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कृषि विशेषज्ञ बोले- गहरी जुताई से बढ़ती है मिट्टी की उपजाऊ क्षमता - plowing started in farms - PLOWING STARTED IN FARMS

प्रदेश में इन​ दिनों खेतों में जुताई का सीजन है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बुआई करने से पहले जुताई करना खेतों और फसलों के लिए लाभदायक होता है. इससे मिट्टी का उपजाउपन बढ़ता है. साथ ही जमीन में दबे कीट पंतगें भी बाहर आकर नष्ट हो जाते हैं. जुताई गहरी करनी चाहिए.

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कृषि विशेषज्ञों का दावा (ETV BHARAT Kuchaman City)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 8, 2024, 2:09 PM IST

कृषि विभाग के सहायक निदेशक ओम प्रकाश मट्टू (ETV BHARAT Kuchaman City)

कुचामनसिटी. डीडवाना कुचामन जिले के किसानों ने खेतों में जुताई का कार्य शुरू कर दिया है. माना जाता है कि गर्मी के मौसम में जुताई का माकूल वक्त अप्रैल और मई का होता है. जिले में जो, गेहूं,सरसों, चना आदि फैसले लेने के बाद क्षेत्र के किसान खेती किसानी के काम में जुट गए हैं, ताकि आगामी मानसून की बारिश होने के बाद बाजरा मूंग मोठ गवार की बुवाई कर सकें. इस बारे में डीडवाना कुचामन के कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को गहरी जुताई करने की अपील की है.

कृषि विभाग के सहायक निदेशक ओम प्रकाश मट्टू ने बताया कि ये समय खरीफ की फसल के लिए जुताई करने का सबसे माकूल समय है. किसानों को खेत में गहरी जुताई करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि गहरी जुताई करने से खरपतवार नियंत्रित होती है. कीड़े मकोड़े और उनके अण्डे जमीन के अंदर से बाहर आकर नष्ट हो जाते हैं. मिट्टी पलटने से क्षारीय और लवणीय मिट्टी ऊपर नीचे होने से फसल स्वस्थ व पैदावार अच्छी होती है.

पढ़ें: किसानों ने शुरू की कपास की बुआई, कृषि विभाग की सलाह- बीज खरीदते समय रखें गुणवत्ता का ध्यान

कृषि अधिकारी डॉक्टर प्रभुदयाल ने बताया कि गहरी जुताई करने से अंकुरण सही होता है और फसलों के उत्पादन में काफी अच्छा परिणाम देखने को मिलता है. कृषि वैज्ञानिकों की ओर से जागरूकता संदेश के बाद किसानों में भी गहरी जुताई करने को लेकर सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं.

गोपालपुरा के किसान परसाराम ने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों के सलाह के बाद वे खेतों में गहरी जुताई कर रहे हैं. इससे आने वाली फसलों में रोग व खरपतवार खत्म हो जाएगी. गहरी जुताई के कारण मिट्टी की पलटी हो जाती है, जिससे फसलों में उत्पादन बढ़ जाता है. गर्मी के समय खेतों में गहरी जुताई करने से सूर्य की किरण सीधी गिरने से मिट्टी का तापमान बढ़ जाता है, जिससे फसलों में लगने वाले कीड़े खत्म हो जाते हैं. गहरी जुताई वाली भूमि में बारिश का पानी सोखने की क्षमता भी होती है. गर्मी के दिनों में जुताई करने से ज्यादा तेज धूप की वजह से मिट्टी गर्म होने से खेतों में उगने वाली खरपतवार पूरी तरह नष्ट हो जाती है.

कृषि विभाग के सहायक निदेशक ओम प्रकाश मट्टू (ETV BHARAT Kuchaman City)

कुचामनसिटी. डीडवाना कुचामन जिले के किसानों ने खेतों में जुताई का कार्य शुरू कर दिया है. माना जाता है कि गर्मी के मौसम में जुताई का माकूल वक्त अप्रैल और मई का होता है. जिले में जो, गेहूं,सरसों, चना आदि फैसले लेने के बाद क्षेत्र के किसान खेती किसानी के काम में जुट गए हैं, ताकि आगामी मानसून की बारिश होने के बाद बाजरा मूंग मोठ गवार की बुवाई कर सकें. इस बारे में डीडवाना कुचामन के कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को गहरी जुताई करने की अपील की है.

कृषि विभाग के सहायक निदेशक ओम प्रकाश मट्टू ने बताया कि ये समय खरीफ की फसल के लिए जुताई करने का सबसे माकूल समय है. किसानों को खेत में गहरी जुताई करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि गहरी जुताई करने से खरपतवार नियंत्रित होती है. कीड़े मकोड़े और उनके अण्डे जमीन के अंदर से बाहर आकर नष्ट हो जाते हैं. मिट्टी पलटने से क्षारीय और लवणीय मिट्टी ऊपर नीचे होने से फसल स्वस्थ व पैदावार अच्छी होती है.

पढ़ें: किसानों ने शुरू की कपास की बुआई, कृषि विभाग की सलाह- बीज खरीदते समय रखें गुणवत्ता का ध्यान

कृषि अधिकारी डॉक्टर प्रभुदयाल ने बताया कि गहरी जुताई करने से अंकुरण सही होता है और फसलों के उत्पादन में काफी अच्छा परिणाम देखने को मिलता है. कृषि वैज्ञानिकों की ओर से जागरूकता संदेश के बाद किसानों में भी गहरी जुताई करने को लेकर सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं.

गोपालपुरा के किसान परसाराम ने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों के सलाह के बाद वे खेतों में गहरी जुताई कर रहे हैं. इससे आने वाली फसलों में रोग व खरपतवार खत्म हो जाएगी. गहरी जुताई के कारण मिट्टी की पलटी हो जाती है, जिससे फसलों में उत्पादन बढ़ जाता है. गर्मी के समय खेतों में गहरी जुताई करने से सूर्य की किरण सीधी गिरने से मिट्टी का तापमान बढ़ जाता है, जिससे फसलों में लगने वाले कीड़े खत्म हो जाते हैं. गहरी जुताई वाली भूमि में बारिश का पानी सोखने की क्षमता भी होती है. गर्मी के दिनों में जुताई करने से ज्यादा तेज धूप की वजह से मिट्टी गर्म होने से खेतों में उगने वाली खरपतवार पूरी तरह नष्ट हो जाती है.

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