कोरिया : जिला के पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में पर्यावरण संरक्षण के नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई गईं.यहां के प्रांगण में तीन हरे भरे पेड़ों को विकास के नाम पर बलि की वेदी पर चढ़ा दिया गया.अब रहवासियों का आरोप है कि तीन विशाल सेमरा के पेड़ों को अवैध रुप से काटा गया है.वहीं जब पेड़ों की कटाई को लेकर जिम्मेदारों से सवाल पूछा गया तो वो बंगले झांकते नजर आएं.
पेड़ की कटाई के बाद लकड़ियां साफ :जब एक ओर पूरा देश 'एक पेड़ माँ के नाम' जैसी योजनाओं के तहत पर्यावरण को हरा-भरा रखने के प्रयास कर रहा है, वहीं दूसरी ओर पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सरकारी भूमि से तीन बड़े पेड़ों को बिना किसी मंजूरी के धराशायी कर दिया गया. इतना ही नहीं, काटे गए वृक्षों की लकड़ियां भी गायब हो गईं हैं.अधिकारियों से जब इस पर सवाल किया गया, तो गोलमोल जवाब देते हुए कहा गया कि नई बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है और वृक्षों की कटाई आवश्यक थी. लेकिन जब उनसे इस संबंध में कोई अनुमति पत्र दिखाने को कहा गया, तो सभी ने मौन साध लिया.
अफसर ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही : इस मामले को उस समय और भी संज्ञान में लाया गया, जब सरगुजा संभाग के संयुक्त स्वास्थ्य संचालक डॉ. अनिल कुमार शुक्ला निरीक्षण के लिए पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे.पत्रकारों ने जब उनसे इस अवैध कटाई के बारे में पूछा, तो उन्होंने इस पर जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही.
"यह मामला मेरे संज्ञान में आया है और इसके लिए जल्द ही जांच के आदेश जारी किए जाएंगे। यदि इसमें नियमों का उल्लंघन पाया गया, तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी."- डॉ अनिल कुमार शुक्ला, संयुक्त स्वास्थ्य संचालक
इस मामले ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सरकारी उदासीनता और लापरवाही को उजागर किया है.अब देखना होगा कि इस मामले में कितनी जल्दी और कैसी प्रभावी कार्रवाई होती है, या फिर ये मामला भी चुपचाप फाइलों में दबकर धूल जमने का इंतजार करेगा.