अजमेर. नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में अजमेर की पॉक्सो एक्ट प्रकरण की विशेष कोर्ट संख्या एक ने आरोपी को 20 साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 48 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है. आरोपी पीड़िता को अलग अलग स्थानों पर ले गया था, जहां उसने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया.
विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि पीड़िता के पिता ने सरवाड़ थाने में 11 मार्च 2023 को मुकदमा दर्ज करवाया था. रिपोर्ट में बताया कि धूलंडी के दूसरे दिन प्रधान नाम का युवक उसकी नाबालिग बेटी को अगवा कर कहीं ले गया. आरोपी प्रधान के घर वालों से जब पीड़िता के पिता ने बेटी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि 10- 12 दिन में दोनों वापस घर लौट आएंगे. पीड़िता के पिता का आरोप था कि आरोपी प्रधान के परिजनों ने उसे धमकाया था कि पुलिस कार्रवाई की तो लड़की को जान से मार देंगे. बेटी की जान को खतरा होने के कारण तत्काल पुलिस को शिकायत नहीं की थी. पीड़ित पिता की शिकायत पर सरवाड़ थाना पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म समेत कई धाराओं में आरोपी प्रधान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.
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होटलों में पीड़िता को ले गया था आरोपीः विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि पुलिस ने आरोपी प्रधान को एक होटल से गिरफ्तार किया. साथ ही पीड़िता को दस्तयाब किया था. पुलिस ने पीड़िता की धारा 61 और धारा 64 के बयान न्यायालय के समक्ष दर्ज करवाए. पीड़िता ने कोर्ट को बताया कि युवक गांव में आता था, इस दौरान उससे परिचय हुआ था. युवक ने मोबाइल नंबर भी लिए थे. वह अक्सर मोबाइल फोन पर बातचीत किया करता था. 11 मार्च 2023 की रात्रि 9 बजे प्रधान ने फोन करके उसे घर से बाहर बुलाया और बाइक पर बैठाकर उसे आईटी सेंटर, वहां से हीसामपुर ले गया. यहां दो अलग-अलग होटल में उसे रखा. युवक ने होटल में उसके साथ दुष्कर्म किया.
परिहार ने बताया कि प्रकरण में कोर्ट ने डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को दोषी मानते हुए 20 वर्ष के कारावास और 48 हजार रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है. कोर्ट ने पीड़िता को 6 लाख रुपए पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत दिलवाने के भी आदेश दिए हैं. मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए लिखा है कि बालिका को उसके माता-पिता की बिना सहमति से बहला फुसलाकर होटल में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म करना घृणित अपराध है. अपराधी के विरुद्ध नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता है.