगी.''- श्वेता अग्रवाल, जिला खाद्य अधिकारी
गरीबों के साथ धोखाधड़ी का पहला मामला नहीं : सार्वजनिक वितरण प्रणाली में गरीब हितग्राहियों को मुफ्त में मिलने वाले राशन में हेराफेरी का यह कोई नया मामला नही है. लेकिन हेरा फेरी करने वाले दुकान संचालकों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होने से हर बार ऐसे मामले सामने आते हैं.यदि इस बार भी बिना कड़ी कार्रवाई के राशन दुकानदार को छोड़ दिया गया तो इसी तरह से गरीबों के राशन में डाका डलता रहेगा.