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हार के बाद भाजपा में उठे विरोध के सुर, साध्वी के बाद अब गिरिजा शंकर बोले- पार्टी ने कार्यकर्ताओं को ही कर दिया किनारे - Voices of protest in BJP

यूपी भारतीय जनता पार्टी में हर के बाद विरोध के सुर मुखर हो गए हैं. पहले फतेहपुर की पूर्व सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ने अपने साथ भितरघात की शिकायत की.

भाजपा की हार पर उठे विरोध के सुर.
भाजपा की हार पर उठे विरोध के सुर. (PHOTO CREDIT ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 5, 2024, 7:22 PM IST

लखनऊ : यूपी भारतीय जनता पार्टी में हर के बाद विरोध के सुर मुखर हो गए हैं. पहले फतेहपुर की पूर्व सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ने अपने साथ भितरघात की शिकायत की. वहीं अब एक अन्य नेता गिरजा शंकर गुप्ता ने भी फेसबुक पर अपने ही नेताओं पर सवाल उठाए हैं. पार्टी में बाहरी नेताओं की एंट्री को लेकर वे नाराज हैं.

भाजपा नेता गिरिजा शंकर ने फेसबुक पर पोस्ट कर सवाल उठाए हैं.
भाजपा नेता गिरिजा शंकर ने फेसबुक पर पोस्ट कर सवाल उठाए हैं. (PHOTO CREDIT ETV BHARAT)

साध्वी ने लगाया भितरघात का आरोप

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा है. बीजेपी को अकेले 33 सीट और गठबंधन के साथ 36 सीटें प्राप्त हुई है. साल 2019 में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन को 64 और साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन को 73 सीटें मिली थीं. बीजेपी की यूपी में हुई अप्रत्याशित हार को लेकर अब नेताओं ने अपने ही संगठन पर ठीकरा फोड़ना शुरू कर दिया है. सोशल मीडिया पर छोटे नेताओं के बयान तो आ ही रहे हैं. फतेहपुर में समाजवादी पार्टी के नेता नरेश उत्तम से चुनाव हार चुकी साध्वी निरंजन ज्योति ने प्रेस कांफ्रेंस करके संगठन में भितरघात का आरोप लगाया है. साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा है कि स्थानीय स्तर पर उनको काफी विरोध का सामना करना पड़ा है. उनके साथ साजिश की गई है. इससे पहले मेरठ में अरुण गोविल ने भी मतदान समाप्त होने के बाद स्थानीय नेताओं पर समर्थन न करने का आरोप लगाया था. अरुण गोविल की जीत 10000 वोटों से कम से हुई है. इसी तरह मोहनलालगंज सीट के भाजपा प्रत्याशी कौशल किशोर ने भी मतदान के बाद विरोध और बगावत के आरोप लगाए थे.

फेसबुक पर भाजपा नेता ने जताया विरोध

गिरिजा शंकर गुप्ता प्रदेश संयोजक प्रचार विभाग भाजपा ने फेसबुक पर लिखा है कि भाजपा विचार करे कि उसने विपक्ष को जिलों मे नेता विहीन कर दिया. विपक्ष के सारे नेता भाजपा ने ले लिए और 80% पदों पर वही काबिज हैं. चाहे एमएलसी हो, विधायक हो, सांसद हो, मंत्री हो. फिर भी विपक्ष आज यूपी में हमसे ज्यादा सीटें पा रहा है. उसका कारण क्या है? जिन कार्यकर्ताकर्ताओं ने 2014 में मोदी जी की नीतियों के दम पर दिल्ली में पूर्ण बहुमत और 2017 में 325 सीटें दिलवा दीं, उन्हें किनारे कर दिया गया. इस चुनाव में भी मनोज पाण्डेय रायबरेली, राकेश सिंह अमेठी, महराजी देवी अमेठी, अभय सिंह अयोध्या अंबेडकर नगर, नारद राय बलिया को भाजपा में लिया गया ये. सभी सीटें भाजपा हारी है. केंद्रीय नेतृत्व को विचार करना चाहिए, अपने कार्यकर्ता पर विश्वास करना चाहिए. मैं चार प्रकोष्ठों का प्रदेश संयोजक रहा. दो बार भाजपा का प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रहा. 30 वर्ष संघ आयु है.

बूथ लेवल पर मजबूती का दावा करने वाले संगठन की हवा निकाली

लोकसभा चुनाव के उत्तर प्रदेश में जो परिणाम आए हैं, उसने भारतीय जनता पार्टी के मजबूत संगठन की हवा निकाल दी है. पौने दो लाख बूथ पर बूथ कमेटियां होने का दावा हवा में उड़ गया है. भारतीय जनता पार्टी लगभग 15 लाख पन्ना प्रमुख होने का दावा करती रही. मगर जब नतीजे सामने आए तो बूथ कमेटियों से लेकर पन्ना प्रमुख तक की हकीकत सामने आ गई. सैकड़ों की संख्या में व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए थे. रोजाना संगठन की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और जिलों के प्रवास, हर जिले में एक मंत्री देने के बावजूद नतीजा यह निकला कि बीजेपी की सीटें आधी रह गईं.

यह भी पढ़ें :अवध की 17 में 15 सीटों पर BJP की करारी हार; नहीं चला 'जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे'... का कार्ड, मतदाताओं ने दिया वनवास - Lok Sabha Election Result 2024

लखनऊ : यूपी भारतीय जनता पार्टी में हर के बाद विरोध के सुर मुखर हो गए हैं. पहले फतेहपुर की पूर्व सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ने अपने साथ भितरघात की शिकायत की. वहीं अब एक अन्य नेता गिरजा शंकर गुप्ता ने भी फेसबुक पर अपने ही नेताओं पर सवाल उठाए हैं. पार्टी में बाहरी नेताओं की एंट्री को लेकर वे नाराज हैं.

भाजपा नेता गिरिजा शंकर ने फेसबुक पर पोस्ट कर सवाल उठाए हैं.
भाजपा नेता गिरिजा शंकर ने फेसबुक पर पोस्ट कर सवाल उठाए हैं. (PHOTO CREDIT ETV BHARAT)

साध्वी ने लगाया भितरघात का आरोप

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा है. बीजेपी को अकेले 33 सीट और गठबंधन के साथ 36 सीटें प्राप्त हुई है. साल 2019 में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन को 64 और साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन को 73 सीटें मिली थीं. बीजेपी की यूपी में हुई अप्रत्याशित हार को लेकर अब नेताओं ने अपने ही संगठन पर ठीकरा फोड़ना शुरू कर दिया है. सोशल मीडिया पर छोटे नेताओं के बयान तो आ ही रहे हैं. फतेहपुर में समाजवादी पार्टी के नेता नरेश उत्तम से चुनाव हार चुकी साध्वी निरंजन ज्योति ने प्रेस कांफ्रेंस करके संगठन में भितरघात का आरोप लगाया है. साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा है कि स्थानीय स्तर पर उनको काफी विरोध का सामना करना पड़ा है. उनके साथ साजिश की गई है. इससे पहले मेरठ में अरुण गोविल ने भी मतदान समाप्त होने के बाद स्थानीय नेताओं पर समर्थन न करने का आरोप लगाया था. अरुण गोविल की जीत 10000 वोटों से कम से हुई है. इसी तरह मोहनलालगंज सीट के भाजपा प्रत्याशी कौशल किशोर ने भी मतदान के बाद विरोध और बगावत के आरोप लगाए थे.

फेसबुक पर भाजपा नेता ने जताया विरोध

गिरिजा शंकर गुप्ता प्रदेश संयोजक प्रचार विभाग भाजपा ने फेसबुक पर लिखा है कि भाजपा विचार करे कि उसने विपक्ष को जिलों मे नेता विहीन कर दिया. विपक्ष के सारे नेता भाजपा ने ले लिए और 80% पदों पर वही काबिज हैं. चाहे एमएलसी हो, विधायक हो, सांसद हो, मंत्री हो. फिर भी विपक्ष आज यूपी में हमसे ज्यादा सीटें पा रहा है. उसका कारण क्या है? जिन कार्यकर्ताकर्ताओं ने 2014 में मोदी जी की नीतियों के दम पर दिल्ली में पूर्ण बहुमत और 2017 में 325 सीटें दिलवा दीं, उन्हें किनारे कर दिया गया. इस चुनाव में भी मनोज पाण्डेय रायबरेली, राकेश सिंह अमेठी, महराजी देवी अमेठी, अभय सिंह अयोध्या अंबेडकर नगर, नारद राय बलिया को भाजपा में लिया गया ये. सभी सीटें भाजपा हारी है. केंद्रीय नेतृत्व को विचार करना चाहिए, अपने कार्यकर्ता पर विश्वास करना चाहिए. मैं चार प्रकोष्ठों का प्रदेश संयोजक रहा. दो बार भाजपा का प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रहा. 30 वर्ष संघ आयु है.

बूथ लेवल पर मजबूती का दावा करने वाले संगठन की हवा निकाली

लोकसभा चुनाव के उत्तर प्रदेश में जो परिणाम आए हैं, उसने भारतीय जनता पार्टी के मजबूत संगठन की हवा निकाल दी है. पौने दो लाख बूथ पर बूथ कमेटियां होने का दावा हवा में उड़ गया है. भारतीय जनता पार्टी लगभग 15 लाख पन्ना प्रमुख होने का दावा करती रही. मगर जब नतीजे सामने आए तो बूथ कमेटियों से लेकर पन्ना प्रमुख तक की हकीकत सामने आ गई. सैकड़ों की संख्या में व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए थे. रोजाना संगठन की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और जिलों के प्रवास, हर जिले में एक मंत्री देने के बावजूद नतीजा यह निकला कि बीजेपी की सीटें आधी रह गईं.

यह भी पढ़ें :अवध की 17 में 15 सीटों पर BJP की करारी हार; नहीं चला 'जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे'... का कार्ड, मतदाताओं ने दिया वनवास - Lok Sabha Election Result 2024

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