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रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी में डूबा महादेव मंदिर, बेलनी में आवासीय भवनों तक पहुंचने लगा पानी - Rudraprayag Alaknanda River Water

Alaknanda River Water Level रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. जिसे नदी से सटे आवासीय भवनों को खतरा हो गया है. बेलनी क्षेत्र के आवासीय भवनों तक पानी पहुंच रहा है. जबकि, मल्यासू में अलकनंदा नदी में महादेव मंदिर डूब गया है. जिससे लोग खौफजदा हैं.

RUDRAPRAYAG RAIN DAMAGE
रुद्रप्रयाग में बारिश से हाहाकार (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 23, 2024, 7:59 PM IST

रुद्रप्रयाग: बदरीनाथ क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण अलकनंदा नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है. जल स्तर बढ़ने से जहां रुद्रप्रयाग स्थित बेलनी पुल के नीचे आवासीय भवनों को खतरा पैदा हो गया है तो वहीं बाल्मिकी समाज को जोड़ने वाला पुल भी जलमग्न हो गया है. ऐसे में लोगों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा अलकनंदा नदी का बढ़ते जल स्तर से मल्यासू स्थित महादेव मंदिर भी डूब गया है. यहां आवासीय भवनों में पानी भर गया है. जबकि, पैदल मार्ग भी डूब गए हैं. जिससे ग्रामीणों का आवागमन ठप हो चुका है.

RUDRAPRAYAG RAIN DAMAGE
पुल और मंदिर जल मग्न (फोटो- ETV Bharat)

रुद्रप्रयाग जिले में कई सड़कें बंद: मंदाकिनी और अलकनंदा नदी का जल स्तर तेजी के साथ बढ़ने के कारण सिद्धपीठ धारी देवी मंदिर को भी खतरा पैदा हो गया है. मंदिर की पुजारियों की मानें तो धारी देवी मंदिर के पिलरों पर पेड़ आदि टकरा रहे हैं. अलकनंदा का पानी लगातार बढ़ रहा है. लगातार हो रही बारिश के कारण रुद्रप्रयाग जिले के एक दर्जन से ज्यादा लिंक मार्ग भी बंद पड़े हैं. वहीं, मार्ग को खोलने के लिए मशीनरी जुटी हुई हैं.

बेलनी पुल के नीचे शिव मूर्ति जल मग्न: बता दें कि बीते कई दिनों से बदरीनाथ और केदारनाथ क्षेत्र में मूसलाधार बारिश जारी है. लगातार हो रही बारिश के कारण नदी किनारे बसे लोगों के सामने आफत खड़ी हो गई है. अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जल स्तर काफी बढ़ गया है. अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने से रुद्रप्रयाग के बेलनी स्थित आवासीय भवनों के साथ ही हनुमान मंदिर को खतरा पैदा हो गया है. जबकि, बेलनी पुल के ठीक नीचे विशालकाय शिव मूर्ति जल मग्न हो चुकी है. इसके अलावा वाल्मीकि समाज को जाने वाला पुल भी डूब गया है.

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आवासीय भवनों तक पहुंचा पानी (फोटो- ETV Bharat)

मल्यासू में महादेव मंदिर और आवासीय भवन डूबे: बदरीनाथ क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश आफत मचा रही है. नदियों के साथ गाड़-गदेरे भी उफान पर हैं. अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने से मल्यासू स्थित महादेव मंदिर के साथ ही आवासीय भवन भी डूब गए हैं. यहां से पुजारी समेत अन्य लोग सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए हैं. नदी का जल स्तर बढ़ने से चार से पांच गांवों को जोड़ने वाले दो पुलिया भी डूब गई हैं. जिस कारण ग्रामीण घरों में कैद होकर रह गए हैं.

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स्कूली बच्चे और शिक्षक (फोटो- ETV Bharat)

मल्यासू गांव में मलबे से पेयजल व बिजली लाइन ध्वस्त: वहीं, गांव को जोड़ने वाला कोटली-बांसी मोटरमार्ग का निर्माण भी 10 से 15 सालों से अधर में लटका पड़ा है. मोटरमार्ग का कार्य आधा-अधूरा छोड़ा गया है. मल्यासू गांव के ऊपर से सड़क का निर्माण किया जा रहा है, जिसका मलबा इन दिनों आफत मचा रहा है. गांव की पेयजल व बिजली लाइनें ध्वस्त हो गई हैं.

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धारी देवी मंदिर में अलकनंदा का जल स्तर (फोटो- ETV Bharat)

रुद्रप्रयाग-पोखरी सड़क पर आया मलबा: मूसलाधार बारिश के कारण जिले के एक दर्जन लिंक मार्ग भी क्षतिग्रस्त होने से बंद पड़े हैं. रुद्रप्रयाग-पोखरी सड़क मार्ग के मोलखा नामक तोक में भारी बारिश के कारण पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा सड़क में आ गया. स्कूलों बच्चों और अध्यापकों को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही ग्रामीणों के आवासीय भवनों को भी खतरा पैदा हो गया है.

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पुल और मंदिर जल मग्न (फोटो- ETV Bharat)

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बेलनी पुल के नीचे शिव मूर्ति जल मग्न: बता दें कि बीते कई दिनों से बदरीनाथ और केदारनाथ क्षेत्र में मूसलाधार बारिश जारी है. लगातार हो रही बारिश के कारण नदी किनारे बसे लोगों के सामने आफत खड़ी हो गई है. अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जल स्तर काफी बढ़ गया है. अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने से रुद्रप्रयाग के बेलनी स्थित आवासीय भवनों के साथ ही हनुमान मंदिर को खतरा पैदा हो गया है. जबकि, बेलनी पुल के ठीक नीचे विशालकाय शिव मूर्ति जल मग्न हो चुकी है. इसके अलावा वाल्मीकि समाज को जाने वाला पुल भी डूब गया है.

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आवासीय भवनों तक पहुंचा पानी (फोटो- ETV Bharat)

मल्यासू में महादेव मंदिर और आवासीय भवन डूबे: बदरीनाथ क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश आफत मचा रही है. नदियों के साथ गाड़-गदेरे भी उफान पर हैं. अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने से मल्यासू स्थित महादेव मंदिर के साथ ही आवासीय भवन भी डूब गए हैं. यहां से पुजारी समेत अन्य लोग सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए हैं. नदी का जल स्तर बढ़ने से चार से पांच गांवों को जोड़ने वाले दो पुलिया भी डूब गई हैं. जिस कारण ग्रामीण घरों में कैद होकर रह गए हैं.

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स्कूली बच्चे और शिक्षक (फोटो- ETV Bharat)

मल्यासू गांव में मलबे से पेयजल व बिजली लाइन ध्वस्त: वहीं, गांव को जोड़ने वाला कोटली-बांसी मोटरमार्ग का निर्माण भी 10 से 15 सालों से अधर में लटका पड़ा है. मोटरमार्ग का कार्य आधा-अधूरा छोड़ा गया है. मल्यासू गांव के ऊपर से सड़क का निर्माण किया जा रहा है, जिसका मलबा इन दिनों आफत मचा रहा है. गांव की पेयजल व बिजली लाइनें ध्वस्त हो गई हैं.

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धारी देवी मंदिर में अलकनंदा का जल स्तर (फोटो- ETV Bharat)

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