आगरा: ताजनगरी आगरा के अतिरिक्त सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायधीश भव्या श्रीवास्तव की अदालत में मंगलवार को जामा मस्जिद की सीढ़ियों में श्रीकृष्ण विग्रह दबे होने के वाद की सुनवाई हुई. श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मूर्ति विग्रह प्रकरण में सनातन धर्म रक्षापीठ वृंदावन की ओर से दायर वाद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) समेत चार प्रतिवादी बनाए गए हैं.
सुनवाई में एएसआई ने अपना न्यायालय के समक्ष मेमोरैंडम लगाकर सर्वे समेत अन्य की मांग पर जवाब प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा है. जिस पर न्यायाधीश ने इस मामले में 28 अक्टूबर की तिथि सुनवाई के लिए तय की है.
बता दें कि सनातन धर्म रक्षापीठ वृंदावन में सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रीना सिंह, भाजपा नेता सोनिया ठाकुर और सनातन धर्म रक्षापीठ की राष्ट्रीय महामंत्री नीतू सिंह चौहान की ओर से अधिवक्ता राजवीर सिंह चौहान ने न्यायालय में वाद दायर किया है. जिसमें एएसआई समेत तीन अन्य प्रतिवादी हैं. अभी तक लगातार नोटिस जारी होने के बाद भी तीन प्रतिवादी विपक्षीगण न्यायालय में अपना पक्ष रखने नहीं आए.
तीन अन्य प्रतिवादियों को नोटिस किए गए जारी: इस मामले में अभी तक तीन और प्रतिवादी लगातार दिए गए दो नोटिस के बाद भी कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए हाजिर नहीं हुए हैं. इस पर न्यायाधीश ने तीनों ही प्रतिवादी को एक बार पुन: नोटिस जारी करके आदेश दिए हैं कि वे अपना पक्ष कोर्ट में रखें.
जामा मस्जिद का सर्वे जरूरी: वादी पक्ष सनातन धर्म रक्षापीठ वृंदावन के कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर ने कहा कि शीघ्र ही जामा मस्जिद का सर्वे किया जाए. मजिस्द की सीढ़ियों के नीचे श्रीकृष्ण जन्मभूमि में प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति विग्रह समस्त यदुवंशी, क्षत्रिय, जादौन, जडेजा, भाटी, छौंकर, रावल, चूड़ासमा आदि कृष्ण वंशजों के इतिहास की विरासत है.
भगवान श्रीकृष्ण सनातन वैष्णव जनों के इष्ट हैं. इसलिए सबके भाव के साथ सैकड़ों वर्षों से अपमान होता आ रहा है. उनके आराध्य भगवान जामा मस्जिद की सीढ़ियों में दबे हैं. इसलिए समस्त सनातन धर्म के भाव की रक्षा के लिए जामा मस्जिद की सीढ़ियों का सर्वे कराया जाए. जिससे पूरी हकीकत सामने आएगी. कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीठ की महामंत्री नीतू सिंह चौहान, कुंवर विक्रम सिंह राठौड़ सहित अधिवक्ता रागिनी सिंह चौहान समेत मौजूद रहीं.
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