गौरेला पेंड्रा मरवाही: छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी की चौथी पुण्यतिथि है. इस मौके पर उनके गृहनगर में उनके समाधि स्थल पर सर्व धर्म प्रार्थना सभा और भजन संध्या का आयोजन किया गया है. शाम 5 से शुरू होने वाले कार्यक्रम के लिए एक दिन पहले से ही अमित जोगी समाधि स्थल पर कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे रहे.
छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बनने का गौरव किया हासिल: गौरेला विकासखंड के जोगीसार गांव में 29 अप्रैल 1946 को जन्मे अजीत जोगी ने आईएएस, आईपीएस के अलावा छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री का गौरव हासिल किया. 2000 से 2003 तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में कमान संभाली. साल 2001 से 2018 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य रहे. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में महासमुंद सीट से लोकसभा सदस्य के रूप में काम किया. उनकी इस उपलब्धियों के कारण मरवाही विधानसभा क्षेत्र का नाम भारत की राजनीति इतिहास में पहले पन्ने पर दर्ज हुआ.
साल 29 मई 2020 को रायपुर में इलाज के दौरान 74 साल के अजीत जोगी ने आखिरी सांसे लीं. दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया जो उनके गले में गंगा इमली का बीज फंसने के कारण हुआ. जोगी समर्थक आज भी उन्हें भूल नहीं पाए. उन्हें याद करते हुए उनके समर्थकों की आंखें नम हो जाती है. गौरेला के ज्योतिपुर ने उन्हें दफनाया गया. जहां उनकी समाधि बनाई गई. उनका समाधिस्थल बनकर तैयार हो चुका है. वहां एक शिलालेख में उनकी वसीयत भी लगाई गई है. इसी समाधि स्थल पर सर्व धर्म प्रार्थना सभा के साथ ही भजन संध्या का आयोजन किया गया है. अमित जोगी का कहना है अजीत जोगी जी की इच्छा के अनुसार उनकी समाधि उनकी जन्म भूमि, कर्म भूमि गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में बनवाई गई है.