जयपुर : राजस्थान में 7 सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के ओला परिवार का मजबूत गढ़ झुंझुनू पार्टी के हाथ से निकल गया. भाजपा के राजेंद्र भांबू ने 21 साल बाद पार्टी के खाते में जीत दर्ज करवाई है. राजेंद्र भांबू ने कांग्रेस के कद्दावर नेता और सांसद बृजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला को चुनाव में शिकस्त दी है. भांबू रविवार को भाजपा के प्रदेश मुख्यालय पहुंचे, जहां मीडिया से बातचीत में उन्होंने अपनी जीत का श्रेय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व, प्रदेश नेतृत्व और पार्टी कार्यकर्ताओं को दिया. भांबू बोले कि झुंझुनू सीट कांग्रेस और ओला परिवार का गढ़ माना जाती थी. यह मिथक बना हुआ था, लेकिन जब से देश में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं. ऐसे कई मिथक टूटे हैं. प्रदेश में भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री बनने के बाद से लगातार जनता की भलाई के फैसले ले रहे हैं. उनके जनकल्याणकारी फैसलों पर झुंझुनूं की जनता ने मुहर लगाई है. भांबू बोले कि यह चुनाव मोदीवाद और कांग्रेस के गोदीवाद (वंशवाद) के बीच था, जिसमें मोदीवाद की विजय हुई है.
जनता ने केंद्र-प्रदेश सरकार के काम पर लगाई मुहर : ओला परिवार पर निशाना साधते हुए राजेंद्र भांबू बोले कि "वे पिछले 40-50 साल से वंशवाद के नाम पर जनता से वोट लेते आए, लेकिन जनता की समस्याओं पर कभी ध्यान नहीं दिया. उन्होंने हमेशा नहरी पानी के नाम पर जनता से वोट बटोरे. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश की कमान संभालते ही हरियाणा के साथ यमुना का पानी शेखावाटी के तीन जिलों तक पहुंचाने के लिए समझौता किया. जनता ने इस पर वोट देकर सरकार के फैसले का स्वागत किया है.
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पहले ही दिन से भाजपा की जीत पक्की : भांबू ने कहा कि झुंझुनूं में जिस दिन भाजपा चुनाव में उतरी, उसी दिन से जनता का रुझान और झुकाव भाजपा के प्रति था. "हम पहले दिन से ही जीत रहे थे. कई लोग हमसे जीत का आंकड़ा पूछ रहे थे और हमने तब भी कहा था कि यह भाजपा की सुनामी है." उन्होंने पार्टी के प्रदेश और शीर्ष नेतृत्व का आभार जताते हुए इसे पार्टी कार्यकर्ताओं की जीत बताया और कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के जनकल्याणकारी फैसलों को जनता ने सराहा और उन्हें वोट देकर समर्थन दिया.