Akshaya Tritiya 2024: मई महीने की शुरुआत हो चुकी है और इसी महीने में अक्षय तृतीया का शुभ दिन है. ज्योतिष आचार्यों की माने, तो इस बार की अक्षय तृतीया बहुत ही फलदाई और शुभ समय लेकर आ रही है. कई सालों के बाद इस दिन ऐसे संयोग बन रहे हैं, जो इस दिन को बहुत विशेष बना रहे हैं.
अक्षय तृतीया कब, इस मुहूर्त में करें पूजा
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "इस बार अक्षय तृतीया वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि दिन शुक्रवार दिनांक 10 मई को पड़ रही है. इस बार अक्षय तृतीया के दिन ब्रम्हमुहूर्त से लेकर दिन में 11 बजे के बीच में पूजन करने का विशेष मुहूर्त विधान है." इसी दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है, भगवान परशुराम का जन्मोत्सव भी है. शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है कि अक्षय तृतीया के दिन जो व्यक्ति ब्रम्ह मुहूर्त से लेकर के 11 बजे के बीच में पूजन करता है, परशुराम भगवान की पूजा करता है, इस दिन जो दान दक्षिणा करते हैं जैसे घड़ा है, सत्तू है, फल का दान हो गया, शक्कर का दान हो गया, वस्त्र का दान, रुमाल का दान करता है, अक्षय तृतीया के दिन ये सब दान करना बहुत फलदाई माना गया है. इसका हजार गुना उसको फल मिलता है.
अक्षय तृतीया में 5 बातों का रखें विशेष ध्यान
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन पांच बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए.
- पहला है प्रातः कालीन स्नान करके परशुराम का फोटो सामने रखकर शुभ मुहूर्त में उनकी विधिवत पूजन अर्चन करें.
- दूसरा है पूजन करने के बाद किसी मंदिर में या किसी ब्राह्मण या किसी गरीब को किसी असमर्थ व्यक्ति को रुमाल, घड़ा, शक्कर, सत्तू या फल का दान अवश्य करें.
- तीसरा है अक्षय तृतीया के दिन कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं. भले ही उस दिन मुहूर्त न हों, लेकिन वो ऐसा शुभ दिन होता है कि सारे शुभ कार्य किये जा सकते हैं. इस दिन कोई भी मांगलिक कार्य करें, शुभ कार्य की शुरुआत करें सभी मंगलकारी होते हैं. कार्य सम्पूर्ण माना जाता है कोई भी त्रुटि नहीं मानी जाती है.
- चौथा है अक्षय तृतीया के दिन मस्तक पर लाल तिलक अवश्य लगाएं. लाल तिलक लगाने से आयु बढ़ती है, पराक्रम बढ़ता है, घर में शांति होती है.
- पांचवा है अक्षय तृतीया के दिन विशेष कर इस बात का जरूर ध्यान रखें कि किसी मंदिर में जाएं और वहां परशुराम की मूर्ति के सामने प्रणाम करके अपने पराक्रम, आरोग्यता और घर की शांति के लिए लेटकर उनसे प्रार्थना करें, मन्नत मांगें, तो उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है, सुख शांति मिलती है, और घर में बरक्कत होती है.
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16 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग
ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि "इस बार अक्षय तृतीया के दिन सबको ध्यान करके इस विशेष दिन विशेष पूजन करें, क्योंकि इस बार अक्षय तृतीया के दिन रोहिणी नक्षत्र के अलावा शुभ योग बन रहा है, वज्र योग भी है, मतलब तीन-तीन योग एक साथ 16 साल के बाद आ रहे हैं. ये बहुत ही शुभ माना गया है, इस दिन इस योग में कोई भी कार्य करें बड़ा शुभ होता है, जिसमें कभी कोई परेशानी या कोई हानि, कोई भी दिक्कत नहीं आती है.