आगरा : आगरा स्मार्ट सिटी के पूर्व नोडल अधिकारी और नगर निगम के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) आरके सिंह की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. सीएम योगी से भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी से 300 करोड़ रुपये की आय अर्जित करने की शिकायत पर आगरा मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी की बनाई जांच कमेटी ने अधिशासी अभियंता आरके सिंह को बयान के लिए तलब किया है.
जांच अधिकारी ने अपर आयुक्त प्रशासन कार्यालय में बयान के लिए नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही जांच कमेटी ने आगरा नगर निगम से आठ साल के विकास कार्य के दस्तावेज और स्मार्ट सिटी से भी दस्तावेज मांगे हैं. इस बारे में अपर आयुक्त प्रशासन राजेश कुमार ने बताया कि, शिकायतकर्ता अशोक कुशवाहा और अधिशासी अभियंता आरके सिंह को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है. दोनों को गुरुवार सुबह 11 बजे जांच कमेटी के सामने बयान देने के लिए प्रस्तुत होना है.
बता दें कि, मूलरूप से बिहार में विलासपुर के रहने वाले अधिशासी अभियंता आरके सिंह की आगरा नगर निगम में वर्ष 2016 में तैनाती हुई थी. तब उन्हें हरीपर्वत जोन का अभियंता बनाया गया था. वर्ष 2017 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में आगरा नगर निगम ने आरके सिंह को स्मार्ट सिटी का पहला नोडल अधिकारी बनाया था. स्मार्ट सिटी के तहत 1000 करोड़ रुपये से ताजगंज क्षेत्र सहित शहर के अन्य वार्ड में कार्य होने थे. जिसमें सबसे बड़ा प्रोजेक्ट एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का 285 करोड़ रुपये का था. जिसके तहत 1216 सीसीटीवी कैमरे लगने थे. तीन करोड़ रुपये से तीन लाख घरों में फ्रीक्वेंसी रीडर कार्ड लगने थे.
जांच कमेटी ने 300 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति की अर्जित करने की शिकायत पर जांच के लिए दस्तावेज नगर निगम और स्मार्ट सिटी से मांगे हैं. जिनमें नगर निगम में बीते 8 साल में हुए विकास कार्यों के टेंडर से लेकर अन्य कार्य के दस्तावेज भी शामिल हैं. जिनमें खासकर सड़कों की गुणवत्ता को भी शामिल किया गया है. शिकायत में 23 बिंदुओं को शामिल किया गया है. इसमें टेंडरों में किया गया खेल भी शामिल है. क्योंकि, 7 साल पहले एक लाख रुपये तक के टेंडर ऑनलाइन जारी नहीं होते थे. जिसमें भी एक्सईएन आरके सिंह के विरुद्ध टेंडर पूलिंग की भी शिकायतें हुई थीं.
ये काम भी स्मार्ट सिटी में कराए गए : स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ही ताजगंज में आठ स्थानों पर स्वचलित शौचालय, 150 करोड़ रुपये से ताजगंज क्षेत्र को 24 घंटे गंगाजल मिलना था. 39 स्थानों पर प्रदूषण की रीडिंग के लिए सेंसर लगने थे. गड्ढा मुक्त अभियान के नाम पर आठ करोड़ रुपये के कार्य कराए गए हैं. एक बार भी निर्माण की गुणवत्ता की ठीक तरीके से जांच नहीं हुई. गोशाला सहित कई निर्माण कार्य ऐसे हैं, जो बिना टेंडर के कराए गए.
सीएम योगी से शिकायत में क्या कहा गया : बता दें कि, ग्वालियर रोड के अशोक कुशवाहा ने सीएम योगी से 5 जून 2024 को शिकायत की. जिसमें 23 बिंदुओं की जानकारी में भ्रष्टाचार किस तरीके से किया गया, ये सब कुछ बताया गया है. अशोक कुशवाहा ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में जिन कार्यों का टेंडर हुआ, उसमें 10 से 15 प्रतिशत कमीशन आरके सिंह ने लिया है. स्मार्ट सिटी में जो भी कार्य हुए हैं, उनकी गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए. स्मार्ट सिटी के अलावा निगम के कार्यों में भी खेल किया गया है.
बिहार के विलासपुर में बन चुका है माल : शिकायतकर्ता अशोक कुशवाहा का आरोप है कि अधिशासी अभियंता आरके सिंह ने विलासपुर (बिहार) में एक मॉल का भी निर्माण कराया है, जो उनके परिजन के नाम पर है. उस मॉल की कीमत करीब 90 करोड़ रुपये के आस-पास है. ये मॉल आगरा में किए गए भ्रष्टाचार की रकम से बनाया गया है. इसकी जांच की जाए.
भाजपा विधायक ने भी की थी सीएम से शिकायत : भाजपा प्रदेश और देश में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. योगी सरकार में भाजपा विधायक ने 28 फरवरी 2023 को आगरा नगर निगम के अधिशासी अभियंता और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी आरके सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए सीएम योगी से शिकायत की थी. जिसमें रिश्वत लेकर टेंडर देने से लेकर विकास कार्यों में कमीशनखोरी का आरोप लगाया गया था. बिना टेंडर के अपने चहेते ठेकेदारों से बड़ा कमीशन लेकर कार्य कराने का भी आरोप था. इसके साथ ही अधिशासी अभियंता पर बेनामी संपत्तियाें की जांच विजिलेंस से कराने की मांग की गई थी. जिसके बाद ही आरके सिंह को स्मार्ट सिटी से हटाया गया था.
तबादला के बाद भी नहीं संभाला कार्यभार : उप्र शासन के आदेशानुसार एक ही पद पर लंबे समय तक कोई भी अधिकारी या फिर अभियंता नहीं रह सकता है, लेकिन आठ साल से आरके सिंह आगरा नगर निगम के हरीपर्वत जोन में रहे. डेढ़ साल पहले आरके सिंह का तबादला वाराणसी हो गया था, लेकिन उन्होंने अभी तक कार्यभार नहीं संभाला है.
दो सदस्यीय कमेटी गठित : सीएम योगी से नगर निगम के अधिशासी अभियंता आरके सिंह के विरुद्ध आय से अधिक संपत्तियां होने की शिकायत होने पर आगरा मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने जांच कमेटी बनाई है. इस कमेटी में अपर आयुक्त प्रशासन राजेश कुमार की निगरानी में दो सदस्यीय शामिल है. कमेटी जल्द जांचकर रिपोर्ट देगी. इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
इस बारे में अपर आयुक्त प्रशासन राजेश कुमार ने बताया कि, अधिशासी अभियंता आरके सिंह और शिकायतकर्ता को 11 जुलाई की सुबह 11 बजे अपर आयुक्त प्रशासन कार्यालय में बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भी जारी किया है.