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अखाड़ा परिषद ने लॉन्च की विश्व धर्म संसद की वेबसाइट, सनातन और शास्त्र का दिया जाएगा ज्ञान - world dharm sansad website launched

World Dharm Sansad Website Launched अखाड़ा परिषद ने आज विश्व धर्म संसद की अधिकारिक वेबसाइट लॉन्च की. इसके साथ ही अखाड़ा परिषद ने अकेले धर्म संसद करने वाले महंत यति नरसिंहानंद गिरी को समर्थन किया है. अब नरसिंहानंद गिरी अखाड़ा परिषद के साथ धर्म संसद आयोजित करेंगे.

World Dharm Sansad Website Launched
अखाड़ा परिषद ने लॉन्च की विश्व धर्म संसद की वेबसाइट (PHOTO-ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 30, 2024, 5:21 PM IST

Updated : Jun 30, 2024, 5:58 PM IST

अखाड़ा परिषद ने लॉन्च की विश्व धर्म संसद की वेबसाइट (VIDEO- ETV BHARAT)

हरिद्वारः माया देवी मंदिर में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी महाराज और महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने रविवार को एक साथ विश्व धर्म संसद की आधिकारिक वेबसाइट का उदघाटन किया. इस वेबसाइट के जरिए विश्व धर्म संसद की सभी गतिविधियों को पूरी दुनिया में देखा जा सकेगा.

इस मौके पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि आज अखाड़ा परिषद ने यति नरसिंहानंद गिरी को धर्म संसद के मुद्दे पर समर्थन किया है. इसी के साथ हमारे द्वारा आज विश्व धर्म संसद वेबसाइट को भी लॉन्च किया गया है. जिससे सभी गतिविधियों को आम जनता तक पहुंचाया जाएगा. धर्म को बचाने का कार्य साधु संतों का ही हमेशा से रहा है और साधु संतों को धर्म के लिए कार्य भी करना चाहिए. इसी कड़ी में अखाड़ा परिषद ने निर्णय लिया है कि आज से अखाड़ा द्वारा जो भी धर्म से जुड़ी गतिविधियों की जाएगी, उनका तन मन धन से सहयोग करेंगे.

महंत हरि गिरी महाराज ने कहा कि शिवशक्ति धाम डासना में 17 से 21 दिसंबर 2024 तक होने वाली विश्व धर्म संसद श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के मार्गदर्शन और संरक्षण में आयोजित की जाएगी. यह विश्व धर्म संसद संपूर्ण मानवता की रक्षा के लिए आयोजित की जा रही है. जो कि सनातन धर्म के सभी अखाड़ों का सबसे प्रमुख लक्ष्य है. आदि जगद्गुरु शंकराचार्य महाराज ने इसी लक्ष्य के लिए अखाड़े का निर्माण किया था. उन्हीं के द्वारा संन्यासियों को सनातन धर्म और मानवता की रक्षा का आदेश दिया गया था.

उन्होंने कहा कि हमने यति नरसिंहानंद गिरी को महामंडलेश्वर इसलिए बनाया है क्योंकि वो प्रत्येक संन्यासी और संत को यह याद दिलाएं कि सनातन धर्म और मानवता की रक्षा करते हुए भगवत्प्राप्ति ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है. यदि इस लक्ष्य के लिए हमें अपने जीवन का भी बलिदान देना पड़े तो हम प्रसन्नता से देंगे. आने वाली पीढ़ियों को सनातन धर्म और मानवता की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देना सिखाएंगे.

हरि गिरी महाराज ने विश्व धर्म संसद के अस्थाई कार्यालय के लिए ऋषिकेश में एक भवन आयोजन समिति को दिया. इसी के साथ उन्होंने विश्व धर्म संसद के स्थाई कार्यालय के लिए स्थान की व्यवस्था करने का भी आश्वासन आयोजन समिति को दिया. उन्होंने कहा कि आज धर्म को बचाने के लिए धर्म और शास्त्र का ज्ञान देना बहुत जरूरी है. इसी के लिए सभी जगह पर इकाइयां बनाई जाएगी. लेकिन उससे पहले धर्म और अपने राष्ट्र से प्रेम करना सिखाया जाएगा.

ये भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2024: अखाड़ा परिषद अध्यक्ष का चुनावी बायोडाटा हुआ लीक! रविंद्र पुरी ने लगाया साजिश का आरोप

अखाड़ा परिषद ने लॉन्च की विश्व धर्म संसद की वेबसाइट (VIDEO- ETV BHARAT)

हरिद्वारः माया देवी मंदिर में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी महाराज और महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने रविवार को एक साथ विश्व धर्म संसद की आधिकारिक वेबसाइट का उदघाटन किया. इस वेबसाइट के जरिए विश्व धर्म संसद की सभी गतिविधियों को पूरी दुनिया में देखा जा सकेगा.

इस मौके पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि आज अखाड़ा परिषद ने यति नरसिंहानंद गिरी को धर्म संसद के मुद्दे पर समर्थन किया है. इसी के साथ हमारे द्वारा आज विश्व धर्म संसद वेबसाइट को भी लॉन्च किया गया है. जिससे सभी गतिविधियों को आम जनता तक पहुंचाया जाएगा. धर्म को बचाने का कार्य साधु संतों का ही हमेशा से रहा है और साधु संतों को धर्म के लिए कार्य भी करना चाहिए. इसी कड़ी में अखाड़ा परिषद ने निर्णय लिया है कि आज से अखाड़ा द्वारा जो भी धर्म से जुड़ी गतिविधियों की जाएगी, उनका तन मन धन से सहयोग करेंगे.

महंत हरि गिरी महाराज ने कहा कि शिवशक्ति धाम डासना में 17 से 21 दिसंबर 2024 तक होने वाली विश्व धर्म संसद श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के मार्गदर्शन और संरक्षण में आयोजित की जाएगी. यह विश्व धर्म संसद संपूर्ण मानवता की रक्षा के लिए आयोजित की जा रही है. जो कि सनातन धर्म के सभी अखाड़ों का सबसे प्रमुख लक्ष्य है. आदि जगद्गुरु शंकराचार्य महाराज ने इसी लक्ष्य के लिए अखाड़े का निर्माण किया था. उन्हीं के द्वारा संन्यासियों को सनातन धर्म और मानवता की रक्षा का आदेश दिया गया था.

उन्होंने कहा कि हमने यति नरसिंहानंद गिरी को महामंडलेश्वर इसलिए बनाया है क्योंकि वो प्रत्येक संन्यासी और संत को यह याद दिलाएं कि सनातन धर्म और मानवता की रक्षा करते हुए भगवत्प्राप्ति ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है. यदि इस लक्ष्य के लिए हमें अपने जीवन का भी बलिदान देना पड़े तो हम प्रसन्नता से देंगे. आने वाली पीढ़ियों को सनातन धर्म और मानवता की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देना सिखाएंगे.

हरि गिरी महाराज ने विश्व धर्म संसद के अस्थाई कार्यालय के लिए ऋषिकेश में एक भवन आयोजन समिति को दिया. इसी के साथ उन्होंने विश्व धर्म संसद के स्थाई कार्यालय के लिए स्थान की व्यवस्था करने का भी आश्वासन आयोजन समिति को दिया. उन्होंने कहा कि आज धर्म को बचाने के लिए धर्म और शास्त्र का ज्ञान देना बहुत जरूरी है. इसी के लिए सभी जगह पर इकाइयां बनाई जाएगी. लेकिन उससे पहले धर्म और अपने राष्ट्र से प्रेम करना सिखाया जाएगा.

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Last Updated : Jun 30, 2024, 5:58 PM IST
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