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एमपी बोर्ड की कंप्यूटर खरीदी में 50 करोड़ की गड़बड़ी के आरोप, लोकायुक्त में शिकायत के बाद हड़कंप

Mp board computer purchase irregularities : माध्यमिक शिक्षा मंडल के 3500 परीक्षा केंद्रों के लिए कंप्यूटर डेस्कटॉप फोटोकॉपी मशीन और यूपीएस की खरीदी में गड़बड़ी को लेकर लोकायुक्त संगठन में शिकायत दर्ज कराई गई है.

Mp board computer purchase issue
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 25, 2024, 3:13 PM IST

Updated : Jan 25, 2024, 3:59 PM IST

भोपाल. लोकायुक्त (Lokayukt Mp) में शिकायत दर्ज कराई गई है कि जब यह खरीदी की गई तब माध्यमिक शिक्षा मंडल (Mp education Board) की अध्यक्ष वीरा राणा थीं, जो वर्तमान में मप्र की मुख्य सचिव हैं. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उनके कार्यकाल में ही इस खरीदी में गड़बड़ी की गई है. हालांकि, माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधिकारियों के मुताबिक जो भी खरीदी हुई है वह नियमानुसार है.

शिकायत में उठाए गए ये सवाल

शिकायतकर्ता मनोहर पाल द्वारा की गई शिकायत में आरोप लगाए गए हैं कि तत्कालीन अध्यक्ष वीरा राणा (Veera Rana) के कार्यकाल के दौरान जून 2023 में मध्यप्रदेश के 3500 परीक्षा केन्द्रों के लिए कंप्यूटर डेस्कटॉप, फोटोकॉपियर और यूपीएस, इस तरह कुल तीन नग प्रति केंद्र का क्रय किया गया. इस क्रय में कंप्यूटर डेस्कटॉप का क्रय मूल्य रु 1 लाख 39 हजार 350 प्रति नग था. इस प्रकार समस्त उपकरणों पर कुल 96.70 करोड़ रु की धनराशि खर्च की गई. माध्यमिक शिक्षा मंडल के विषय विशेषज्ञों के अनुसार उपरोक्त क्रय किए गए कंप्यूटर खरीदी में बड़े स्तर पर अनियमित्ता हुई है.

खरीदी में जमकर गड़बड़ी के आरोप

शिक्षा मंडल के अधिकारियों ने बताया कि सहकारिता विभाग द्वारा सितंबर 2023 में 4519 सहकारी समितियां के लिए हार्डवेयर की खरीदी हुई है, जिसमें प्रति पैक्स के लिए 5 उपकरणों-डेस्कटॉप, मल्टी फंक्शन डिवाइस (फोटोकॉपी, स्कैन, प्रिंट), यूपीएस, वीपीएन और बायोमेट्रिक डिवाइस मिलाकर सभी उपकरणों का क्रय 1 लाख 22 हजार 76 में किया गया. इस प्रकार सारा क्रय 55 करोड़ रु में हुआ. यानी दोनों विभागों के हार्डवेयर खरीदी में तुलनात्मक रूप से लगभग 45 से 50 करोड़ रु का अंतर स्पष्ट देखा जा रहा है, दूसरा महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि दोनों विभागों द्वारा की गई खरीदी में माध्यमिक शिक्षा मंडल के प्रति नग डेस्कटॉप की दरें रुपये 82 हजार से अधिक है, जो कि प्रचलित बाजार दर की लगभग ढाई गुना है.

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ज्यादा दर पर कम कॉन्फिगरेशन के कंप्यूटर

आरोप लगाए गए हैं कि माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा हार्डवेयर उपकरणों के लिए 96.70 करोड़ की राशि खर्च की गई. वहीं दूसरी ओर सहकारिता विभाग द्वारा इसके लिए लगभग आधी राशि 55.16 करोड़ खर्च की गई. 1000 से भी अधिक पैक्स 3500 के स्थान पर 4519 पैक्स के लिए बेहतर स्पेसिफिकेशन के 5 हार्डवेयर उपकरणों को 3 वर्ष की वारंटी एवं 2 वर्ष की मेंटेनेंस के साथ क्रय किया गया है. माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 11th जनरेशन प्रोसेसर और कम कॉन्फिगरेशन वाले कंप्यूटर 1.39 लाख में क्रय किए गए, वहीं सहकारिता विभाग ने 12th जनरेशन के साथ बेहतर कॉन्फिगरेशन वाले कंप्यूटर महज 57,052 क्रय किए. उधर माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव केडी त्रिपाठी का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया में पूरे नियमों का पालन किया गया है इसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है, आरोप पूरी तरह से निराधार हैं.

भोपाल. लोकायुक्त (Lokayukt Mp) में शिकायत दर्ज कराई गई है कि जब यह खरीदी की गई तब माध्यमिक शिक्षा मंडल (Mp education Board) की अध्यक्ष वीरा राणा थीं, जो वर्तमान में मप्र की मुख्य सचिव हैं. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उनके कार्यकाल में ही इस खरीदी में गड़बड़ी की गई है. हालांकि, माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधिकारियों के मुताबिक जो भी खरीदी हुई है वह नियमानुसार है.

शिकायत में उठाए गए ये सवाल

शिकायतकर्ता मनोहर पाल द्वारा की गई शिकायत में आरोप लगाए गए हैं कि तत्कालीन अध्यक्ष वीरा राणा (Veera Rana) के कार्यकाल के दौरान जून 2023 में मध्यप्रदेश के 3500 परीक्षा केन्द्रों के लिए कंप्यूटर डेस्कटॉप, फोटोकॉपियर और यूपीएस, इस तरह कुल तीन नग प्रति केंद्र का क्रय किया गया. इस क्रय में कंप्यूटर डेस्कटॉप का क्रय मूल्य रु 1 लाख 39 हजार 350 प्रति नग था. इस प्रकार समस्त उपकरणों पर कुल 96.70 करोड़ रु की धनराशि खर्च की गई. माध्यमिक शिक्षा मंडल के विषय विशेषज्ञों के अनुसार उपरोक्त क्रय किए गए कंप्यूटर खरीदी में बड़े स्तर पर अनियमित्ता हुई है.

खरीदी में जमकर गड़बड़ी के आरोप

शिक्षा मंडल के अधिकारियों ने बताया कि सहकारिता विभाग द्वारा सितंबर 2023 में 4519 सहकारी समितियां के लिए हार्डवेयर की खरीदी हुई है, जिसमें प्रति पैक्स के लिए 5 उपकरणों-डेस्कटॉप, मल्टी फंक्शन डिवाइस (फोटोकॉपी, स्कैन, प्रिंट), यूपीएस, वीपीएन और बायोमेट्रिक डिवाइस मिलाकर सभी उपकरणों का क्रय 1 लाख 22 हजार 76 में किया गया. इस प्रकार सारा क्रय 55 करोड़ रु में हुआ. यानी दोनों विभागों के हार्डवेयर खरीदी में तुलनात्मक रूप से लगभग 45 से 50 करोड़ रु का अंतर स्पष्ट देखा जा रहा है, दूसरा महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि दोनों विभागों द्वारा की गई खरीदी में माध्यमिक शिक्षा मंडल के प्रति नग डेस्कटॉप की दरें रुपये 82 हजार से अधिक है, जो कि प्रचलित बाजार दर की लगभग ढाई गुना है.

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ज्यादा दर पर कम कॉन्फिगरेशन के कंप्यूटर

आरोप लगाए गए हैं कि माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा हार्डवेयर उपकरणों के लिए 96.70 करोड़ की राशि खर्च की गई. वहीं दूसरी ओर सहकारिता विभाग द्वारा इसके लिए लगभग आधी राशि 55.16 करोड़ खर्च की गई. 1000 से भी अधिक पैक्स 3500 के स्थान पर 4519 पैक्स के लिए बेहतर स्पेसिफिकेशन के 5 हार्डवेयर उपकरणों को 3 वर्ष की वारंटी एवं 2 वर्ष की मेंटेनेंस के साथ क्रय किया गया है. माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 11th जनरेशन प्रोसेसर और कम कॉन्फिगरेशन वाले कंप्यूटर 1.39 लाख में क्रय किए गए, वहीं सहकारिता विभाग ने 12th जनरेशन के साथ बेहतर कॉन्फिगरेशन वाले कंप्यूटर महज 57,052 क्रय किए. उधर माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव केडी त्रिपाठी का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया में पूरे नियमों का पालन किया गया है इसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है, आरोप पूरी तरह से निराधार हैं.

Last Updated : Jan 25, 2024, 3:59 PM IST
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