अलीगढ़ : ग्रेटर अलीगढ़ बसाए जाने को लेकर किसानों से कौड़ियों के भाव में ली जा रही जमीन का किसान विरोध कर रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह मंगलवार को कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि ग्रेटर अलीगढ़ बस जाएगा. वहां पैसे वाले, उद्योगपति कोठी बना कर आराम से रहेंगे, लेकिन किसानों की जो जमीन ली जा रही है. उनके बच्चे भूखे मरेंगे. क्योंकि किसानों को जमीन की पूरी कीमत नहीं दी जा रही है. किसान की जमीन का सर्किल रेट पिछले साल से नहीं बढ़ा है. किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने मांग की है कि पहले किसान की जमीन का सर्किल रेट बढ़ाया जाए, फिर किसानों की जमीन का चार गुना मुआवजा दिया जाए. किसानों की जमीन का प्रकरण मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव के सामने उठायेंगे.
ग्रेटर अलीगढ़ को ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर बसाया जा रहा है. यह इलाका जेवर एयरपोर्ट से लगा हुआ है. ग्रेटर अलीगढ़ के लिए अटलपुर, मूसेपुर, ल्हौसरा, बिसावन, रुस्तमपुर, अहमदाबाद, चिकावटी के किसानों की जमीन ली जा रही है. ग्रेटर अलीगढ़ एडीए की महत्वाकांक्षी योजना है. अलीगढ़-पलवल नेशनल हाईवे के करीब 300 हेक्टेयर में यह आवासीय योजना का खाका खींचा गया है. किसान अपनी जमीन का सही कीमत लगाने के लिए पिछले दो महीने धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि ग्रेटर अलीगढ़ बसाने के लिए किसान जमीन देंगे, लेकिन किसानों की जमीन की सही कीमत लगाई जाए. उन्होंने कहा कि प्रशासन अगर जमीन की सही कीमत नहीं देगा तो किसानों की जमीन नहीं ले पाएगा. शिकायत ले कर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान राहुल सिंह ने बताया कि हमारे 15 बीघा खेत ग्रेटर अलीगढ़ के लिए लिया जा रहा है, लेकिन हम जमीन देने को तैयार नहीं हैं. किसानों को उचित दाम नहीं दिया जा रहा है. राहुल सिंह ने बताया कि ग्रेटर अलीगढ़ से सीधे रोड गाजियाबाद के लिए जा रही है. वहीं, डेढ़ किलोमीटर दूरी पर ही जेवर एयरपोर्ट के लिए रोड जा रही है. दो किलोमीटर दूर ही ट्रांसपोर्टनगर बन रहा है. तीन किलोमीटर दूर राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी बन रही है. पांच किलोमीटर दूर डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है. वहीं हमारे जमीन की कीमत को कम आंका जा रहा है. जमीन नहीं देने पर हमें डराया, धमकाया जा रहा है. जमीन लेने के लिए हर हथकंडे अपनाएं जा रहे हैं.
जिरौली डोर के किसान सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि हमारी जमीन ग्रेटर अलीगढ़ में आ रही है. करीब सात-आठ साल से सर्किल रेट नहीं बढ़ा है. बिना सर्किल रेट बढ़ाए ही किसानों की जमीन ली जा रही है. किसान धोखाधड़ी के चक्कर में अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं. किसान के साथ धोखा हो रहा है. किसान की जमीन का सर्किल रेट 7 लाख से 8 लाख रुपये बीघा है. वहीं, जिला प्रशासन चार लाख रुपये बीघा सर्किल रेट दे रहा है. किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं.