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अब सरकारी स्कूलों की हर साल दो बार होगी रैंकिंग, अपर मुख्य सचिव ने सभी DEO को जारी किया निर्देश - Bihar Schools Ranking - BIHAR SCHOOLS RANKING

Government Schools Of Bihar: अब बिहार के सभी सरकारी स्कूलों की साल में दो बार रैंकिंग होगी. विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और छात्रों के समग्र विकास को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है. इस बाबत निर्देश भी जारी कर दिया गया है.

Bihar Schools Ranking
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 18, 2024, 1:54 PM IST

पटना: बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने साल में दो बार स्कूलों की रैंकिंग को लेकर प्रदेश के तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश जारी कर दिया है. विद्यालय में विद्यार्थियों के शैक्षिक उपलब्धि के साथ-साथ उनके सामाजिक और भावनात्मक व्यवहार को देखते हुए विद्यालयों की रैंकिंग होगी. नवंबर और मार्च के महीने में रैंकिंग जारी की जाएगी.

स्कूलों के लिए अलग-अलग रैंकिंग फॉर्मेट: एस. सिद्धार्थ ने पत्र में कहा है कि उनके द्वारा 8 अगस्त को इस वर्ष 'शिक्षक मार्ग-दर्शिका' निर्गत किया गया है. जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता कैसे उत्कृष्ट हो, इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश है. इसी क्रम में प्राथमिक/मध्य और माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए अलग-अलग रैंकिंग के लिए प्रपत्र तैयार किए गए हैं. इसमें विद्यालयों में संचालित विभिन्न गतिविधियों जैसे शिक्षण और अधिगम, संसाधन उपयोग, साफ-सफाई, स्वच्छता, शिकायत निवारण, सह-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए अलग-अलग नंबर तय किए गए हैं.

कुल 100 नंबर की है रैंकिंग: डॉ. एस सिद्धार्थ ने अपने निर्देश पत्र में कहा है कि कुल 100 अंकों की रैंकिंग होगी. इसमें सभी प्रकार की विद्यालयों के लिए वार्षिक और अर्धवार्षिक परीक्षा के औसत अंक के लिए अधिकतम 20 अंक है. मासिक परीक्षा में विद्यार्थियों के औसत अंक के लिए अधिकतम 10 अंक हैं. पिछले तीन माह में छात्रों की औसत उपस्थिति के लिए अधिकतम 10 अंक है, पिछले 3 माह में शिक्षकों की औसत उपस्थिति के लिए अधिकतम 10 अंक हैं. स्वच्छता के विभिन्न श्रेणियां में कुल 15 अंक हैं, जिसमें सबसे अधिक विद्यार्थियों के पर्सनल हाइजीन पर अधिकतम पांच अंक हैं.

"प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों में अब प्रतिवर्ष दो बार रैंकिंग होगी. प्राथमिक/मध्य और माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए अलग-अलग रैंकिंग के लिए प्रपत्र तैयार किए गए हैं. कुल 100 अंकों में रैंकिंग करनी है. इस रैंकिंग की प्रविष्टि सभी शिक्षकों के वार्षिक मूल्यांकन प्रतिवेदन में बाध्यकारी रूप से की जाएगी."- एस. सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग

ग्रेड और स्टार रेटिंग होगी विद्यालयों की: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देश पत्र के मुताबिक इन विद्यालयों की ग्रेड और स्टार रेटिंग होगी. जो विद्यालय 85 से 100 अंक हासिल करेंगे, उन्हें A+ ग्रेड मिलेगा और फाइव स्टार रेटिंग दी जाएगी. जो विद्यालय 75 से 84 अंक हासिल करेंगे, उन्हें A ग्रेड मिलेगा और फोर स्टार रेटिंग दी जाएगी. 50 से 74 अंक हासिल करने वाले विद्यालयों को B ग्रेड मिलेगा और 3 स्टार रेटिंग दी जाएगी. 25 से 49 अंक प्राप्त करने वाले विद्यालयों को C ग्रेड मिलेगा और टू स्टार रेटिंग दी जाएगी. और 0 से 24 अंक हासिल करने वाले विद्यालयों को D ग्रेड मिलेगा और एक स्टार रेटिंग दी जाएगी.

पटना: बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने साल में दो बार स्कूलों की रैंकिंग को लेकर प्रदेश के तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश जारी कर दिया है. विद्यालय में विद्यार्थियों के शैक्षिक उपलब्धि के साथ-साथ उनके सामाजिक और भावनात्मक व्यवहार को देखते हुए विद्यालयों की रैंकिंग होगी. नवंबर और मार्च के महीने में रैंकिंग जारी की जाएगी.

स्कूलों के लिए अलग-अलग रैंकिंग फॉर्मेट: एस. सिद्धार्थ ने पत्र में कहा है कि उनके द्वारा 8 अगस्त को इस वर्ष 'शिक्षक मार्ग-दर्शिका' निर्गत किया गया है. जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता कैसे उत्कृष्ट हो, इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश है. इसी क्रम में प्राथमिक/मध्य और माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए अलग-अलग रैंकिंग के लिए प्रपत्र तैयार किए गए हैं. इसमें विद्यालयों में संचालित विभिन्न गतिविधियों जैसे शिक्षण और अधिगम, संसाधन उपयोग, साफ-सफाई, स्वच्छता, शिकायत निवारण, सह-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए अलग-अलग नंबर तय किए गए हैं.

कुल 100 नंबर की है रैंकिंग: डॉ. एस सिद्धार्थ ने अपने निर्देश पत्र में कहा है कि कुल 100 अंकों की रैंकिंग होगी. इसमें सभी प्रकार की विद्यालयों के लिए वार्षिक और अर्धवार्षिक परीक्षा के औसत अंक के लिए अधिकतम 20 अंक है. मासिक परीक्षा में विद्यार्थियों के औसत अंक के लिए अधिकतम 10 अंक हैं. पिछले तीन माह में छात्रों की औसत उपस्थिति के लिए अधिकतम 10 अंक है, पिछले 3 माह में शिक्षकों की औसत उपस्थिति के लिए अधिकतम 10 अंक हैं. स्वच्छता के विभिन्न श्रेणियां में कुल 15 अंक हैं, जिसमें सबसे अधिक विद्यार्थियों के पर्सनल हाइजीन पर अधिकतम पांच अंक हैं.

"प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों में अब प्रतिवर्ष दो बार रैंकिंग होगी. प्राथमिक/मध्य और माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए अलग-अलग रैंकिंग के लिए प्रपत्र तैयार किए गए हैं. कुल 100 अंकों में रैंकिंग करनी है. इस रैंकिंग की प्रविष्टि सभी शिक्षकों के वार्षिक मूल्यांकन प्रतिवेदन में बाध्यकारी रूप से की जाएगी."- एस. सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग

ग्रेड और स्टार रेटिंग होगी विद्यालयों की: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देश पत्र के मुताबिक इन विद्यालयों की ग्रेड और स्टार रेटिंग होगी. जो विद्यालय 85 से 100 अंक हासिल करेंगे, उन्हें A+ ग्रेड मिलेगा और फाइव स्टार रेटिंग दी जाएगी. जो विद्यालय 75 से 84 अंक हासिल करेंगे, उन्हें A ग्रेड मिलेगा और फोर स्टार रेटिंग दी जाएगी. 50 से 74 अंक हासिल करने वाले विद्यालयों को B ग्रेड मिलेगा और 3 स्टार रेटिंग दी जाएगी. 25 से 49 अंक प्राप्त करने वाले विद्यालयों को C ग्रेड मिलेगा और टू स्टार रेटिंग दी जाएगी. और 0 से 24 अंक हासिल करने वाले विद्यालयों को D ग्रेड मिलेगा और एक स्टार रेटिंग दी जाएगी.

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