नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक की निगरानी के लिए इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आईटीएस) तैयार करने की योजना है. इसके तहत सड़कों पर लगे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) कैमरों से 24 घंटे निगरानी होगी. इन कैमरा को लगाने के लिए इससे पहले जो टेंडर जारी किया गया था उसमें पर्याप्त बोली डाटा नहीं आए थे जिसकी वजह से टेंडर नहीं हो सका था. परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली के उपराज्यपाल के निर्देश पर जल्द ही दोबारा टेंडर जारी किया जाएगा.
दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डिटीआईडीसी) के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली की सड़कों पर 25 साल तक के पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल पर एआई कैमरे लगवाएगी. पहले साल में 20 दूसरे में 60 और तीसरे साल में 100 प्रतिशत काम पूरा करने का लक्ष्य है. इसकी अनुमानित लागत करीब 50 करोड़ रुपए है. सड़क पर लगे ये कैमरे हादसे की सूचना देने के साथ हादसों का कारण भी पता कर लेंगे. साथ ही यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों का ई-चालान भी हो सकेगा.
वर्तमान में दिल्ली की सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से सिर्फ ओवर स्पीडिंग का चालान होता है. बहुत कम स्थानों पर ऐसे कैमरे लगे हैं जो हेलमेट न पहनने वालों की पहचान करते हैं और नंबर प्लेट के आधार पर पुलिस उनका ई-चालान कर पाती है. विश्व के विकसित देशों में शामिल अमेरिका, इटली, ऑस्ट्रेलिया, रूस, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन जैसे देशों में इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम की व्यवस्था है. दिल्ली की सड़कों पर भी ऐसे कैमरे लगाए जाएंगे. इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तहत एक लेन में दो कैमरे लगेंगे. एक कैमरा यातायात नियमों का उल्लंघन पर नजर रखेगा और दूसरा कैमरा उस वाहन की नंबर प्लेट को पढ़कर चालान करेगा. इससे यातायात व्यवस्था में सुधार होगा.
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