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मजदूर पिता की मौत के बाद परिवार पर संकट, दिव्यांग मां के साथ तीन मासूमों का जीवनयापन हुआ मुश्किल

जिले के एक गांव में मजदूर की मौत से उसके परिवार पर संकट आ गया है. परिवार में दिव्यांग पत्नी, दो मानसिक रोगी बच्चे हैं.

Survival Crisis for Family
परिवार के मुखिया की मौत से परिवार पर संकट (ETV Bharat Kuchaman City)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 6 hours ago

कुचामनसिटी: डीडवाना कुचामन जिले के नावांशहर उपखण्ड मुख्यालय के निकट पांचोता गांव के निवासी मजदूर गोपाल लाल की मौत से तीन मासूमों के सिर से पिता का साया उठ गया. इस परिवार की खुशियां तो पिता के साथ ही छिन गई, साथ में माता की दिव्यांग अवस्था अब भविष्य को संकट में डालती हुई नजर आ रही है. पांचोता निवासी गोपाल लाल खटीक की मौत सोमवार को हो गई थी. जिसके एक मासूम हिमांशी 8 वर्ष, सिमरन 6 वर्ष तथा दीक्षित 5 वर्ष की परवरिश अब मां संतोष देवी के भरोसे है. लेकिन घर के मुखिया की मौत से परिवार पर संकट आ गया है.

परिवार की खुशियों पर लगा ग्रहणः बिलखती हुई मृतक की पत्नी संतोष देवी ने बताया कि यहीं आसपास में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते थे. लेकिन भगवान को मंजूर नहीं था और अचानक मौत हो गई. परिवार से मदनलाल ने बताया कि आर्थिक युग में मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. मृतक भाई गोपाल लाल की पत्नी स्वयं भी दिव्यांग है, जो मजदूरी भी नहीं कर सकती है. वहीं परिवार की स्थित भी ऐसी नहीं की कुछ कर सके. ऐसे में गोपाल लाल की मौत के बाद में खुशियों पर ग्रहण लग गया है.

पढ़ें: पानी में पढ़ाई ! इस क्षेत्र के 4 स्कूलों में भरा पानी, एक माह से 362 बच्चों की पढ़ाई पर संकट - Bharatpur Education System

पिता के आने की राह ताकते मासूम: गोपाल लाल की मौत को चार दिन हो चुके हैं. मौत के बाद भी घर के मुख्यद्वार पर खड़े मासूम पिता के आने की राह ताक रहे हैं. छोटा बेटा पिता को पुकार कर रोता है, तो बहन भाई को दिलासा देती है कि पापा आएंगे. वहीं तीनों इस बात से अनजान हैं और घर के माहौल से भी उदासी रहने लगी है.

पढ़ें: बांग्लादेश क्राइसिस से भीलवाड़ा को लगा 2000 करोड़ रुपए का 'झटका'! रोजगार पर भी संकट - Bhilwara Textile Industry

मदद के लिए चलाएंगे अभियान: पांचोता निवासी मजदूर गोपाल लाल (37) की आकस्मिक मौत के बाद परिवार की मदद के लिए सहयोग अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए मिशन मानवता, अपना समाज के सदस्य राधेश्याम कारगवाल, रमेश पिपलोदा, जितेंद्र नरुका ने बताया कि मृतक की पत्नी दिव्यांग व बहन-भाई मानसिक रोगी हैं. ऐसे में दो बालिकाओं और एक बालक के शिक्षण तथा लालन-पालन का संकट खड़ा हो गया है. इससे आमजन से अपील कर मदद के लिए अभियान बैठक कर जल्द ही शुरू कर रहे हैं.

पढ़ें: मानसून में भी पानी को तरस रहे अलवर के लोग , खाली ड्रम लगा किया रोड जाम - water crisis in alwar

पत्नी संतोष देवी ने बताया कि मेरे पति मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते थे. अचानक साइलेन्ट अटैक आने से उनकी मृत्यु होने के बाद अब हम पर जीवनयापन का संकट हो गया है. मैं विकलांग हूं और मेरे बच्चे भी बहुत ही छोटे-छोटे हैं. जिनमें से दो बच्चे मानसिक रोगी हैं. मेरे आगे-पीछे कोई नहीं है. सरकार से मैं मांग करती हूं कि हमें किसी प्रकार से सहायता करें जिससे कि हमारा परिवार चल सके और मेरे बच्चे पढ़-लिख सकें.

जीतू कुल्हरी एसडीएम नावां शहर ने बताया कि पांचोता में एक मजदूर परिवार से गोपाल लाल की मृत्यु होने की सूचना है. जिसमें महिला दिव्यांग तथा तीन बच्चे हैं. इसके लिए चिकित्सा विभाग के साथ ही पेंशन, पालनहार सहित अनेक सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का हरसंभव प्रयास करेंगे. आज मैंने वहां पर अधिकारियों को भेजा है.

2 लाख रुपए का मिला सहयोग: क्षेत्रवासियों ने गुरुवार सुबह से मदद का अभियान चलाया. जिसमें मिशन मानवता, अपना समाज के सदस्य राधेश्याम कारगवाल, रमेश पिपलोदा, जितेंद्र नरुका ने सभी से परिवार की मदद का आग्रह किया. वहीं पांचोता सरपंच महेंद्र सिंह राठौड़ ने 51 हजार, भामाशाह दिलीप सिंह नरुका 51 हजार, बजरंग खिंची, रामदेव खींची, भंवरलाल खींची 11 हजार, बंशीलाल खिंची, डालूराम खींची 5100, सत्यनारायण खिंची 5100 रुपए का सहयोग किया. आमजन ने सहयोग किया अब तक 2 लाख रुपए से ज्यादा का सहयोग प्राप्त हुआ है.

कुचामनसिटी: डीडवाना कुचामन जिले के नावांशहर उपखण्ड मुख्यालय के निकट पांचोता गांव के निवासी मजदूर गोपाल लाल की मौत से तीन मासूमों के सिर से पिता का साया उठ गया. इस परिवार की खुशियां तो पिता के साथ ही छिन गई, साथ में माता की दिव्यांग अवस्था अब भविष्य को संकट में डालती हुई नजर आ रही है. पांचोता निवासी गोपाल लाल खटीक की मौत सोमवार को हो गई थी. जिसके एक मासूम हिमांशी 8 वर्ष, सिमरन 6 वर्ष तथा दीक्षित 5 वर्ष की परवरिश अब मां संतोष देवी के भरोसे है. लेकिन घर के मुखिया की मौत से परिवार पर संकट आ गया है.

परिवार की खुशियों पर लगा ग्रहणः बिलखती हुई मृतक की पत्नी संतोष देवी ने बताया कि यहीं आसपास में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते थे. लेकिन भगवान को मंजूर नहीं था और अचानक मौत हो गई. परिवार से मदनलाल ने बताया कि आर्थिक युग में मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. मृतक भाई गोपाल लाल की पत्नी स्वयं भी दिव्यांग है, जो मजदूरी भी नहीं कर सकती है. वहीं परिवार की स्थित भी ऐसी नहीं की कुछ कर सके. ऐसे में गोपाल लाल की मौत के बाद में खुशियों पर ग्रहण लग गया है.

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पिता के आने की राह ताकते मासूम: गोपाल लाल की मौत को चार दिन हो चुके हैं. मौत के बाद भी घर के मुख्यद्वार पर खड़े मासूम पिता के आने की राह ताक रहे हैं. छोटा बेटा पिता को पुकार कर रोता है, तो बहन भाई को दिलासा देती है कि पापा आएंगे. वहीं तीनों इस बात से अनजान हैं और घर के माहौल से भी उदासी रहने लगी है.

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मदद के लिए चलाएंगे अभियान: पांचोता निवासी मजदूर गोपाल लाल (37) की आकस्मिक मौत के बाद परिवार की मदद के लिए सहयोग अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए मिशन मानवता, अपना समाज के सदस्य राधेश्याम कारगवाल, रमेश पिपलोदा, जितेंद्र नरुका ने बताया कि मृतक की पत्नी दिव्यांग व बहन-भाई मानसिक रोगी हैं. ऐसे में दो बालिकाओं और एक बालक के शिक्षण तथा लालन-पालन का संकट खड़ा हो गया है. इससे आमजन से अपील कर मदद के लिए अभियान बैठक कर जल्द ही शुरू कर रहे हैं.

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पत्नी संतोष देवी ने बताया कि मेरे पति मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते थे. अचानक साइलेन्ट अटैक आने से उनकी मृत्यु होने के बाद अब हम पर जीवनयापन का संकट हो गया है. मैं विकलांग हूं और मेरे बच्चे भी बहुत ही छोटे-छोटे हैं. जिनमें से दो बच्चे मानसिक रोगी हैं. मेरे आगे-पीछे कोई नहीं है. सरकार से मैं मांग करती हूं कि हमें किसी प्रकार से सहायता करें जिससे कि हमारा परिवार चल सके और मेरे बच्चे पढ़-लिख सकें.

जीतू कुल्हरी एसडीएम नावां शहर ने बताया कि पांचोता में एक मजदूर परिवार से गोपाल लाल की मृत्यु होने की सूचना है. जिसमें महिला दिव्यांग तथा तीन बच्चे हैं. इसके लिए चिकित्सा विभाग के साथ ही पेंशन, पालनहार सहित अनेक सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का हरसंभव प्रयास करेंगे. आज मैंने वहां पर अधिकारियों को भेजा है.

2 लाख रुपए का मिला सहयोग: क्षेत्रवासियों ने गुरुवार सुबह से मदद का अभियान चलाया. जिसमें मिशन मानवता, अपना समाज के सदस्य राधेश्याम कारगवाल, रमेश पिपलोदा, जितेंद्र नरुका ने सभी से परिवार की मदद का आग्रह किया. वहीं पांचोता सरपंच महेंद्र सिंह राठौड़ ने 51 हजार, भामाशाह दिलीप सिंह नरुका 51 हजार, बजरंग खिंची, रामदेव खींची, भंवरलाल खींची 11 हजार, बंशीलाल खिंची, डालूराम खींची 5100, सत्यनारायण खिंची 5100 रुपए का सहयोग किया. आमजन ने सहयोग किया अब तक 2 लाख रुपए से ज्यादा का सहयोग प्राप्त हुआ है.

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