प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को गौतमबुद्धनगर के सेक्टर 49 में कोविड नियमों का उल्लघंन कर जुलूस निकालने के मामले में आरोपी उत्तर प्रदेश के सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, जयंत चौधरी, अफजाल अंसारी, अब्बास अंसारी आदि के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर लगी रोक 30 जुलाई तक बढ़ा दी.
यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने इन नेताओं की ओर से दाखिल याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया. कोर्ट ने याचिका पर अगली सुनवाई के 30 जुलाई की तारीख तय की है. इन लोगों के खिलाफ कोविड गाइडलाइंस का उल्लघंन करने पर मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में आपराधिक कार्रवाई की जानी है या नहीं, यह निर्णय सरकार को लेना है.
इससे पहले गृह सचिव संजीव गुप्ता ने बताया था कि यह सरकारी नीति का मामला है और निर्णय लेने के लिए दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा था. पिछली सुनवाई पर राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि अभी माडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू है इसलिए नीतिगत फैसला नहीं लिया जा सकता. जून माह के अंत तक निर्णय लिया जाएगा.
कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह और प्रमुख सचिव न्याय से इस मामले में व्यक्तिगत हलफनामा मांगा था. मंगलवार को प्रमुख सचिव गृह व प्रमुख सचिव न्याय की ओर से हलफनामा दाखिल कर कहा गया कि इस मामले में आपराधिक कार्रवाई की जानी है या नहीं, आचार संहिता लागू होने के कारण सरकार अभी कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले सकती.
मामले के तथ्यों के अनुसार फरवरी 2022 में इन नेताओं ने नोएडा में रैली की और कोविड नियमों और गाइडलाइंस का उल्लघंन कर भीड़ एकत्र कर जुलूस निकाला, जिस पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. पुलिस ने विवेचना के बाद चार्जशीट दाखिल की और एसीजेएम गौतमबुद्धनगर ने उस पर संज्ञान ले लिया है. कोर्ट ने मामले में सरकार द्वारा निर्णय लिए जाने तक उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी.
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