ETV Bharat / state

छूने से नहीं फैलती है सफेद दाग की बीमारी, संभव है इसका इलाज, ये रही AIIMS के डॉक्टरों की सलाह - Vitiligo treatment IN DELHI AIIMS

Vitiligo awareness campaign: विटिलिगो छुआछूत की बीमारी नहीं है. ये स्किन में होने वाला एक तरह का डिसऑर्डर है. इन्हीं सब भ्रांतियां को दूर करने के लिए देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई.

विटिलिगो छुआछूत की बीमारी नहीं है: AIIMS
विटिलिगो छुआछूत की बीमारी नहीं है: AIIMS (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 13, 2024, 7:12 PM IST

विटिलिगो छुआछूत की बीमारी नहीं है: AIIMS (ETV BHARAT)

नई दिल्ली: विटिलिगो (ल्यूकोडर्मा) जिसे सफेद दाग के नाम से भी जाना जाता है. विटिलिगो एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसकी शुरुआत शरीर में खुजली से होती है और फिर धीरे-धीरे शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर सफेद रंग के छोटे-बड़े निशान बनने लगते हैं. समाज में इस बीमारी को लेकर कई सारी भ्रांतियां हैं. समाज में विटिलिगो के मरीजों के साथ दूसरे लोग अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं. इससे उनकी मानसिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ता है. इन्हीं सब भ्रांतियां को दूर करने के लिए हर साल 25 जून को वर्ल्ड विटिलिगो डे मनाया जाता है.

देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में डॉक्टरों द्वारा मंगलवार को विटिलिगो ल्यूकोडर्मा बीमारी की जागरुकता के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इस दौरान डॉक्टरों के द्वारा इस बीमारी के प्रति लोगों में फैली भ्रांतियां के बारे में बताया गया. डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी का इलाज संभव है. कॉन्फ्रेंस के बाद एम्स अस्पताल के जवाहरलाल नेहरू सभागार में पब्लिक लेक्चर का आयोजन किया गया, जिसमें लोगों की भ्रांतियां को दूर किया गया.

एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि हर रोज सैकड़ों की संख्या में विटिलिगो बीमारी से पीड़ित मरीज आते हैं. इस बीमारी के चलते लोगों के मानसिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ता है. क्योंकि दूसरे लोग विटिलिगो के मरीजों से दूरी बना लेते हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि यह बीमारी छूने से होती है, लेकिन यह एक भ्रांति है. यह बीमारी छूने से नहीं होती ना ही कुछ खान-पान से. समाज में कुछ ऐसी भी भ्रांतियां हैं, जिनमें लोग मानते हैं कि विटिलिगो पीड़ित व्यक्ति ने पिछले जन्म में कोई गलत कार्य किया होगा. जिसकी सजा उसे इस जन्म में मिल रही है. यह समाज में सबसे बड़ी भ्रांति हैं, जिनको दूर करना अति आवश्यक है.

डॉक्टरों ने बताया कि विटिलिगो से कोई भी व्यक्ति ग्रस्त हो सकता है. इस बीमारी का इलाज संभव है. कई बार ऐसा होता है कि विटिलिगो पीड़ित व्यक्ति के शरीर पर आए निशान ठीक हो जाते हैं. लेकिन कुछ समय बाद वह निशान वापस उनके शरीर पर आ जाते हैं. इसके बाद कई व्यक्ति इसका इलाज बीच में ही छोड़ देते हैं. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज कई बार लंबा चलता है. वहीं, देश के कई बड़े अस्पतालों में कई सारी ऐसी मशीनें है, जिसकी मदद (सर्जरी) से इसका इलाज आसानी से संभव है.

विटिलिगो छुआछूत की बीमारी नहीं है: AIIMS (ETV BHARAT)

नई दिल्ली: विटिलिगो (ल्यूकोडर्मा) जिसे सफेद दाग के नाम से भी जाना जाता है. विटिलिगो एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसकी शुरुआत शरीर में खुजली से होती है और फिर धीरे-धीरे शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर सफेद रंग के छोटे-बड़े निशान बनने लगते हैं. समाज में इस बीमारी को लेकर कई सारी भ्रांतियां हैं. समाज में विटिलिगो के मरीजों के साथ दूसरे लोग अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं. इससे उनकी मानसिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ता है. इन्हीं सब भ्रांतियां को दूर करने के लिए हर साल 25 जून को वर्ल्ड विटिलिगो डे मनाया जाता है.

देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में डॉक्टरों द्वारा मंगलवार को विटिलिगो ल्यूकोडर्मा बीमारी की जागरुकता के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इस दौरान डॉक्टरों के द्वारा इस बीमारी के प्रति लोगों में फैली भ्रांतियां के बारे में बताया गया. डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी का इलाज संभव है. कॉन्फ्रेंस के बाद एम्स अस्पताल के जवाहरलाल नेहरू सभागार में पब्लिक लेक्चर का आयोजन किया गया, जिसमें लोगों की भ्रांतियां को दूर किया गया.

एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि हर रोज सैकड़ों की संख्या में विटिलिगो बीमारी से पीड़ित मरीज आते हैं. इस बीमारी के चलते लोगों के मानसिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ता है. क्योंकि दूसरे लोग विटिलिगो के मरीजों से दूरी बना लेते हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि यह बीमारी छूने से होती है, लेकिन यह एक भ्रांति है. यह बीमारी छूने से नहीं होती ना ही कुछ खान-पान से. समाज में कुछ ऐसी भी भ्रांतियां हैं, जिनमें लोग मानते हैं कि विटिलिगो पीड़ित व्यक्ति ने पिछले जन्म में कोई गलत कार्य किया होगा. जिसकी सजा उसे इस जन्म में मिल रही है. यह समाज में सबसे बड़ी भ्रांति हैं, जिनको दूर करना अति आवश्यक है.

डॉक्टरों ने बताया कि विटिलिगो से कोई भी व्यक्ति ग्रस्त हो सकता है. इस बीमारी का इलाज संभव है. कई बार ऐसा होता है कि विटिलिगो पीड़ित व्यक्ति के शरीर पर आए निशान ठीक हो जाते हैं. लेकिन कुछ समय बाद वह निशान वापस उनके शरीर पर आ जाते हैं. इसके बाद कई व्यक्ति इसका इलाज बीच में ही छोड़ देते हैं. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज कई बार लंबा चलता है. वहीं, देश के कई बड़े अस्पतालों में कई सारी ऐसी मशीनें है, जिसकी मदद (सर्जरी) से इसका इलाज आसानी से संभव है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.