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इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल होने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद ने सुधारी भूल, लेडी टीचर के ट्रांसफर का आदेश जारी - Allahabad High Court

अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण में शिक्षिका को दिए थे 27 की जगह 17 अंक. हाईकोर्ट के आदेश के बाद जारी हुआ ट्रांसफर ऑर्डर.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 6, 2024, 8:20 PM IST

Updated : Oct 6, 2024, 8:38 PM IST

प्रयागराज: बेसिक शिक्षा परिषद की गलती से सहायक अध्यापिका को अदालत के चक्कर काटने पड़े. हालांकि हाईकोर्ट में याचिका दाखिल होने के बाद परिषद को अपनी गलती का एहसास हुआ. उसने भूल सुधारते हुए शिक्षिका के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण का आदेश पारित कर दिया. बहराइच में कार्यरत सहायक अध्यापिका सलोनी सिंह की याचिका पर न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने सुनवाई की.

याची के अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा ने बताया कि सलोनी सिंह ने बहराइच से बदायूं अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था. उसके आवेदन में दिए गए कारणों के आधार पर उसे 27 वेटेज अंक मिलने चाहिए थे. मगर परिषद ने 17 अंक ही दिए थे. इस पर हाईकोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज से जवाब मांगा.

सचिन ने हलफनामा दाखिल कर स्वीकार किया कि वेटेज अंक की गणना करने में उनसे गलती हुई है और यांची 27 अंक पाने की हकदार है. चूंकि अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए न्यूनतम कट ऑफ 22 अंक ही है. इसलिए परिषद की ओर से कहा गया कि मामले को बेसिक शिक्षा निदेशक की निगरानी में गठित कमेटी के समक्ष भेज दिया गया है.

कमेटी जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय ले लेगी. इस पर कोर्ट ने परिषद को चार सप्ताह का समय दिया था. इस आदेश के बाद बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने न्यायालय को अवगत कराया कि याची के स्थानांतरण का आदेश जारी कर दिया गया है. इस पर कोर्ट ने अविलंब उस आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- जगद्गुरु राम भद्राचार्य पर मुकदमे की मांग खारिज, राम चरितमानस पर प्रवचन में जातिसूचक टिप्पणी करने का आरोप - Jagadguru Ram Bhadracharya

प्रयागराज: बेसिक शिक्षा परिषद की गलती से सहायक अध्यापिका को अदालत के चक्कर काटने पड़े. हालांकि हाईकोर्ट में याचिका दाखिल होने के बाद परिषद को अपनी गलती का एहसास हुआ. उसने भूल सुधारते हुए शिक्षिका के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण का आदेश पारित कर दिया. बहराइच में कार्यरत सहायक अध्यापिका सलोनी सिंह की याचिका पर न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने सुनवाई की.

याची के अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा ने बताया कि सलोनी सिंह ने बहराइच से बदायूं अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था. उसके आवेदन में दिए गए कारणों के आधार पर उसे 27 वेटेज अंक मिलने चाहिए थे. मगर परिषद ने 17 अंक ही दिए थे. इस पर हाईकोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज से जवाब मांगा.

सचिन ने हलफनामा दाखिल कर स्वीकार किया कि वेटेज अंक की गणना करने में उनसे गलती हुई है और यांची 27 अंक पाने की हकदार है. चूंकि अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए न्यूनतम कट ऑफ 22 अंक ही है. इसलिए परिषद की ओर से कहा गया कि मामले को बेसिक शिक्षा निदेशक की निगरानी में गठित कमेटी के समक्ष भेज दिया गया है.

कमेटी जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय ले लेगी. इस पर कोर्ट ने परिषद को चार सप्ताह का समय दिया था. इस आदेश के बाद बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने न्यायालय को अवगत कराया कि याची के स्थानांतरण का आदेश जारी कर दिया गया है. इस पर कोर्ट ने अविलंब उस आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है.

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Last Updated : Oct 6, 2024, 8:38 PM IST
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