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यूपी में मस्जिदों के सर्वे पर भड़के AIMIM प्रवक्ता, प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट का ख्याल नहीं रखने का लगाया आरोप - AIMIM ANGRY OVER SURVEY

आसीम वकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील किया है कि वह प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को गंभीरता से ले

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सर्वे पर बोले एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 11, 2024, 3:38 PM IST

लखनऊ: यूपी में पहले संभल फिर फतेहपुर के बाद अब जौनपुर में मस्जिद के सर्वे को लेकर एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता आसीम वकार ने कड़ी नाराजगी जताई है. उन्होंने इसे प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का उल्लंघन करार दिया. वकार ने कहा कि मस्जिदों के सर्वे का सिलसिला देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास है और ऐसे आदेश सत्ताधारी दल के दबाव में दिए जा रहे हैं.

AIMIM के प्रवक्ता आसीम वकार ने कहा, आजकल ये बहुत आसान हो गया है कि कोई भी अदालत में जाकर मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करे और सर्वे की मांग कर दे. ये प्रक्रिया तुरंत स्वीकृत हो जाती है. इससे दो समुदायों के बीच तनाव बढ़ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी जनता को शिक्षा और रोजगार से भटकाकर मंदिर-मस्जिद के मुद्दे में उलझा रही है.

एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता आसीम वकार (Video Credit; ETV Bharat)

वकार ने संभल हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि वहां सर्वे के दौरान पांच लोगों की मौत हो चुकी है. फतेहपुर में नूरी जामा मस्जिद को अतिक्रमण बताकर बुलडोजर से गिरा दिया गया, जबकि यह मामला अदालत में विचाराधीन था. वकार ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि उसने कोर्ट का फैसला आने का भी इंतजार नहीं किया. वहीं अब जौनपुर की अटाला मस्जिद का सर्वे कराए जाने का मामला कोर्ट में चल रहा है.

आसीम वकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि वह प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को गंभीरता से ले और मस्जिदों के सर्वे पर रोक लगाए. उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा रहे हैं और देश के संवैधानिक ढांचे को कमजोर कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : अटाला मस्जिद पर मंदिर होने के दावा, मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष की याचिका को चुनौती

लखनऊ: यूपी में पहले संभल फिर फतेहपुर के बाद अब जौनपुर में मस्जिद के सर्वे को लेकर एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता आसीम वकार ने कड़ी नाराजगी जताई है. उन्होंने इसे प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का उल्लंघन करार दिया. वकार ने कहा कि मस्जिदों के सर्वे का सिलसिला देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास है और ऐसे आदेश सत्ताधारी दल के दबाव में दिए जा रहे हैं.

AIMIM के प्रवक्ता आसीम वकार ने कहा, आजकल ये बहुत आसान हो गया है कि कोई भी अदालत में जाकर मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करे और सर्वे की मांग कर दे. ये प्रक्रिया तुरंत स्वीकृत हो जाती है. इससे दो समुदायों के बीच तनाव बढ़ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी जनता को शिक्षा और रोजगार से भटकाकर मंदिर-मस्जिद के मुद्दे में उलझा रही है.

एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता आसीम वकार (Video Credit; ETV Bharat)

वकार ने संभल हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि वहां सर्वे के दौरान पांच लोगों की मौत हो चुकी है. फतेहपुर में नूरी जामा मस्जिद को अतिक्रमण बताकर बुलडोजर से गिरा दिया गया, जबकि यह मामला अदालत में विचाराधीन था. वकार ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि उसने कोर्ट का फैसला आने का भी इंतजार नहीं किया. वहीं अब जौनपुर की अटाला मस्जिद का सर्वे कराए जाने का मामला कोर्ट में चल रहा है.

आसीम वकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि वह प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को गंभीरता से ले और मस्जिदों के सर्वे पर रोक लगाए. उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा रहे हैं और देश के संवैधानिक ढांचे को कमजोर कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : अटाला मस्जिद पर मंदिर होने के दावा, मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष की याचिका को चुनौती

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