अजमेरः नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में अजमेर पॉक्सो कोर्ट संख्या 2 ने अभियुक्त को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 75 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. आरोपी पीड़िता का रिश्ते में जीजा लगता है.
विशिष्ट लोक अभियोजक विक्रम सिंह शेखावत ने बताया कि क्लॉक टावर थाने में 6 जून 2023 को पीड़िता के चाचा ने आरोपी के खिलाफ उसकी भतीजी के साथ दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज करवाया था. शेखावत ने बताया कि आरोपी पीड़िता का रिश्ते में जीजा लगता है और वारदात से पहले अक्सर उसका घर में आना जाना था. रिश्तेदार होने के कारण किसी को उसपर शक नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि आरोपी पीड़िता को बर्थडे पार्टी का बहाना बनाकर अपने घर ले गया और जहां उसने पीड़िता के साथ दुराचार किया. उसने पीड़िता को धमकाया कि उसने यदि किसी को बताया तो वह उसके माता-पिता को जान से मार देगा. पीड़िता को धमकाकर उसने दो से तीन बार उसके साथ दुराचार किया.
पीड़िता ने परिजनों को बताया सच: आरोपी की घिनौनी हरकतों से परेशान पीड़िता ने आखिरकार अपने परिजनों को उसपर हो रहे जुल्म के बारे में बता दिया. पीड़िता के चाचा की शिकायत पर क्लॉक टावर थाना पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था. बुधवार को कोर्ट ने मामले में आरोपी को दोषी मानते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 75 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है. उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में 14 गवाह और 26 दस्तावेज पेश पेश किए गए. शेखावत ने बताया कि फैसले के साथ न्यायालय ने अपना मत जाहिर करते हुए कहा है कि समाज में बच्चों के साथ यौन अपराध बढ़ रहे हैं, इनको देखते हुए आरोपी के साथ किसी भी प्रकार से नरमी नहीं बरती जा सकती है.