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झारखंड में अधिकारियों की मांग! चाहिए डीसी और एसडीएम का पद - Agitation in Jharkhand

Demands of Jharkhand officers. झारखंड में प्रशासनिक और गैर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने भी आंदोलन शुरू कर दिया है. क्यों आंदोलन कर रहे हैं अधिकारी आखिर उनकी क्या मांग है, जानिए इस रिपोर्ट में.

Agitation of administrative and non state administrative service officers in Jharkhand
गैर राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के सदस्य (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 13, 2024, 2:14 PM IST

Updated : Sep 13, 2024, 2:34 PM IST

पलामूः झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पारा चढ़ रहा है, वहीं अधिकारी वर्ग में भी आंदोलन की शुरुआत हुई है. झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डीसी का पद मांग रहे हैं, वहीं गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एसडीएम का पद मांग रहे हैं. झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ (झासा) के अधिकारी अपनी मांगों को लेकर काला बिल्ला लगाकर कार्य कर रहे हैं, वहीं गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने भी आंदोलन की शुरुआत की है.

जानकारी देते पलामू जिला उद्यान सह गैर राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के शैलेंद्र कुमार (ईटीवी भारत)

झारखंड राज्य कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राज्य भाषा विभाग के द्वारा 09 सितंबर को एक संकल्प जारी किया गया है. जिसमें गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के द्वारा 17 वर्ष सेवा करने के बाद वे आईएएस रैंक में प्रमोशन होने के लिए अधिकृत होंगे. संकल्प में यह भी कहा गया है 09 वर्ष सेवा होने वाले उपसमाहर्ता रैंक दिया जाएगा. आईएएस रैंक में गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के चयन प्रक्रिया को सरलीकरण होने पर अधिकारियों ने सीएम को धन्यवाद दिया है. वहीं कई बिंदुओं को लेकर आंदोलन की भी घोषणा की है.

गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का कहना है कि वह पहले से ही उपसमाहर्ता रैंक में है. अधिकारियों का कहना है कि परीक्षा के माध्यम से एसडीएम के पद पर उनको डायरेक्ट चयन किया जाए साथ ही साथ उन्हें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधानों के अनुसार मजिस्ट्रियल पावर दिया जाए. यह मजिस्ट्रियल पावर नियुक्ति के समय से ही दी जाए. पलामू में गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बिंदुओं की जानकारी दी है.

झारखंड प्रशासनिक सेवा के लोगों का स्वतः चयन प्रक्रिया के लिए नाम चला जाता था. जबकि अन्य सेवा के अधिकारियों को काफी मेहनत करनी पड़ती थी. गैर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए कोटा बेहद ही कम था, बाद में उन्हें यूपीएससी में इंटरव्यू भी फेस करना पड़ता था. संकल्प के द्वारा गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को सुविधा देने की कोशिश की गई है. गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी चाहते हैं कि संकल्प के द्वारा दी गई सुविधा को बरकरार रखा जाए. - शैलेंद्र कुमार , पलामू जिला उद्यान सह गैर राज्य प्रशासनिक सेवा संघ

ये भी पढ़ेंः

झारखंड प्रशासनिक सेवा के 11 अफसरों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति! यूपीएससी की बैठक में बनी सहमति

पलामूः झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पारा चढ़ रहा है, वहीं अधिकारी वर्ग में भी आंदोलन की शुरुआत हुई है. झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डीसी का पद मांग रहे हैं, वहीं गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एसडीएम का पद मांग रहे हैं. झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ (झासा) के अधिकारी अपनी मांगों को लेकर काला बिल्ला लगाकर कार्य कर रहे हैं, वहीं गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने भी आंदोलन की शुरुआत की है.

जानकारी देते पलामू जिला उद्यान सह गैर राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के शैलेंद्र कुमार (ईटीवी भारत)

झारखंड राज्य कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राज्य भाषा विभाग के द्वारा 09 सितंबर को एक संकल्प जारी किया गया है. जिसमें गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के द्वारा 17 वर्ष सेवा करने के बाद वे आईएएस रैंक में प्रमोशन होने के लिए अधिकृत होंगे. संकल्प में यह भी कहा गया है 09 वर्ष सेवा होने वाले उपसमाहर्ता रैंक दिया जाएगा. आईएएस रैंक में गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के चयन प्रक्रिया को सरलीकरण होने पर अधिकारियों ने सीएम को धन्यवाद दिया है. वहीं कई बिंदुओं को लेकर आंदोलन की भी घोषणा की है.

गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का कहना है कि वह पहले से ही उपसमाहर्ता रैंक में है. अधिकारियों का कहना है कि परीक्षा के माध्यम से एसडीएम के पद पर उनको डायरेक्ट चयन किया जाए साथ ही साथ उन्हें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधानों के अनुसार मजिस्ट्रियल पावर दिया जाए. यह मजिस्ट्रियल पावर नियुक्ति के समय से ही दी जाए. पलामू में गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बिंदुओं की जानकारी दी है.

झारखंड प्रशासनिक सेवा के लोगों का स्वतः चयन प्रक्रिया के लिए नाम चला जाता था. जबकि अन्य सेवा के अधिकारियों को काफी मेहनत करनी पड़ती थी. गैर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए कोटा बेहद ही कम था, बाद में उन्हें यूपीएससी में इंटरव्यू भी फेस करना पड़ता था. संकल्प के द्वारा गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को सुविधा देने की कोशिश की गई है. गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी चाहते हैं कि संकल्प के द्वारा दी गई सुविधा को बरकरार रखा जाए. - शैलेंद्र कुमार , पलामू जिला उद्यान सह गैर राज्य प्रशासनिक सेवा संघ

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Last Updated : Sep 13, 2024, 2:34 PM IST
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