दुर्ग : जिले के रिसामा गांव में ग्रामीणों ने बिना परमिशन के खनन और परिवहन का आरोप लगाया है.ग्रामीणों की माने तो जिस जगह पर खनन का कार्य हो रहा है,वहां के लिए ग्राम सभा से अनुमति नहीं ली गई है. गुरुवार को जब खनन के लिए मशीनें मौके पर पहुंची तो ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करके काम रुकवा दिया.इस बात की जानकारी खनिज विभाग को दी गई.इसके बाद मौके पर आकर टीम ने जांच की.
क्या है ग्रामीणों का आरोप : ग्रामीणों ने आरोप लगाएं हैं कि जिस जगह पर भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए खुदाई हो रही है.वहां पर मुरुम के लिए परमिशन मिला था.लेकिन संबंधित तालाब से पत्थरों की खुदाई की जा रही है.जिसके लिए ग्राम सभा ने अनुमति नहीं दी है.इसलिए काम को रुकवा दिया गया है.ग्राम सभा से दोबारा अनुमति मिलने के बाद ही खुदाई शुरु करवाई जाएगी.वहीं खनिज अधिकारी के मुताबिक पूरा मामला ग्राम सभा की अनुमति का है ना कि अवैध खनन का.
'' ग्रामीणों ने अवैध खनन की शिकायत की थी.ग्रामीणों का कहना था कि जिस जगह पर खुदाई हो रही है वहां पर खनन की अनुमति ग्राम सभा के माध्यम से नहीं दी गई है.बिना अनुमति और रॉयल्टी पर्ची के खनन हो रहा है.जिससे पंचायत को नुकसान हो रहा है.इसलिए जब तक अनुमति नहीं दी जाती तब तक खनन का कार्य नहीं होगा.''- दीपक मिश्रा,जिला खनिज विभाग
भारत माला परियोजना के लिए की जा रही खोदाई रिसामा के ग्रामीण पीलेश्वर साहू ने बताया कि भारतमाला परियोजना में उपयोग के लिए तालाब की खोदाई हो रही है. ग्राम पंचायत ने मुरुम खनन की अनुमति दी है. लेकिन पत्थर खोदकर निकाला जा रहा था.
'' मुझे सिर्फ निगरानी रखने के लिए रखा गया है.तीन दिन से मैं काम में आ रहा हूं.मेरा काम जितने भी ट्रिप यहां से गाड़ी निकलती है उसका हिसाब रखना है.अब तक कितना खनन हुआ है इस बात की जानकारी मुझे नहीं है.खनन की जानकारी इकट्ठा करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.'' - पीलेश्वर साहू,ग्रामीण रिसामा
आपको बता दें कि जिस तरह से ग्रामीणों ने आरोप लगाए है उसे लेकर खनिज विभाग को सख्त कदम उठाने चाहिए.क्योंकि मुरुम की अनुमति पर यदि पत्थरों की खुदाई हो रही है तो इससे शासन को लाखों का चूना लग रहा है.