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इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी को NIRF रैंकिंग में नहीं मिला कोई स्थान, मैनेजमेंट डिपार्टमेंट ने बचाई लाज - Allahabad Central University - ALLAHABAD CENTRAL UNIVERSITY

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय को 2016 में 68वीं रैंक मिली थी, वहीं 2017 में 95वीं रैंक मिली (Allahabad Central University) थी और 2018 में 144वीं रैंक मिली थी, लेकिन उसके बाद इस विश्वविद्यालय को 200 तक में कोई भी रैंक नहीं मिल सकी है.

इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 16, 2024, 11:44 AM IST

जानकारी देतीं पीआरओ प्रो जया कपूर व छात्रनेता अभिनव मिश्रा (Video credit: ETV Bharat)

प्रयागराज : पूरब का ऑक्सफोर्ड कहा जाने वाला इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एनआईआरएफ रैंकिंग में इस बार भी कोई स्थान नहीं बना सका है. एनआईआरएफ की ताजा रैंकिंग में इलाहाबाद सेंट्रल विश्वविद्यालय टॉप 10 तो दूर टॉप 200 में भी कोई स्थान नहीं हासिल कर सका है, लेकिन इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की वीसी प्रो. संगीता श्रीवास्तव के तमाम प्रयासों का नतीजा है कि इस विश्वविद्यालय को इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट वर्ग की रैंकिंग में स्थान मिल गया है.

एनआईआरएफ की ओर से ताजा रैंकिंग जारी की गई है, इसमें इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी को टॉप 200 में कोई स्थान नहीं मिला है. 2016 में जहां 68वीं रैंक मिली थी, वहीं 2017 में 95वीं रैंक मिली थी और 2018 में 144वीं रैंक मिली थी, लेकिन उसके बाद इस विश्वविद्यालय को 200 तक में कोई भी रैंक नहीं मिल सकी है.

एनआईआरएफ इन 5 आधारों पर जारी करता है रैंकिंग : राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क एनआईआरएफ की तरफ से रैंकिंग जारी करने के लिए टीम निरीक्षण करती है. रैंकिंग जारी करने से पहले विश्वविद्यालय को 5 मापदंडों के पैमाने पर शिक्षा संस्थानों में टीमें जाकर निरीक्षण करके हर साल उनकी रैंकिंग का निर्धारण करती हैं. रैंकिंग निर्धारण के लिए 5 प्रमुख मापदंड हैं, जिनमें संस्थान के शिक्षण अध्ययन और संसाधन, शोध और व्यावसायिक अभ्यास, शैक्षणिक परिणाम, आउटरीज एवं समावेशिता और एकेडमिक पियर और रोजगारदाता की धारणा का मापन किया जाता है.

दो वर्गों में मिली उपलब्धि गिना रहा है विश्वविद्यालय प्रशासन : इलाहाबाद सेंट्रल विश्वविद्यालय को एनआईआरएफ की तरफ से जारी ओवरऑल रैंकिंग में 200 में कोई स्थान नहीं मिल पाया है, लेकिन इलाहाबाद सेंट्रल विश्वविद्यालय की पीआरओ प्रो. जया कपूर ने बताया कि ओवरऑल कैटेगरी में भले ही कोई रैंकिंग नहीं आई है. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को 201 से 300 की कैटेगरी में स्थान मिला है और मैनेजमेंट डिपार्टमेंट को 101 से 125 की रैंकिंग में रखा गया है.

वीसी प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने इस उपलब्धि के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन को बधाई दी है. इसके साथ ही भविष्य में ओवरऑल रैंकिंग में स्थान हासिल करने की उम्मीद जताई है, वहीं इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की पीआरओ जया कपूर का कहना है कि इस बार जो एनआईआरएफ की 2024 की रैंकिंग जारी की गई है उसमें 2023 के आंकड़ों को आधार माना गया है. इसमें शिक्षक विद्यार्थी अनुपात बहुत ज्यादा होने के कारण ओवरऑल रेंकिंग में उम्मीद से कम रैंक मिली है. उनका कहना है कि पिछले दो वर्षों में यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की जो नियुक्तियां हुई हैं उससे शिक्षक छात्र अनुपात में सुधार हुआ है. जिससे आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय ओवरऑल रैंकिंग स्थान हासिल जरूर करेगा.

छात्रों ने रैंकिंग में स्थान न मिलने पर जताया अफसोस : इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के देश के 200 शिक्षण संस्थानों में कोई रैंक न हासिल कर पाने से छात्रों में मायूसी है. छात्र नेता अभिनव मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन उसके बावजूद एआईआरएफ की रैंकिंग में कोई स्थान न मिलना मायूस करने वाला है. उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन रैंकिंग बढ़ाने के मानकों में शिक्षक छात्र अनुपात में सुधार लाने के लिए शिक्षकों की भर्तियां की हैं, लेकिन अन्य बिंदुओं पर उतना ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इस कारण ओवरऑल रैंकिंग में कोई स्थान नहीं मिल पाया है. यूनिवर्सिटी में क्लासेज, हॉस्टल और छात्रों को मिलने वाली अन्य सुविधाओं को ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा है, जिस कारण भी रैंकिंग में सुधार नहीं हो पा रहा है.

यह भी पढ़ें : इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्रा ज्योत्सना ने अंतरराष्ट्रीय यूथ सम्मेलन में लहराया परचम

यह भी पढ़ें : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों का प्रदर्शन, चीफ और असिस्टेंट प्रॉक्टर को हटाने की मांग

जानकारी देतीं पीआरओ प्रो जया कपूर व छात्रनेता अभिनव मिश्रा (Video credit: ETV Bharat)

प्रयागराज : पूरब का ऑक्सफोर्ड कहा जाने वाला इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एनआईआरएफ रैंकिंग में इस बार भी कोई स्थान नहीं बना सका है. एनआईआरएफ की ताजा रैंकिंग में इलाहाबाद सेंट्रल विश्वविद्यालय टॉप 10 तो दूर टॉप 200 में भी कोई स्थान नहीं हासिल कर सका है, लेकिन इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की वीसी प्रो. संगीता श्रीवास्तव के तमाम प्रयासों का नतीजा है कि इस विश्वविद्यालय को इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट वर्ग की रैंकिंग में स्थान मिल गया है.

एनआईआरएफ की ओर से ताजा रैंकिंग जारी की गई है, इसमें इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी को टॉप 200 में कोई स्थान नहीं मिला है. 2016 में जहां 68वीं रैंक मिली थी, वहीं 2017 में 95वीं रैंक मिली थी और 2018 में 144वीं रैंक मिली थी, लेकिन उसके बाद इस विश्वविद्यालय को 200 तक में कोई भी रैंक नहीं मिल सकी है.

एनआईआरएफ इन 5 आधारों पर जारी करता है रैंकिंग : राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क एनआईआरएफ की तरफ से रैंकिंग जारी करने के लिए टीम निरीक्षण करती है. रैंकिंग जारी करने से पहले विश्वविद्यालय को 5 मापदंडों के पैमाने पर शिक्षा संस्थानों में टीमें जाकर निरीक्षण करके हर साल उनकी रैंकिंग का निर्धारण करती हैं. रैंकिंग निर्धारण के लिए 5 प्रमुख मापदंड हैं, जिनमें संस्थान के शिक्षण अध्ययन और संसाधन, शोध और व्यावसायिक अभ्यास, शैक्षणिक परिणाम, आउटरीज एवं समावेशिता और एकेडमिक पियर और रोजगारदाता की धारणा का मापन किया जाता है.

दो वर्गों में मिली उपलब्धि गिना रहा है विश्वविद्यालय प्रशासन : इलाहाबाद सेंट्रल विश्वविद्यालय को एनआईआरएफ की तरफ से जारी ओवरऑल रैंकिंग में 200 में कोई स्थान नहीं मिल पाया है, लेकिन इलाहाबाद सेंट्रल विश्वविद्यालय की पीआरओ प्रो. जया कपूर ने बताया कि ओवरऑल कैटेगरी में भले ही कोई रैंकिंग नहीं आई है. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को 201 से 300 की कैटेगरी में स्थान मिला है और मैनेजमेंट डिपार्टमेंट को 101 से 125 की रैंकिंग में रखा गया है.

वीसी प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने इस उपलब्धि के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन को बधाई दी है. इसके साथ ही भविष्य में ओवरऑल रैंकिंग में स्थान हासिल करने की उम्मीद जताई है, वहीं इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की पीआरओ जया कपूर का कहना है कि इस बार जो एनआईआरएफ की 2024 की रैंकिंग जारी की गई है उसमें 2023 के आंकड़ों को आधार माना गया है. इसमें शिक्षक विद्यार्थी अनुपात बहुत ज्यादा होने के कारण ओवरऑल रेंकिंग में उम्मीद से कम रैंक मिली है. उनका कहना है कि पिछले दो वर्षों में यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की जो नियुक्तियां हुई हैं उससे शिक्षक छात्र अनुपात में सुधार हुआ है. जिससे आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय ओवरऑल रैंकिंग स्थान हासिल जरूर करेगा.

छात्रों ने रैंकिंग में स्थान न मिलने पर जताया अफसोस : इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के देश के 200 शिक्षण संस्थानों में कोई रैंक न हासिल कर पाने से छात्रों में मायूसी है. छात्र नेता अभिनव मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन उसके बावजूद एआईआरएफ की रैंकिंग में कोई स्थान न मिलना मायूस करने वाला है. उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन रैंकिंग बढ़ाने के मानकों में शिक्षक छात्र अनुपात में सुधार लाने के लिए शिक्षकों की भर्तियां की हैं, लेकिन अन्य बिंदुओं पर उतना ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इस कारण ओवरऑल रैंकिंग में कोई स्थान नहीं मिल पाया है. यूनिवर्सिटी में क्लासेज, हॉस्टल और छात्रों को मिलने वाली अन्य सुविधाओं को ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा है, जिस कारण भी रैंकिंग में सुधार नहीं हो पा रहा है.

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