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बेसिक शिक्षा निदेशक को हाईकोर्ट ने जारी किया जमानती वारंट, कोर्ट का नोटिस लौटने पर हुई कार्रवाई - Allahabad High Court News - ALLAHABAD HIGH COURT NEWS

दीपक गुप्ता की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने दिया है. कोर्ट ने कहा कि अवमानना की कार्यवाही चाहे वह सिविल हो या क्रिमिनल, अर्द्ध अपराधिक प्रकृति की होती है और यह अवमानना करने वाले के लिए व्यक्तिगत होती है. यदि अदालत ने नोटिस जारी करना उचित समझा है तो यह उनकी जिम्मेदारी है कि उसे स्वीकार कर स्पष्टीकरण दें.

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बेसिक शिक्षा निदेशक को हाईकोर्ट ने जारी किया जमानती वारंट (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 15, 2024, 8:06 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अवमानना याचिका पर जारी नोटिस स्वीकार नहीं करने पर निदेशक बेसिक शिक्षा लखनऊ प्रताप सिंह बघेल को जमानती वारंट जारी किया है. कोर्ट ने बघेल को सीजेएम लखनऊ के समक्ष हाजिर होकर 20 हजार रुपये का व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल करने और इस आशय की अंडरटेकिंग देने का निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई 17 मई को वह व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट में हाजिर होंगे.

दीपक गुप्ता की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने दिया है. हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व बेसिक शिक्षा सचिव प्रताप सिंह बघेल को नोटिस जारी किया है. जिसकी पावती पर 14 मई को जवाब देना था.

कोर्ट को बताया गया कि बघेल ने नोटिस यह कहकर स्वीकार नहीं किया कि अब वह निदेशक बेसिक शिक्षा के पद पर हैं और नोटिस सचिव बेसिक शिक्षा के लिए है. इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा कि निदेशक ने दोहरी अवमानना की है. एक तो उन्होंने आदेश का पालन नहीं किया, दूसरा नोटिस लेने से मना किया.

कोर्ट ने कहा कि अवमानना की कार्यवाही चाहे वह सिविल हो या क्रिमिनल, अर्द्ध अपराधिक प्रकृति की होती है और यह अवमानना करने वाले के लिए व्यक्तिगत होती है. यदि अदालत ने नोटिस जारी करना उचित समझा है तो यह उनकी जिम्मेदारी है कि उसे स्वीकार कर स्पष्टीकरण दें.

कोर्ट ने वारंट जारी करते हुए अगली सुनवाई पर निदेशक को तलब किया है. साथ ही सीजेएम लखनऊ के समक्ष हाजिर होकर 20 हजार रुपये का व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल करने के भी आदेश दिए.

ये भी पढ़ेंः डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में वादकारी से मारपीट में हुई पहचान, दस और वकीलों के परिसर में प्रवेश पर रोक लगी

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अवमानना याचिका पर जारी नोटिस स्वीकार नहीं करने पर निदेशक बेसिक शिक्षा लखनऊ प्रताप सिंह बघेल को जमानती वारंट जारी किया है. कोर्ट ने बघेल को सीजेएम लखनऊ के समक्ष हाजिर होकर 20 हजार रुपये का व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल करने और इस आशय की अंडरटेकिंग देने का निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई 17 मई को वह व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट में हाजिर होंगे.

दीपक गुप्ता की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने दिया है. हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व बेसिक शिक्षा सचिव प्रताप सिंह बघेल को नोटिस जारी किया है. जिसकी पावती पर 14 मई को जवाब देना था.

कोर्ट को बताया गया कि बघेल ने नोटिस यह कहकर स्वीकार नहीं किया कि अब वह निदेशक बेसिक शिक्षा के पद पर हैं और नोटिस सचिव बेसिक शिक्षा के लिए है. इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा कि निदेशक ने दोहरी अवमानना की है. एक तो उन्होंने आदेश का पालन नहीं किया, दूसरा नोटिस लेने से मना किया.

कोर्ट ने कहा कि अवमानना की कार्यवाही चाहे वह सिविल हो या क्रिमिनल, अर्द्ध अपराधिक प्रकृति की होती है और यह अवमानना करने वाले के लिए व्यक्तिगत होती है. यदि अदालत ने नोटिस जारी करना उचित समझा है तो यह उनकी जिम्मेदारी है कि उसे स्वीकार कर स्पष्टीकरण दें.

कोर्ट ने वारंट जारी करते हुए अगली सुनवाई पर निदेशक को तलब किया है. साथ ही सीजेएम लखनऊ के समक्ष हाजिर होकर 20 हजार रुपये का व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल करने के भी आदेश दिए.

ये भी पढ़ेंः डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में वादकारी से मारपीट में हुई पहचान, दस और वकीलों के परिसर में प्रवेश पर रोक लगी

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