लखनऊ: बुधवार को एक बार फिर एयरपोर्ट प्रशासन रहीमाबाद गांव में बाउंड्री वॉल का निर्माण करने के लिए दलबल के साथ पहुंचा, लेकिन ग्रामीणों के भारी विरोध के कारणकार्य रोक दिया गया है. कब्जा करने पहुंचे लोगों और पुलिस से किसानों की झड़प भी हुई. इस दौरान महिलाओं ने धक्का देने का भी आरोप लगाया.
राजधानी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का विस्तारीकरण होना है. जिसको लेकर एयरपोर्ट प्रशासन रहीमाबाद गांव में बाउंड्रीवॉल बनाने पहुंचा था. जहां पर किसानों के भारी विरोध के बाद काम को रोक दिया गया है. किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी लखनऊ से वार्ता के लिए गया. फिलहाल मौके पर पुलिस बल तैनात है और बाउंड्रीवॉल निर्माण कार्य को रोक दिया गया है.
किसान नेता हरिश्चंद्र के मुताबिक अमौसी एयरपोर्ट द्वारा बेहसा, भक्तिखेड़ा, रहीमाबाद आदि गांवों की भूमि का अधिग्रहण करने के लिए वर्ष 1948 व 1951 में नोटिफिकेशन किया गया था. जिसमें मुख्य एयरपोर्ट बनाने के लिए कुछ किसानों की जमीनों का उन्हें मुआवजा देकर कब्जा लेते हुए एयरपोर्ट का निर्माण किया गया. जबकि अधिकांश किसानों की भूमि का मुआवजा भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. न ही किसानों की जमीन पर कब्जा लिया गया. कहा कि वर्ष 1951 से किसान जमीन पर काबिज रहकर खेती कर रहे हैं. आरोप है कि वर्ष 2010 में बिना प्रतिकर का भुगतान किए ही किसानों की जमीन जिला प्रशासन की मिलीभगत से एयरपोर्ट अथॉरिटी के नाम कर दी गई. इसकी जानकारी होने पर किसानों व संगठन ने कई बार जिला प्रशासन व एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों से भूमि स्थानांतरित करने के आदेश की जानकारी चाही, लेकिन अब तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी.
एयरपोर्ट के आसपास स्थित गांव चिल्लावा, रहीमाबाद ,भक्ति खेड़ा, बेहसा के लोग एयरपोर्ट प्रशासन पर बिना मुआवजा दिए जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगातार लगाते आए हैं. वहीं बात की जाए राजस्व अभिलेखों की तो इसमें वर्तमान समय की खतौनी में एयरपोर्ट अथॉरिटी का नाम दर्ज है. हाईकोर्ट ने किसानों द्वारा लगाई गई आपत्ति को खारिज कर दिया है. जिसके बाद एयरपोर्ट प्रशासन लगातार जमीन पर बाउंड्री वॉल का निर्माण करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन किसानों के भारी विरोध के कारण अभी तक सफल नहीं हुआ है. किसानों का कहना है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दर्ज करवाया है.