नई दिल्ली: नए कानून लागू होने के बाद से देश की राजधानी दिल्ली में प्रतिदिन पहले से करीब चार गुना एफआईआर दर्ज होने लगी हैं. एक जुलाई के बाद से दिल्ली पुलिस भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत हर दिन लगभग 600 एफआईआर दर्ज कर रही है. साथ ही नए कानूनों के तहत हर दिन औसतन 22 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. एक जुलाई से 10 जुलाई के बीच पुलिस ने बीएनएस के तहत दिल्ली में 6,334 एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें 1,074 ऑफ़लाइन एफआईआर, 1,059 ई-मोटर वाहन चोरी एफआईआर और 4,201 ई-प्रॉपर्टी चोरी एफआईआर शामिल हैं.
चोरी की घटनाएं सबसे अधिक: एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चोरी की घटनाएं सबसे अधिक दर्ज की जाती हैं, उसके बाद झपटमारी, दुर्घटनाएं, चोट और सेंधमारी की घटनाएं दर्ज की जाती हैं. इन 6,334 एफआईआर में से 178 मामले सुलझाए गए, जिसके परिणामस्वरूप 225 संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई. इसके अलावा आंकड़ों से पता चलता है कि पुराने आईपीसी के तहत हर दिन औसतन 147 एफआईआर दर्ज की गईं. जुलाई के शुरुआती 10 दिन के दौरान पुराने कानूनों के तहत 1471 एफआईआर दर्ज हुई हैं. इनमें 383 एफआईआर ऑफलाइन, 135 ई एफआईआर मोटर वाहन चोरी की, 953 ई एफआईआर प्रॉपर्टी चोरी की दर्ज हुई हैं.
नए और पुराने के तहत एफआईआर दर्ज करना अभी रहेगा चालूः इनमें से 32 मामले सुलझाए गए और 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस का कहना है कि अभी वह दोनों कानूनों नए और पुराने के तहत एफआईआर दर्ज करना चालू रखेगी, जिनमें बीएनएस मुख्य कानून होगा. एक जांच अधिकारी ने बताया कि बीएनएस के तहत न केवल घटनास्थल पर बल्कि संदिग्ध की तलाश और वाहन की जब्ती के दौरान भी वीडियोग्राफी अनिवार्य है. यह सब अदालतों में जमा करने के अलावा दृश्य और रिकॉर्डिंग को संरक्षित करना भी शामिल है. अधिकारियों का कहना है कि नए कानून पुलिस को संगठित अपराध और छोटे संगठित अपराध पर अंकुश लगाने में मदद करेंगे.
बीएनएस में दिया गया है वीडियो पर जोरः एक अधिकारी का कहना है कि बीएनएस की वास्तविक सफलता आने वाले महीनों में मापी जाएगी, क्योंकि मामले अदालतों और सजाओं के माध्यम से आगे बढ़ेंगे. बीएनएस द्वारा लाए गए बदलावों में वीडियो पर जोर दिया गया है. जांचकर्ताओं को अब अपराध के दृश्य, संदिग्ध तलाशी और वाहन जब्ती को सावधानी पूर्वक रिकॉर्ड करना अनिवार्य है. इससे मामले काफी मजबूत हो सकते हैं और दोषसिद्धि दर में सुधार हो सकता है.
केंद्रीकृत वीडियो पूल पर अपलोड किया जाएगाः वीडियो को ई-प्रमाण के माध्यम से एक एप्लिकेशन के जरिए शूट किया जा रहा है और इसे केंद्रीकृत वीडियो पूल पर अपलोड किया जाएगा. ताकि वर्षों के बाद भी जांच अधिकारी अनुक्रम को ताज़ा करने के लिए वीडियो देख सकता है. एक अन्य जांच अधिकारी ने बताया कि नए कानून हमें आपराधिक गिरोहों को खत्म करने की अधिक संभावनाएं देते हैं और सड़क पर होने वाले अपराध पर अंकुश लगाने में भी मदद करते हैं.
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