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वोट और जातीय ध्रुवीकरण की वजह से ऐसा जनादेश आया, आजसू जिलास्तर पर करेगी समीक्षाः सुदेश महतो - AJSU WILL REVIEW IN ELECTION DEFEAT

झारखंड विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर आजसू समीक्षा करेगी. जिलास्तर पर कार्यकर्ताओं से फीडबैक भी लिया जाएगा.

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आजसू प्रमुख सुदेश महतो (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 20, 2024, 12:30 PM IST

रांची: विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद समीक्षा करने में जुटे आजसू ने संगठन को मजबूत करने का निर्णय लिया है. आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की. इसमें संगठन को धारदार बनाने का निर्णय लिया गया. साथ ही जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं से फीडबैक भी लिया जाएगा.

आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि वोटों और जातीय ध्रुवीकरण की वजह से ऐसा जनादेश आया है. हम इस सरकार को नीति बनाने और जनता से किए गए वादे को पूरा करने के लिए कुछ महीने देंगे, लेकिन यह निश्चित है कि हम राज्य और राज्य के लोगों के हित में हर समय खड़े रहेंगे. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में डेवलपमेंट का विषय छूट गया है.

जानकारी देते आजसू प्रमुख सुदेश महतो (ETV BHARAT)

नौजवानों के साथ भी इसी तरह का एक वातावरण राज्य में तैयार किया गया है, लेकिन आने वाले समय में जैसे-जैसे समय बीतेगा आप देखेंगे कि घोर निराशा के दौर से राज्य गुजरेगा. पहले से ही यहां का युवा निराशा के दौर से गुजर रहा था, मेरी कोशिश रहेगी कि राज्य सरकार के ऊपर वह दबिश बनाने में सफल होकर राज्य की जनता के लिए हमेशा खड़े रहे.

सरना धर्म कोड, मंईयां योजना पर हमारा समर्थन है: सुदेश

सुदेश महतो ने मीडियाकर्मियों के द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरना धर्म कोड, मंईयां सम्मान योजना और राज्य का बकाया राशि पर हमारा समर्थन राज्य सरकार को है, लेकिन इसे लागू करना उनका काम है. मंईयां सम्मान योजना की राशि महिलाओं को जरूर मिलनी चाहिए, इसमें आखिर देरी क्यों हो रही है इसका जवाब राज्य सरकार को स्पष्ट करना चाहिए. राज्य सरकार ने दिसंबर महीने से 2500 रुपये देने का वादा किया था.

केंद्र पर झारखंड के बकाया राशि के मुद्दे पर सुदेश महतो ने कहा कि यह सिर्फ मुख्यमंत्री के बयान और अखबार की सुर्ख़ियों से तय नहीं होगा बल्कि राज्य सरकार को इस दिशा में पहल करनी होगी. केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी के बीच जब तक इस पर बातचीत नहीं होगी और यह तय नहीं होगा कि किस मद में कितनी राशि बकाया है, तब तक यह कैसे कहा जा सकता है कि इतनी राशि राज्य का बकाया है. यदि केंद्र पर झारखंड का बकाया है तो आजसू पार्टी सरकार के साथ है.

ये भी पढ़ें: सुदेश महतो की सरकारी बंगले से विदाई की आ गई घड़ी, आजसू सुप्रीमो ने दी सफाई

ये भी पढ़ें: भाजपा की समीक्षा बैठकः चुनाव में हार की दो प्रमुख वजह आई सामने, झामुमो ने चुटकी लेते हुए कही ये बात

रांची: विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद समीक्षा करने में जुटे आजसू ने संगठन को मजबूत करने का निर्णय लिया है. आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की. इसमें संगठन को धारदार बनाने का निर्णय लिया गया. साथ ही जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं से फीडबैक भी लिया जाएगा.

आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि वोटों और जातीय ध्रुवीकरण की वजह से ऐसा जनादेश आया है. हम इस सरकार को नीति बनाने और जनता से किए गए वादे को पूरा करने के लिए कुछ महीने देंगे, लेकिन यह निश्चित है कि हम राज्य और राज्य के लोगों के हित में हर समय खड़े रहेंगे. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में डेवलपमेंट का विषय छूट गया है.

जानकारी देते आजसू प्रमुख सुदेश महतो (ETV BHARAT)

नौजवानों के साथ भी इसी तरह का एक वातावरण राज्य में तैयार किया गया है, लेकिन आने वाले समय में जैसे-जैसे समय बीतेगा आप देखेंगे कि घोर निराशा के दौर से राज्य गुजरेगा. पहले से ही यहां का युवा निराशा के दौर से गुजर रहा था, मेरी कोशिश रहेगी कि राज्य सरकार के ऊपर वह दबिश बनाने में सफल होकर राज्य की जनता के लिए हमेशा खड़े रहे.

सरना धर्म कोड, मंईयां योजना पर हमारा समर्थन है: सुदेश

सुदेश महतो ने मीडियाकर्मियों के द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरना धर्म कोड, मंईयां सम्मान योजना और राज्य का बकाया राशि पर हमारा समर्थन राज्य सरकार को है, लेकिन इसे लागू करना उनका काम है. मंईयां सम्मान योजना की राशि महिलाओं को जरूर मिलनी चाहिए, इसमें आखिर देरी क्यों हो रही है इसका जवाब राज्य सरकार को स्पष्ट करना चाहिए. राज्य सरकार ने दिसंबर महीने से 2500 रुपये देने का वादा किया था.

केंद्र पर झारखंड के बकाया राशि के मुद्दे पर सुदेश महतो ने कहा कि यह सिर्फ मुख्यमंत्री के बयान और अखबार की सुर्ख़ियों से तय नहीं होगा बल्कि राज्य सरकार को इस दिशा में पहल करनी होगी. केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी के बीच जब तक इस पर बातचीत नहीं होगी और यह तय नहीं होगा कि किस मद में कितनी राशि बकाया है, तब तक यह कैसे कहा जा सकता है कि इतनी राशि राज्य का बकाया है. यदि केंद्र पर झारखंड का बकाया है तो आजसू पार्टी सरकार के साथ है.

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