अलीगढ़ः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव शनिवार को सपा के वरिष्ठ नेता के घर शादी समारोह में शिरकत की. इसके साथ ही पूर्व विधायक जफर आलम और हाजी जमीरुल्ला खान के आवास पर जाकर उनका हालचाल जाना. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने संभल घटना और भाजपा सरकार की कार्यशैली को लेकर तीखा हमला बोला. उन्होंने प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए और इसे सरकार का हाथ बताकर न्याय और शांति की जरूरत पर जोर दिया.
सरकार के इशारे पर काम कर रहा प्रशासनः अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी का डेलिगेशन संभल जाने वाला था, लेकिन सरकार ने इसे अनुमति नहीं दी. सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि पीड़ितों को न्याय मिले. जबकि प्रशासन सरकार के इशारे पर काम कर रहा है. अखिलेश यादव ने कहा कि संभल में पहले दिन सर्वे हुआ, जिसे सभी ने मिलकर कराया और किसी को कोई आपत्ति नहीं थी. फिर प्रशासन ने दोबारा सर्वे क्यों कराया? सर्वे टीम में भाजपा के कार्यकर्ता क्यों शामिल हुए? यह सब जानबूझकर सरकार और प्रशासन द्वारा कराया गया झगड़ा है.
शांति और विकास से भाजपा को समस्याः अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार संविधान के बजाय अपनी मर्जी से शासन चला रही है. संभल में हालात बिगाड़ने के पीछे सरकार की साजिश है. अगर प्रशासन पहले से सतर्क होता तो घटना नहीं होती. शांति और विकास से भाजपा को समस्या है. जानबूझकर समाज को बांटने की राजनीति कर रही है. अगर शांति होगी तो लोग तरक्की करेंगे और यही भाजपा नहीं चाहती. अखिलेश यादव ने उपचुनाव में भाजपा ने वोट लूट लिए. कैमरे और मोबाइल में सब दर्ज है. लोगों को वोट नहीं डालने दिया गया. जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी.
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी का अलीगढ़ दौरा। pic.twitter.com/ucdeUid08w
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) November 30, 2024
उत्तर प्रदेश में आपातकाल जैसी स्थितिः अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही है. भाजपा सरकार पूरी तरह से तानाशाही पर उतारू है. प्रदेश में अन्याय अत्याचार चरम पर है. उत्तर प्रदेश में आपातकाल जैसी स्थिति है. सत्ता के इशारे पर संभल जा रहे पुलिस द्वारा उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों नेता विरोधी दल, प्रदेश अध्यक्ष और सपा सांसदों विधायकों और जिलाध्यक्ष को उनके घरों में कैद कर देना बेहद निंदनीय है. सरकार संभल में उसके द्वारा किए गए अन्याय और अत्याचार को छुपाना चाहती है.
लोकतंत्र और संविधान को कुचल रही भाजपाः अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस प्रशासन का प्रतिबंध जब सिर्फ संभल जिले में है तो भाजपा सरकार उनके नेताओं को उनके घरों से क्यों नहीं निकलने दिया है. क्या भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में आपातकाल लगा दिया है? नेता विरोधी दल और प्रदेश अध्यक्ष अपने घर से समाजवादी पार्टी के दफ्तर भी नहीं जा सके. जनप्रतिनिधियों को इस तरह से हाउस अरेस्ट करना लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है. भाजपा जब से सत्ता में आई है लोकतंत्र और संविधान को कुचल रही है.
संभल के प्रशासनिक मंडल को करे बर्खास्तः अखिलेश ने कहा कि संभल में प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है. ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता. भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देते हैं, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित करके उन पर साज़िशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए बर्खास्त भी करना चाहिए. समाजवादी पार्टी ने संभल की घटना में मारे गए निर्दोष लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये आर्थिक मदद देने की घोषणा की है. समाजवादी पार्टी की मांग है कि भाजपा सरकार संभल हिंसा में मृतक आश्रितों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा दे.