अलीगढ़ : राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने का सफर 29 अगस्त 2012 से शुरू हुआ था. 29 अगस्त की तारीख इसलिए चुनी गई, क्योंकि इसी दिन महान हॉकी प्लेयर मेजर ध्यानचंद का जन्म हुआ था. प्रयागराज में जन्मे ध्यानचंद को इस खेल में महारत हासिल थी. राष्ट्रीय खेल दिवस पर स्कूलों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों आदि में विभिन्न प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है. इसमें राष्ट्रीय खेल हॉकी की भी प्रतियोगिता होती है.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय हॉकी क्लब के कोच अरशद महमूद ने बताया कि महज 16 साल की उम्र में भारतीय सेना में भर्ती होने वाले ध्यानचंद का असली नाम ध्यान सिंह था. ध्यानचंद के छोटे भाई रूप सिंह भी अच्छे हॉकी खिलाड़ी थे, जिन्होंने ओलंपिक में कई गोल दागे थे. एएमयू में ध्यानचंद के नाम से एक हॉस्टल भी है. अरशद महमूद का मानना है कि हॉकी सीखने की रुचि छात्र-छात्राओं में बढ़ रही है. इसलिए हॉकी के और भी अच्छे दिन आएंगे और भारत भी ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतेगा. हालांकि राष्ट्रीय खेल होने के बावजूद युवाओं में हॉकी सीखने की रुचि कम है.
एएमयू के हॉकी मैदान पर मौजूद कुछ छात्र-छात्राओं ने बताया कि हमें हॉकी सीखने का शौक है. हम यहां पिछले 8, 10 साल से हॉकी खेल रहे हैं और रोजाना तकरीबन तीन-चार घंटे हॉकी की प्रैक्टिस करते हैं. हमारा सपना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलना है. यूनिवर्सिटी गेम्स कमेटी युवा क्लब से हमें काफी सपोर्ट मिल रहा है. छात्र-छात्राओं का कहना है कि एक दिन हम जरूर देश का नाम रोशन करेंगे.