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लखनऊ में हुई झमाझम बारिश के बाद जल भराव की समस्या, कठघरे में नगर निगम, मेयर ने तलब की रिपोर्ट - heavy rains in Lucknow

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 20, 2024, 1:36 PM IST

लखनऊ में हुई झमाझम बारिश के बाद से विधान भवन, राज भवन और नगर निगम के मुख्यालय में जल भराव की समस्या हुई.जल भराव से जहां एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना रास्ता बदलना पड़ा, तो वहीं दूसरी ओर नगर निगम मुख्यालय की लिफ्ट तीन दिन तक बंद रही.

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कटघरे में नगर निगम (Etv Bharat)

लखनऊ: पिछले दिनों राजधानी लखनऊ में हुई झमाझम बारिश के बाद सबसे पास इलाके में स्थित विधान भवन, राज भवन और नगर निगम के मुख्यालय में जल भराव की समस्या हुई. इस जल भराव से जहां एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना रास्ता बदलना पड़ा, तो वहीं दूसरी ओर नगर निगम मुख्यालय की लिफ्ट तीन दिन तक बंद रही. जल भराव की समस्या का संज्ञान लेते हुए लखनऊ मेयर सुषमा खारवाल ने इस समस्या के कारणों और समस्या के निजात के बारे में लखनऊ नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह से रिपोर्ट तलब की है।

क्या कहती हैं मेयर: मेयर ने बताया कि जल भराव की समस्या से निजात दिलाना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है. पिछले दिनों जिस तरह से विधान भवन, राज भवन व नगर निगम मुख्यालय में जल भराव की समस्या हुई है. ऐसे में नगर आयुक्त से एक रिपोर्ट मांगी गई है, जिसमें उनसे यह बताने को कहा गया है कि इन भवनों में जल भराव के क्या कारण है और इसे कैसे निजात पाई जा सकती है.

मोटा बजट फिर भी नहीं राहत: लखनऊ नगर निगम पहले ही जल भराव की समस्या से निजात पाने के लिए प्रयास करने के दावे कर रहा है. हालांकि, जल भराव से निजात दिलाने के लिए नगर निगम ने 14 करोड खर्च किए हैं. इतनी मोटी रकम खर्च करने के बावजूद भी लखनऊ के सबसे पास इलाके और सरकार से सीधे तौर पर जुड़े भवनों में जल भराव को नहीं रोका जा सका है.

इसे भी पढ़े-कांवड़ यात्रा मार्ग पर जलभराव, पवित्र गंगाजल लेकर गंदे पानी से गुजरने को मजबूर कांवड़िए - Waterlogging on Kanwar Yatra route

तय करनी होगी जिम्मेदारी: जहां एक और विधान भवन, नगर निगम मुख्यालय, राजभवन में जल भराव की समस्या से नगर निगम की किरकिरी हो रही है तो, वहीं दूसरी ओर सवाल राज्य संपति विभाग पर भी खड़े हो रहे हैं. बताते चले, कि इन भवनों के रखरखाव की जिम्मेदारी राज्य संपति विभाग की होती है. राज्य संपति विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय न होने के चलते भी समस्या पैदा होती है. ऐसे में सवाल यह खड़े हो रहे हैं, कि राज्य संपति विभाग की जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही क्यों नहीं तय की जा रही है.

कमेटी दिलाएगी निजात: नगर निगम के अधिकारियों ने बताया, कि जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी विधान भवन, राज भवन और नगर निगम मुख्यालय में हुए जल भराव के कारणों को चिन्हित करेगी. उनके समाधान निकाले जाएंगे. इसके बाद यह रिपोर्ट मेयर को भेजी जाएगी. फिलहाल, जल भराव की समस्या से निजात के लिए नगर निगम सक्रिय हो गया है.


पॉश इलाके में जल भराव के क्या है कारण: बरसात के मौसम में जल भराव वैसे तो राजधानी लखनऊ की समस्या है. लेकिन, सबसे पास इलाके में स्थित बिल्डिंग विधान भवन राजभवन और नगर निगम मुख्यालय में जल भराव से जिम्मेदारों की खूब किरकिरी हो रही है. ऐसे में जब इन पॉश इलाकों में स्थित महत्वपूर्ण भवनों में जल भराव की समस्याओं के कारण पता किए गए, तो पता चला कि विधान भवन, राज भवन और नगर निगम का मुख्यालय काफी पुराना बना हुआ है. नगर निगम मुख्यालय तो 8 दशक पुराना है. ऐसे में शहर के विकास के साथ-साथ भवन नीचे हो गए हैं. लगातार रोड बनने से नालियां भी नीचे हो गई है. जिसके चलते बरसात के समय तेजी से जल निकासी नहीं हो पाती है. इसी कारण से जल भराव होता है.

यह भी पढ़े-VIDEO, पहली बारिश में ही कलेक्ट्रेट में बन गया बंदरों का स्विमिंग पुल, दिन भर पानी में छपाक-छपाक, देखें इनकी अठखेलियां - monkeys swimming pool

लखनऊ: पिछले दिनों राजधानी लखनऊ में हुई झमाझम बारिश के बाद सबसे पास इलाके में स्थित विधान भवन, राज भवन और नगर निगम के मुख्यालय में जल भराव की समस्या हुई. इस जल भराव से जहां एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना रास्ता बदलना पड़ा, तो वहीं दूसरी ओर नगर निगम मुख्यालय की लिफ्ट तीन दिन तक बंद रही. जल भराव की समस्या का संज्ञान लेते हुए लखनऊ मेयर सुषमा खारवाल ने इस समस्या के कारणों और समस्या के निजात के बारे में लखनऊ नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह से रिपोर्ट तलब की है।

क्या कहती हैं मेयर: मेयर ने बताया कि जल भराव की समस्या से निजात दिलाना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है. पिछले दिनों जिस तरह से विधान भवन, राज भवन व नगर निगम मुख्यालय में जल भराव की समस्या हुई है. ऐसे में नगर आयुक्त से एक रिपोर्ट मांगी गई है, जिसमें उनसे यह बताने को कहा गया है कि इन भवनों में जल भराव के क्या कारण है और इसे कैसे निजात पाई जा सकती है.

मोटा बजट फिर भी नहीं राहत: लखनऊ नगर निगम पहले ही जल भराव की समस्या से निजात पाने के लिए प्रयास करने के दावे कर रहा है. हालांकि, जल भराव से निजात दिलाने के लिए नगर निगम ने 14 करोड खर्च किए हैं. इतनी मोटी रकम खर्च करने के बावजूद भी लखनऊ के सबसे पास इलाके और सरकार से सीधे तौर पर जुड़े भवनों में जल भराव को नहीं रोका जा सका है.

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तय करनी होगी जिम्मेदारी: जहां एक और विधान भवन, नगर निगम मुख्यालय, राजभवन में जल भराव की समस्या से नगर निगम की किरकिरी हो रही है तो, वहीं दूसरी ओर सवाल राज्य संपति विभाग पर भी खड़े हो रहे हैं. बताते चले, कि इन भवनों के रखरखाव की जिम्मेदारी राज्य संपति विभाग की होती है. राज्य संपति विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय न होने के चलते भी समस्या पैदा होती है. ऐसे में सवाल यह खड़े हो रहे हैं, कि राज्य संपति विभाग की जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही क्यों नहीं तय की जा रही है.

कमेटी दिलाएगी निजात: नगर निगम के अधिकारियों ने बताया, कि जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी विधान भवन, राज भवन और नगर निगम मुख्यालय में हुए जल भराव के कारणों को चिन्हित करेगी. उनके समाधान निकाले जाएंगे. इसके बाद यह रिपोर्ट मेयर को भेजी जाएगी. फिलहाल, जल भराव की समस्या से निजात के लिए नगर निगम सक्रिय हो गया है.


पॉश इलाके में जल भराव के क्या है कारण: बरसात के मौसम में जल भराव वैसे तो राजधानी लखनऊ की समस्या है. लेकिन, सबसे पास इलाके में स्थित बिल्डिंग विधान भवन राजभवन और नगर निगम मुख्यालय में जल भराव से जिम्मेदारों की खूब किरकिरी हो रही है. ऐसे में जब इन पॉश इलाकों में स्थित महत्वपूर्ण भवनों में जल भराव की समस्याओं के कारण पता किए गए, तो पता चला कि विधान भवन, राज भवन और नगर निगम का मुख्यालय काफी पुराना बना हुआ है. नगर निगम मुख्यालय तो 8 दशक पुराना है. ऐसे में शहर के विकास के साथ-साथ भवन नीचे हो गए हैं. लगातार रोड बनने से नालियां भी नीचे हो गई है. जिसके चलते बरसात के समय तेजी से जल निकासी नहीं हो पाती है. इसी कारण से जल भराव होता है.

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