प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक राजूपाल हत्याकांड की पत्रावली तलब की है. हत्याकांड में शामिल अभियुक्त इसरार अहमद की उम्रकैद की सजा के खिलाफ आपराधिक अपील सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सीबीआई को चार सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति अज़हर हुसैन इदरीसी की खंडपीठ ने बुधवार को इसरार की अपील पर सुनवाई की. अपील में सीबीआई की विशेष अदालत लखनऊ के 4 अप्रैल 2024 के फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इसके खिलाफ अपील दाखिल कर सजा को निलंबित करने तथा जमानत पर रिहा करने की मांग की गई है.
विधायक राजू पाल की जनवरी 2005 में प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के सुलेमसराय में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. हत्यारों ने न सिर्फ अत्याधुनिक हथियारों का प्रयोग किया था, बल्कि फ़िल्मी अंदाज़ में राजू पाल और अन्य घायलों को अस्पताल ले जाते समय भी रास्ते में कई जगह गोली मारी थी. इस सनसनीखेज़ हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद, पूर्व विधायक मोहम्मद अशरफ उर्फ खालिद अजीम सहित दर्जनों लोगों को नामजद किया गया था.
आरम्भ में पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट दाखिल की. मगर राजू पाल की पत्नी विधायक पूजा पाल की मांग पर मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. सीबीआई की विशेष अदालत ने 7 आरोपियों को सजा सुनाई थी. जबकि सज़ा सुनाने से पहले ही अतीक और अशरफ की भी हत्या हो चुकी थी. इसलिए उनके खिलाफ मामला उपशमित कर दिया गया.
सजायाफ्ता अभियुक्तों में एक इसरार ने सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील में कहा है कि सीबीआई अदालत का फैसला गलत है. उसके खिलाफ साक्ष्य नहीं हैं. संदेहजनक साक्ष्यों के आधार पर उसे फंसाया गया है. वह निर्दोष है.