प्रयागराज : संगम नगरी प्रयागराज में गुरुवार को अखाड़ा परिषद और अधिकारियों की बैठक के बीच मारपीट के बाद नेताओं की टिप्पणी को लेकर साधु-संतों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने नाराजगी जाहिर की है.
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि इस तरीके का बयान देकर सनातनियों का अपमान किया है, साधु संतों का अपमान किया है, जितने बड़े-बड़े हमारे संत हैं, उनका अपमान किया है. हम उनका अपमान नहीं करना चाहते. मैं चाहता हूं और भगवान से विनती करता हूं भगवान उनको सद्बुद्धि दें और उनका भविष्य सुधर जाए. वह बहुत परेशान हैं.
वह आजकल किसी पार्टी के नहीं हैं, घूम रहे हैं, यहां से वहां. वह सोचते हैं कि शायद मुझे इससे कोई लाभ हो जाए, परंतु लाभ मिलने वाला नहीं है. जो भगवान का विरोध करता है, उसका भगवान स्वत: विरोध करता है, इसलिए मैं यह चाहता हूं कि उसके विषय में कोई बात ना बोलूं क्योंकि वह अभी रोड पर घूम रहा है और उसके दिन अच्छे नहीं हैं. परंतु जो कल की घटना घटी वह दुर्भाग्यपूर्ण है. हमारे संत महाराज हैं उसकी गलती की वजह से ऐसा हुआ है. हम सभी संत महात्मा पूजा पाठ में लगे हुए थे.
सपा सांसद डिंपल यादव के महाकुंभ में गैर हिन्दुओं के दुकान लगाने न देने के बयान पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने जमकर हमला बोला है. उन्होंने कि संतों को अच्छे से याद है, जब उनकी पार्टी ने नेता आजम खान को हिंदुओं के सबसे बड़े मेले महाकुंभ का प्रभारी बना दिया था. उन्होंने कहा कि कि उनके ससुर ने राम भक्तों के साथ अयोध्या में क्या किया ये बताने की जरूरत नहीं है. डिम्पल यादव को अपना बयान वापस लेना चाहिए.
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