अजमेर: 10 वर्षीय नाबालिग बालिका का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में अजमेर की पॉक्सो कोर्ट संख्या एक ने आरोपी को मरते दम तक कैद की सजा सुनाई है. आरोपी पर एक लाख 60 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि मसूदा थाने में 3 अक्टूबर 2022 को पीड़िता के भाई ने अपहरण करने का मुकदमा दर्ज करवाया था. उसका आरोप था कि दोपहर को उसकी बहन किसी के घर गई थी. वहां से वह उन लोगों के साथ गायब हो गई. पुलिस में प्रकरण दर्ज कर मामले में तहकीकात की और पीड़िता को 7 अक्टूबर 2022 को दस्तयाब कर लिया.
उन्होंने बताया कि पीड़िता के बयानों के आधार पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया. पीड़िता के कोर्ट में दिए अपने बयान में आरोपी भूपेंद्र उर्फ बंटी और उसकी पत्नी मैना पर बहला फुसलाकर पहले जवाजा और फिर अहमदाबाद ले जाने का आरोप लगाया.
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विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि आरोपियों ने अहमदाबाद में किराए मकान लेकर उसे 3 दिन तक अपने साथ रखा. यहां भूपेंद्र उर्फ बंटी ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया. इस दौरान आरोपी की पत्नी मीना देवी भी उसके साथ थी. आरोपी पीड़िता को अहमदाबाद के बाद कोलकाता ले गए. वहां पीड़िता को छोड़ आरोपी फरार हो गया. मसूदा पुलिस को पीड़िता की सूचना मिलने पर उसे दस्तयाब किया गया.
20 गवाह और 25 दस्तावेज कोर्ट में किए पेश: परिहार ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से 20 गवाह और 25 दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए. इसके आधार पर कोर्ट ने आरोपी राजसमंद जिले के भीम थाना क्षेत्र के निवासी भूपेंद्र उर्फ बंटी को आजीवन करावास और एक लाख 60 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया. कोर्ट ने आरोपी भूपेंद्र उर्फ बंटी को धारा 363 में 7 वर्ष की सजा और 25 हज़ार रुपए जुर्माना, धारा 366 में 10 वर्ष की सजा और 25 हजार रुपए जुर्माना, धारा 343 में 2 वर्ष की सजा और पांच हजार रुपए जुर्माना, धारा 506 में 2 वर्ष की सजा और 5 हजार रुपए जुर्माना, 5(एम)(6) पॉक्सो एक्ट में शेष प्राकृतिक जीवन जीने तक कारावास की सजा और 1 लाख रुपए से दंडित किया है.
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आरोपी की पत्नी मैना अब भी फरार: विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि आरोपी की पत्नी मैना वारदात के बाद से ही फरार है. कोर्ट ने उसे भगोड़ा (मफरुर) घोषित किया है. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़िता को 6 लाख रुपये दिए जाने की भी अनुशंसा की है.