जयपुर. प्रदेश की विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में पात्रता नहीं रखने और सिर्फ अनुभव पाने के लिए या किसी फर्जी तरीके से सरकारी नौकरी का विचार रखने वाले करीब 6500 अभ्यर्थियों ने अपना फॉर्म विड्रॉ कर लिया है. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की चेतावनी के बाद अभ्यर्थियों ने कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए स्वत: अपना कदम पीछे ले लिया है.
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने फर्जी दस्तावेज पर सख्ती दिखाते हुए, बिना शैक्षणिक योग्यता और फर्जी सर्टिफिकेट के साथ आवेदन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दी थी, ताकि आगामी दिनों में होने वाली 10 भर्ती परीक्षाओं में कोई भी फर्जी अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल न हो. बोर्ड ने ऐसे अभ्यार्थियों को अपना आवेदन वापस लेने के लिए 2 मई तक का समय भी दिया था. इसके बाद विभिन्न भर्ती परीक्षा में तकरीबन 6500 अभ्यर्थियों ने अपने आवेदन वापस लिए हैं.
इस संबंध में राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने बताया कि किसी भी अभ्यर्थी की ओर से फर्जी दस्तावेज लगाए जाने की स्थिति में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान निर्धारित किया गया है. बीते दिनों पीटीआई और तृतीय श्रेणी शिक्षक सहित विभिन्न भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों ने फर्जी दस्तावेज पेश कर गलत तरीके से नियुक्ति लेने का प्रयास किया था, लेकिन जांच में गलत दस्तावेज पाए जाने की स्थिति में ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्ति के बाद भी हटाकर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. हालांकि, इससे योग्य अभ्यर्थियों को खामियाजा भुगतना पड़ता है, लेकिन इस बार स्पष्ट कर दिया गया था कि यदि किसी अभ्यर्थी ने गलत दस्तावेज लगाकर सिर्फ अनुभव पाने के लिए या फिर फर्जी तरीके से नौकरी पाने के विचार से फॉर्म भरा है, तो वो अपना आवेदन वापस ले लें. इसी का नतीजा रहा कि करीब 6500 अभ्यर्थियों ने अपना फार्म विड्रॉ किया है, जिसे मेजर जनरल आलोक राज ने समझदारी का काम बताते हुए कहा की उम्मीद है कि आगे चलकर सिर्फ योग्य पात्र ही भर्ती में फॉर्म भरेंगे.