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AISA और SFI ने घोषित किए DUSU चुनाव के प्रत्याशी, चार में से तीन छात्राओं को दिया टिकट - DU Student Union Election - DU STUDENT UNION ELECTION

Delhi University Student Election: आइसा-एसएफआई ने आगामी डूसू चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है. इस बार दोनों छात्र संगठन एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. आइसा-एसएफआई ने आगामी डूसू चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है .दोनों संगठनों के नेताओं ने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ 27 सितंबर को होने वाले छात्र संघ चुनाव में उतरने का निर्णय लिया है.

आइसा और एसएफआई ने घोषित किए डूसू चुनाव के प्रत्याशी
आइसा और एसएफआई ने घोषित किए डूसू चुनाव के प्रत्याशी (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 20, 2024, 1:26 PM IST

Updated : Sep 20, 2024, 2:21 PM IST

नई दिल्ली: आइसा (ALL India Students Association) और एसएफआई (Student Federation of India) ने गुरुवार को नामांकन पत्रों की जांच के बाद आगामी डूसू चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. दोनों संगठनों के बीच गठबंधन की घोषणा एचकेएस सुरजीत भवन में एक संयुक्त सम्मेलन के दौरान हुई. इस दौरान दोनों संगठनों के नेताओं ने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ चुनाव मैदान में संयुक्त रूप से उतरने का निर्णय लिया

अध्यक्ष के लिए सावी गुप्ता
लॉ सेंटर-2 की तीसरे वर्ष की छात्रा और आइसा सदस्य सावी गुप्ता अध्यक्ष पद के लिए गठबंधन की प्रत्याशी बनाई गईं हैं. सावी राम लाल आनंद कॉलेज से पासआउट हैं और कोरोना के बाद डीयू को फिर से खोलने के आंदोलन की प्रमुख आवाज़ों में से एक थीं. सावी लॉ फैकल्टी में छात्रों के मुद्दों पर मुखर रही हैं, चाहे वह पीजी एडमिशन में विसंगतियां हों या पीडब्ल्यूडी छात्रों के लिए हाल ही में हुई फीस बढ़ोतरी. आरजी कर आंदोलन के शुरू होने के बाद से सावी ने दिल्ली विश्वविद्यालय में आईसीसी और लैंगिक संवेदनशीलता के लिए संघर्ष का नेतृत्व किया है.

उपाध्यक्ष के लिए आयुष मंडल
आइसा के आयुष मंडल को उपाध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया गया है. वह लॉ सेंटर-2 के प्रथम वर्ष के छात्र हैं. आयुष पश्चिम बंगाल के बाकुरा से आते हैं. उन्होंने कोरोना संकट के बाद डीयू को फिर से खोलने के आंदोलन के दौरान पांच दिन की भूख हड़ताल भी की थी. लॉ फैकल्टी में प्रवेश से पहले, आयुष को बाइक कैब चलाने का काम करना पड़ा और अधिकारों के लिए संघर्ष के उनके उत्साह ने उन्हें ऐप कर्मचारियों को यूनियन बनाने के लिए प्रेरित किया.

सचिव के लिए स्नेहा अग्रवाल
लॉ सेंटर-2 की प्रथम वर्ष की लॉ छात्रा और एसएफआई सदस्य स्नेहा अग्रवाल को सचिव पद के लिए प्रत्याशी घोषित किया गया है. रामजस कॉलेज में पढ़ने वाली उत्तर प्रदेश के बागपत की पहली महिला के रूप में उन्होंने मेडिकल रूम खोलने और एड-हॉक शिक्षकों के विस्थापन का विरोध करने जैसी पहलों के माध्यम से छात्र कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई है. स्नेहा प्रभावी आईसीसी और एससी/एसटी सेल के माध्यम से समावेशी भागीदारी और मजबूत प्रतिनिधित्व की वकालत करती हैं.

संयुक्त सचिव के लिए अनामिका
एमए राजनीति विज्ञान की प्रथम वर्ष की छात्रा अनामिका को संयुक्त सचिव के पद के लिए प्रत्याशी बनाया है. जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज में पूर्व में आईसीसी प्रतिनिधि और महासचिव, केरल के एक ओबीसी परिवार से आने वाली अनामिका ने किफायती आवास और भाषा अवरोध जैसी चुनौतियों का समाधान किया है. उन्होंने बेहतर कैंपस इंफ्रास्ट्रक्चर, महिलाओं की सुरक्षा और परिवहन में वृद्धि के लिए लड़ाई लड़ी है और प्रोफेसर लक्ष्मण यादव के लिए विस्थापन विरोधी संघर्ष में शामिल रही हैं.

ABVP की अति-पुरुषवादी और गुंडागर्दी वाली राजनीतिः सावी गुप्ता
सावी ने कहा कि पिछले दस सालों में ABVP की अति-पुरुषवादी और गुंडागर्दी वाली राजनीति और अप्रभावी यूनियनों ने छात्रों को अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति विमुख कर दिया है. मैं एक ऐसे DUSU के लिए लड़ रही हूँ जो महिला छात्रों को उनके परिसर में सुरक्षित महसूस कराता है. स्नेहा अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण उच्च शिक्षा लगातार खतरे में है और आज के समय में सभी स्तरों पर उनका मुकाबला करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.

ये भी पढ़ें : DUSU चुनाव में पहली बार आइसा और SFI आए साथ, जानिए किन पदों पर कौन उतारेगा उम्मीदवार -

आइसा-एसएफआई पैनल ने छात्रों से किया एकजुटता का आह्वान
आइसा-एसएफआई पैनल छात्रों से आह्वान करता है कि वे अपने वोट को उनकी शिक्षा और अधिकारों पर जारी खतरों के खिलाफ एक सशक्त हथियार बनाएं. साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय में सार्वजनिक शिक्षा को कमजोर करने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ एकजुट होने की वकालत करें.

ये भी पढ़ें : दिल्ली में शिक्षक दिवस पर आइसा छात्र संगठन का पैदल मार्च, कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया -

नई दिल्ली: आइसा (ALL India Students Association) और एसएफआई (Student Federation of India) ने गुरुवार को नामांकन पत्रों की जांच के बाद आगामी डूसू चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. दोनों संगठनों के बीच गठबंधन की घोषणा एचकेएस सुरजीत भवन में एक संयुक्त सम्मेलन के दौरान हुई. इस दौरान दोनों संगठनों के नेताओं ने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ चुनाव मैदान में संयुक्त रूप से उतरने का निर्णय लिया

अध्यक्ष के लिए सावी गुप्ता
लॉ सेंटर-2 की तीसरे वर्ष की छात्रा और आइसा सदस्य सावी गुप्ता अध्यक्ष पद के लिए गठबंधन की प्रत्याशी बनाई गईं हैं. सावी राम लाल आनंद कॉलेज से पासआउट हैं और कोरोना के बाद डीयू को फिर से खोलने के आंदोलन की प्रमुख आवाज़ों में से एक थीं. सावी लॉ फैकल्टी में छात्रों के मुद्दों पर मुखर रही हैं, चाहे वह पीजी एडमिशन में विसंगतियां हों या पीडब्ल्यूडी छात्रों के लिए हाल ही में हुई फीस बढ़ोतरी. आरजी कर आंदोलन के शुरू होने के बाद से सावी ने दिल्ली विश्वविद्यालय में आईसीसी और लैंगिक संवेदनशीलता के लिए संघर्ष का नेतृत्व किया है.

उपाध्यक्ष के लिए आयुष मंडल
आइसा के आयुष मंडल को उपाध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया गया है. वह लॉ सेंटर-2 के प्रथम वर्ष के छात्र हैं. आयुष पश्चिम बंगाल के बाकुरा से आते हैं. उन्होंने कोरोना संकट के बाद डीयू को फिर से खोलने के आंदोलन के दौरान पांच दिन की भूख हड़ताल भी की थी. लॉ फैकल्टी में प्रवेश से पहले, आयुष को बाइक कैब चलाने का काम करना पड़ा और अधिकारों के लिए संघर्ष के उनके उत्साह ने उन्हें ऐप कर्मचारियों को यूनियन बनाने के लिए प्रेरित किया.

सचिव के लिए स्नेहा अग्रवाल
लॉ सेंटर-2 की प्रथम वर्ष की लॉ छात्रा और एसएफआई सदस्य स्नेहा अग्रवाल को सचिव पद के लिए प्रत्याशी घोषित किया गया है. रामजस कॉलेज में पढ़ने वाली उत्तर प्रदेश के बागपत की पहली महिला के रूप में उन्होंने मेडिकल रूम खोलने और एड-हॉक शिक्षकों के विस्थापन का विरोध करने जैसी पहलों के माध्यम से छात्र कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई है. स्नेहा प्रभावी आईसीसी और एससी/एसटी सेल के माध्यम से समावेशी भागीदारी और मजबूत प्रतिनिधित्व की वकालत करती हैं.

संयुक्त सचिव के लिए अनामिका
एमए राजनीति विज्ञान की प्रथम वर्ष की छात्रा अनामिका को संयुक्त सचिव के पद के लिए प्रत्याशी बनाया है. जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज में पूर्व में आईसीसी प्रतिनिधि और महासचिव, केरल के एक ओबीसी परिवार से आने वाली अनामिका ने किफायती आवास और भाषा अवरोध जैसी चुनौतियों का समाधान किया है. उन्होंने बेहतर कैंपस इंफ्रास्ट्रक्चर, महिलाओं की सुरक्षा और परिवहन में वृद्धि के लिए लड़ाई लड़ी है और प्रोफेसर लक्ष्मण यादव के लिए विस्थापन विरोधी संघर्ष में शामिल रही हैं.

ABVP की अति-पुरुषवादी और गुंडागर्दी वाली राजनीतिः सावी गुप्ता
सावी ने कहा कि पिछले दस सालों में ABVP की अति-पुरुषवादी और गुंडागर्दी वाली राजनीति और अप्रभावी यूनियनों ने छात्रों को अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति विमुख कर दिया है. मैं एक ऐसे DUSU के लिए लड़ रही हूँ जो महिला छात्रों को उनके परिसर में सुरक्षित महसूस कराता है. स्नेहा अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण उच्च शिक्षा लगातार खतरे में है और आज के समय में सभी स्तरों पर उनका मुकाबला करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.

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आइसा-एसएफआई पैनल ने छात्रों से किया एकजुटता का आह्वान
आइसा-एसएफआई पैनल छात्रों से आह्वान करता है कि वे अपने वोट को उनकी शिक्षा और अधिकारों पर जारी खतरों के खिलाफ एक सशक्त हथियार बनाएं. साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय में सार्वजनिक शिक्षा को कमजोर करने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ एकजुट होने की वकालत करें.

ये भी पढ़ें : दिल्ली में शिक्षक दिवस पर आइसा छात्र संगठन का पैदल मार्च, कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया -

Last Updated : Sep 20, 2024, 2:21 PM IST
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