पाकुड़: इंडिया गठबंधन के मुख्य घटक दल कांग्रेस की परंपरागत सीट माने जाने वाले पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र में 20 नवंबर को होने वाले अंतिम चरण के चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है. इस सीट पर कांग्रेस पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की पत्नी निशात आलम इंडिया ब्लॉक से चुनावी मैदान में हैं. वहीं एनडीए की ओर से आजसू के अजहर इस्लाम और समाजवादी पार्टी के जनाब अकील अख्तर के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है.
पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र कृषि के साथ-साथ पत्थर और बीड़ी उद्योग के लिए भी जाना जाता है. कृषि, पत्थर और बीड़ी उद्योग के बावजूद अल्पसंख्यक बहुल इस विधानसभा क्षेत्र में बेरोजगारी सबसे प्रमुख समस्या है. यह वही सीट है जहां के लोग आज भी शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए अपने जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ सरकार और प्रशासन को कोसते हैं. क्योंकि मामूली इलाज के अलावा किसी बड़ी दुर्घटना का शिकार होने या गंभीर बीमारी से ग्रसित होने के बाद उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के साथ-साथ अन्य राज्यों में जाना पड़ता है.
समाजसेवी के तौर पर अपनी पहचान बना चुके आजसू के अजहर इस्लाम इस सीट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. अजहर इस्लाम कांग्रेस के किले को तोड़ने की मंशा से पूरी ताकत से चुनावी वैतरणी पार करने की कोशिश कर रहे हैं. आजसू के अजहर इस्लाम कहते हैं कि मौजूदा विधायक जिन्होंने इलाके की जनता के समर्थन के बाद मंत्री और स्पीकर का पद हासिल किया. लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल के साथ-साथ रोजगार मुहैया कराने की दिशा में कोई काम नहीं किया.
अजहर इस्लाम ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि सालों से पाकुड़ का प्रतिनिधित्व कर रहे कांग्रेस नेता से इलाके की जनता अब ऊब चुकी है. इस बार पाकुड़ की जनता ने जाति और धर्म की जगह विकास के मुद्दे को अपनाकर आजसू को जिताने का फैसला किया है ताकि झारखंड में एनडीए की सरकार बन सके.
आजसू प्रत्याशी अजहर इस्लाम ने कहा कि अगर पाकुड़ की जनता हमें मौका देती है तो हम शिक्षा का बेहतर माहौल बनाकर बदहाल स्वास्थ्य और पेयजल व्यवस्था को सुधारने के साथ-साथ रोजगार मुहैया कराने का काम करेंगे. चुनौती के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बार मेरा मुकाबला करने वाला कोई नहीं है.
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