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कौन हैं अली अशरफ फातमी, जिन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार को दिया झटका

Ali Ashraf Fatmi : अली अशरफ फातमी ने जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी छोड़ने की घोषणा की है. आइये जानते है कि कौन हैं अली अशरफ फातमी, जिन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार को बड़ा झटका दिया है. पढ़ें पूरी खबर.

अली अशरफ फातमी
अली अशरफ फातमी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 19, 2024, 3:15 PM IST

Updated : Mar 19, 2024, 5:07 PM IST

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है. जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव अली अशरफ फातमी ने नीतीश कुमार का साथ छोड़ने की घोषणा कर दी है. उन्होंने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.

अली अशरफ फातमी का JDU से इस्तीफा
अली अशरफ फातमी का JDU से इस्तीफा

सांसद का चुनाव लड़ने की मंशाः आपको बता दें कि अली अशरफ फातमी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने पार्टी के सभी पदों को छोड़ने की घोषणा की है. ऐसा माना जा रहा है कि 20 मार्च को महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं. अली अशरफ फातमी पहले भी राजद के टिकट से दरभंगा से सांसद रहे हैं.

नीतीश कुमार को लिखा पत्रः मंगलवार को अली अशरफ फातमी ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को पत्र के माध्यम से इस्तीफा भेज दिया है. उन्होंने लिखा है कि "मैं नैतिक मूल्यों की रक्षा हेतु जनता दल यूनाइटेड के सभी पदों सहित प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं. कृपया स्वीकृति प्रदान की जाए."

दरभंगा या मधुबनी पर नजरः अली अशरफ दरभंगा या मधुबनी से लोकसभा चुनाव के लिए टिकट की चाह रहे हैं. जदयू में रहते हुए ऐसा संभव नहीं था क्योंकि सोमवार को सीट बंटवारा में दरभंगा और मधुबनी सीट भाजपा के खाते में गयी है. चर्चा है कि इस्तीफा देने का यही कारण है. अब बुधवार को राजद में शामिल हो सकते हैं. हलांकि अभी तक उन्होंने इसकी घोषणा नहीं की है.

फातमी का राजनीतिक सफर : अली अशरफ फातमी दरभंगा सीट से चार बार सासंद रह चुके हैं. 2009 में उन्हें केन्द्र में केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री बनाया गया था. 2014 में उन्हें टिकट नहीं मिला. उन्होंने मधुबनी से निर्दलिय चुनाव लड़ा. साल 2019 में उन्हें आरजेडी से बर्खास्त कर दिया गया था. आरजेडी से निलंबन के बाद उन्होंने बीएसपी का दामन थामा, मधुबनी लोकसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी का ऐलान किया. हालांकि दूसरे दिन बीएसपी ने उनकी उम्मीदवारी वापस ले ली.

नीतीश कुमार की पार्टी को बड़ा झटका
नीतीश कुमार की पार्टी को बड़ा झटका

किधर जाएंगे फातमी? : 29 जुलाई 2019 को अली अशरफ फातमी जेडीयू में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने जेडीयू को अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी हितैषी पार्टी बताया था. पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया. पांच साल बाद फातमी ने जेडीयू से इस्तीफा दे दिया. हालांकि उनका अगला कदम क्या होगा, इस पर उन्होंने अभी चुप्पी नहीं तोड़ी है.

बेटा भी राजद से विधायक रहेः अली अशरफ फातमी के बेटे फराज फातमी 2015 में राजद से दरभंगा के केवटी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे. फराज फातमी 26 साल की उम्र में 2010 में भी केवटी विधानसभा से पहला चुनाव लड़ा था. लेकिन भाजपा के अशोक कुमार यादव से 28 वोटों से हार गए थे. 2015 में इसी सीट से जीत मिली थी. 2020 में उन्होंने भी राजद को छोड़कर जदयू में शामिल हो गए थे.

यह भी पढ़ेंः तेजप्रताप ने दिया पारस को महागठबंधन में आने का ऑफर, कहा- 'हम तो सबसे पहले WELCOME करेंगे उनका'

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है. जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव अली अशरफ फातमी ने नीतीश कुमार का साथ छोड़ने की घोषणा कर दी है. उन्होंने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.

अली अशरफ फातमी का JDU से इस्तीफा
अली अशरफ फातमी का JDU से इस्तीफा

सांसद का चुनाव लड़ने की मंशाः आपको बता दें कि अली अशरफ फातमी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने पार्टी के सभी पदों को छोड़ने की घोषणा की है. ऐसा माना जा रहा है कि 20 मार्च को महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं. अली अशरफ फातमी पहले भी राजद के टिकट से दरभंगा से सांसद रहे हैं.

नीतीश कुमार को लिखा पत्रः मंगलवार को अली अशरफ फातमी ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को पत्र के माध्यम से इस्तीफा भेज दिया है. उन्होंने लिखा है कि "मैं नैतिक मूल्यों की रक्षा हेतु जनता दल यूनाइटेड के सभी पदों सहित प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं. कृपया स्वीकृति प्रदान की जाए."

दरभंगा या मधुबनी पर नजरः अली अशरफ दरभंगा या मधुबनी से लोकसभा चुनाव के लिए टिकट की चाह रहे हैं. जदयू में रहते हुए ऐसा संभव नहीं था क्योंकि सोमवार को सीट बंटवारा में दरभंगा और मधुबनी सीट भाजपा के खाते में गयी है. चर्चा है कि इस्तीफा देने का यही कारण है. अब बुधवार को राजद में शामिल हो सकते हैं. हलांकि अभी तक उन्होंने इसकी घोषणा नहीं की है.

फातमी का राजनीतिक सफर : अली अशरफ फातमी दरभंगा सीट से चार बार सासंद रह चुके हैं. 2009 में उन्हें केन्द्र में केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री बनाया गया था. 2014 में उन्हें टिकट नहीं मिला. उन्होंने मधुबनी से निर्दलिय चुनाव लड़ा. साल 2019 में उन्हें आरजेडी से बर्खास्त कर दिया गया था. आरजेडी से निलंबन के बाद उन्होंने बीएसपी का दामन थामा, मधुबनी लोकसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी का ऐलान किया. हालांकि दूसरे दिन बीएसपी ने उनकी उम्मीदवारी वापस ले ली.

नीतीश कुमार की पार्टी को बड़ा झटका
नीतीश कुमार की पार्टी को बड़ा झटका

किधर जाएंगे फातमी? : 29 जुलाई 2019 को अली अशरफ फातमी जेडीयू में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने जेडीयू को अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी हितैषी पार्टी बताया था. पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया. पांच साल बाद फातमी ने जेडीयू से इस्तीफा दे दिया. हालांकि उनका अगला कदम क्या होगा, इस पर उन्होंने अभी चुप्पी नहीं तोड़ी है.

बेटा भी राजद से विधायक रहेः अली अशरफ फातमी के बेटे फराज फातमी 2015 में राजद से दरभंगा के केवटी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे. फराज फातमी 26 साल की उम्र में 2010 में भी केवटी विधानसभा से पहला चुनाव लड़ा था. लेकिन भाजपा के अशोक कुमार यादव से 28 वोटों से हार गए थे. 2015 में इसी सीट से जीत मिली थी. 2020 में उन्होंने भी राजद को छोड़कर जदयू में शामिल हो गए थे.

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Last Updated : Mar 19, 2024, 5:07 PM IST
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