नई दिल्ली: गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल में फायरिंग की घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. लगातार दो घटनाओं के होने के बाद जीटीबी अस्पताल के साथ-साथ दूसरे अस्पतालों के डॉक्टर्स भी दहशत में आ गए हैं. ऐसे में अब फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने दिल्ली सचिवालय में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज से मुलाकात की. बैठक में एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय महासचिव, मुख्य सलाहकार तथा अन्य अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे.
Met Federation of All India Medical Association (FAIMA) delegation lead by the National Chairman, accompanied by National General Secretary, Chief Advisor to discuss the recent incidents of voilence in government Hospitals.
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) July 15, 2024
Following decisions have been taken :
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फेडरेशन के पदाधिकारी ने स्वास्थ्य मंत्री के सामने अस्पतालों में डॉक्टरों तथा अन्य स्टाफ की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की. अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों तथा अन्य स्टाफ की सुरक्षा व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने और कार्य करने का एक सुगम वातावरण स्थापित करने का आग्रह भी किया. उन्होंने कहा कि कुछ अज्ञात लोगों की ओर से अस्पताल में भर्ती एक मरीज की हत्या करने की घटना से डॉक्टरों तथा अन्य कर्मचारियों में एक भय का माहौल पैदा हो गया है, जिसके चलते अस्पताल में कार्यरत सभी लोगों ने सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत महसूस की. स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सभी डॉक्टरों और कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर कई अहम निर्णय भी लिए हैं, जैसे-
- अस्पतालों की इमरजेंसी एंट्रीज पर मेटल डिटेक्टर की स्थापना.
- बड़े अस्पतालों की इमरजेंसी एंट्रीज पर दो सशस्त्र गार्ड की तैनाती.
- एक पुलिस कांस्टेबल की 24 घंटे ड्यूटी लगाई जाएगी, इस संबंध में पुलिस आयुक्त से बात की जाएगी.
- मौजूदा कानून और नियमों के अनुसार हमलावरों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
- अस्पतालों में उचित कार्य प्रणाली के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था.
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स्वास्थ्य मंत्री भारद्वाज ने फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल को उचित कार्यवाही और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आश्वस्त किया. उन्होंने यह भी कहा कि अस्पतालों में उचित कार्य प्रणाली के साथ-साथ कार्यरत सभी कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था हमारी जिम्मेदारी है. अस्पताल में कार्यरत सभी डॉक्टरों और कर्मचारी की सुरक्षा के लिए जो भी संभव कदम उठाए जाने चाहिए, हम वह करेंगे. उन्होंने कहा कि पूरा प्रयास रहेगा कि किसी भी अस्पताल में इस तरह की घटना दोबारा घटित नहीं हो.
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