जयपुर. राजस्थान में गर्मी के साथ ही सियासी तपिश हर एक दिन बीतने के साथ ही बढ़ती जा रही है. प्रदेश की 25 सीटों पर मतदान के बाद माना जा रहा था कि कम से कम 1 महीने तक सियासी आंच थोड़ी कमजोर रहेगी, लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा नहीं है. धोरों की धरती पर सियासत का पारा हर दिन चढ़ता जा रहा है. मतदान के बाद जहां प्रत्याशी सीटों के गुणा-गणित में उलझे हैं, वहीं कांग्रेस के भीतर आपसी गुटबाजी और अंतर्कलह हर दिन खुलकर सामने आ रही है.
मतदान के बाद प्रदेश की दर्जनभर सीटों पर चुनाव लड़े कांग्रेस के प्रत्याशियों ने स्थानीय नेताओं के खिलाफ आलाकमान को शिकायत दी हैं. इन शिकायतों पर फैसला लेना पार्टी नेतृत्व के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. लोकसभा चुनाव में शिव से विधायक रहे बाड़मेर के दिग्गज नेता अमीन खान ने निर्दलीय प्रत्याशी रवींद्र सिंह भाटी को खुलकर समर्थन दिया. इस पर बाड़मेर-जैसलमेर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल ने शिकायत दी तो अमीन खान को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. इसी तरह सिरोही-जालोर से पार्टी प्रत्याशी वैभव गहलोत की शिकायत पर बालेंदु सिंह शेखावत को भी छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया है.
पार्टी सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े दस प्रत्याशियों ने पार्टी के कई नेताओं के खिलाफ शिकायतें आलाकमान को दी है. सूत्रों के अनुसार, कोटा से प्रत्याशी प्रह्लाद गुंजल, अजमेर से प्रत्याशी रामचंद्र चौधरी, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ से प्रत्याशी कुलदीप इंदौरा और बांसवाड़ा-डूंगरपुर से गठबंधन के प्रत्याशी राजकुमार रोत ने भी कांग्रेस नेताओं को शिकायत दी है. इसी कड़ी में चूरू से प्रत्याशी राहुल कस्वां, अलवर से प्रत्याशी ललित यादव, करौली-धौलपुर से प्रत्याशी भजनलाल जाटव, जयपुर से प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी कई नेताओं के खिलाफ अनुशासनहीनता की शिकायत की है. उन्होंने इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इन शिकायतों के बीच पार्टी के लिए कोई भी फैसला लेना इतना आसान नहीं है.