सक्ती : जिले में स्थापित डीबी पावर प्लांट और आरकेएम पावर प्लांट की मनमानी के कारण क्षेत्रवासी परेशान हैं. अब प्लांट के कर्मचारियों ने भी प्रबंधन से त्रस्त होकर प्लांट प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोला है. प्लांट प्रबंधन पर कर्मचारियों ने शोषण करने का आरोप लगाया है.
क्या है प्लांट प्रबंधन पर आरोप ? : डीबी पावर और आरकेएम पावर प्लांट के कर्मचारियों ने बताया कि प्लांट ने उनकी जमीन ले ली.जिसके बदले उन्हें नौकरी दी गई.लेकिन अब नौकरी के नाम पर कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है. प्लांट में जानवरों की तरह उनसे काम लिया जा रहा है.यही नहीं 10 साल पहले जिस सैलरी में उन्हें प्लांट में नौकरी दी गई थी,उसी सैलरी पर आज तक काम लिया जा रहा है.
''हमारी जमीन लेकर यह प्लांट लगाया गया है लेकिन आज भी प्लांट में बाहर से आए कर्मचारियों को ज्यादा तंख्वा और महत्व दिया जाता है.''- सुभाष दास महंत,कर्मचारी डीबी पावर प्लांट
कलेक्टर ने दिया मदद का भरोसा : वहीं इस मामले पर जिला कलेक्टर नुपुर राशि पन्ना ने कहा कि डीबी पावर प्लांट और आरकेएम पावर प्लांट के भू विस्थापित किसान समस्या लेकर आए थे. उनकी शिकायत को लेकर दोनों प्लांट प्रबंधन से चर्चा कर जल्द ही समस्या का समाधान निकाला जाएगा.
छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही अब लोगों को एक बार फिर से उम्मीद की नई किरण दिखाई दे रही है.कर्मचारियों का मानना है कि उनकी समस्याओं का समाधान होगा.मौजूदा समय में स्थानीय विधायक रामकुमार यादव प्लांट कर्मियों के साथ खड़े हैं.आपको बता दें कि रामकुमार यादव की पार्टी जब सत्ता में थी.लेकिन पांच सालों में कर्मचारियों की तकलीफ नहीं दिखाई दी.वहीं अब जब जनता ने उन्हें विपक्ष में बिठाया है,तो बड़ी तन्मयता से कर्मचारियों के हित की बातें करने में वे पीछे नहीं हट रहे हैं.