शिमला: लोकसभा सहित विधानसभा की छह सीटों पर हुए उपचुनाव के चार जून को परिणाम घोषित हो चुके हैं. इसके साथ ही हिमाचल में चुनाव को लेकर लागू आचार संहिता आज खत्म हो गई है. अब प्रदेश सरकार के 81 दिनों से ठप पड़े विकास कार्यों और जन कल्याण की योजनाएं पटरी पर रफ्तार पकड़ना शुरू कर देगी. ऐसे में अब लाखों महिलाओं की नजर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना पर टिकी हैं.
इस योजना के तहत सुक्खू सरकार ने प्रदेश में हर पात्र महिला को हर महीने 1500 रूपये मासिक पेंशन देने का वादा किया था, जिसकी अधिसूचना मार्च में चुनाव का ऐलान होने से पहले जारी हो चुकी है, लेकिन मामला चुनाव आयोग में पहुंचने की वजह से महिलाओं के खाते में 1500 रूपये नहीं पड़े हैं, लेकिन अब आचार संहिता खत्म होते ही सुक्खू सरकार में ग्रामीण विकास एवम पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने 1500 रूपये देने को लेकर बड़ा बयान दिया है.
अब पात्र महिलाओं को 1500 रूपये देगी सरकार
ग्रामीण विकास एवम पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा है कि अब आचार संहिता खत्म हो गई है. ऐसे में अधिसूचना के मुताबिक सरकार एक अप्रैल से देय 1500 रूपये देना शुरू कर देगी. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जनता के बीच महिलाओं को 1500 रूपये नहीं दिए जाने की बात कह रहे थे, लेकिन सरकार ने जब इसकी अधिसूचना जारी की गई तो खुद ही जयराम ठाकुर खुद ही योजना को रोकने के लिए शिकायत लेकर चुनाव आयोग चले गए.
'जहां मर्जी शोर मचा ले जयराम, 5 साल चलेगी सरकार'
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि सुक्खू सरकार को भगवान भी नहीं बचा सकते हैं, लेकिन अब विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के पक्ष में आए नतीजे सबके सामने आएंगे. उन्होंने कहा कि अब तीन निर्दलीय पूर्व विधायक जिन्होंने पैसे लिए हैं उन्हें भी जनता घर में बिठाएगी. ये भाजपा और न ही कांग्रेस के रहेंगे. अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि पूर्व पुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जहां मर्जी शोर मचाते रहे, लेकिन सुक्खू सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी.
'पिट गया भाजपा का 400 के पार का नारा'
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि केंद्र में भाजपा का 400 के पार का नारा भी पिट गया है. भाजपा 400 से पार तो दूर अपने दम पर बहुमत के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच सकी. ऐसे में भाजपा को अब सरकार बनाने के लिए सहयोगी दलों का सहारा लेना पड़ रहा है.