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कैमूर के इस गांव में आजादी के 76 साल बाद भी नहीं बनी पक्की सड़क, बरसात के दिनों में चारपाई पर जाते हैं मरीज - Chando Ruiya Village

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 14, 2024, 10:38 AM IST

NO ROAD IN CHANDO RUIYA VILLAGE: कैमूर के चांदोरुइया गांव में आज भी पक्की सड़क के लिए यहां के लोग मुहताज हैं. बारिश के दिनों में कच्ची सड़क के रास्ते ही लोगों को गांव से बाहर निकला पड़ता है. यहां तक कि मरीज को भी चारपाई पर टांग कर ले जाना पड़ता है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

CHANDO RUIYA VILLAGE
लल्लू पटेल जीप सदस्य भभुआ (ETV Bharat)
लल्लू पटेल जीप सदस्य भभुआ (ETV Bharat)

कैमूर: बिहार के कैमूर से खबर सामने आ रही है. जहां भभुआ प्रखंड के ग्राम पंचायत सिकठी अंतर्गत चांदोरुइया गांव आजादी के 76 साल के बाद भी विकास से कोसों दूर है. यहां अभी भी सड़क के अभाव में बीमार लोगों को मुख्य सड़क तक पहुंचाने के लिए चारपाई के साथ चार कंधों की जरूरत पड़ती है. यहां सबसे ज्यादा बरसात के मौसम में ग्रामीणों को परेशानियां झेलनी पड़ती है.

आज भी गांव में नहीं है पक्की सड़क: सड़क के अभाव में आने-जाने के लिए आज भी लोग खेतों की पगडंडी भरी कच्चे रास्ते से होकर गुजरते हैं, यहीं नहीं सबसे बड़ी बात यह है कि यह गांव जिला मुख्यालय से मात्र 5 किमी की दूरी पर है फिर भी पक्की सड़क से वंचित है. एक लंबा अरसा बीतने के बावजूद भी इस गांव में सड़क नहीं बन सकी है, जबकि प्रधानमंत्री सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत गांव की मुख्य सड़क को लिंक पथ से जोड़ा गया है.

Chando Ruiya village of Kaimur
ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे जीप सदस्य (ETV Bharat)

700 के पार है आबादी: यह गांव सरकार की सड़क योजनाओं से पूरी तरह से वंचित है. इस गांव में महादलित समुदाय के करीब 30 घर, यादव समुदाय के 5 घर, बिंद समुदाय के 70 घर और राजपूत वर्ग के 10 घर साथ ही अन्य जातियों के लोग भी रहते हैं. अगर बात करें तो गांव की जनसंख्या कि तो वो 700 के पार है. ग्रामीण विजय राम ने बताया कि गांव का मुख्य मार्ग कच्चा और सकरा है, जो बारिश के दिनों में कीचड़ से सना होता है.

"इस कच्चे रास्ते से दोपहिया वाहनों का भी निकलना मुश्किल हो जाता है, चुनाव में जनप्रतिनिधियों द्वारा हर बार आश्वासन की घूंट पिलाई जाती है. बरसात के मौसम में गांव में यदि कोई बीमार हो जाता है तो उसे चारपाई पर लेकर जाने के लिए चार लोगों की जरूरत पड़ती है."-राम सागर राम, ग्रामीण

जिला पार्षद ने दिलाया भरोसा: ग्रामीणों ने बताया की समस्या को लेकर बुधवार को जिला पार्षद विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल से मिले थे. बता दें कि ग्रामीणों द्वारा सड़क की समस्या से अवगत होने के बाद गुरुवार को जिला पार्षद विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने गांव का दौरा किया. गांव की बदहाली देख जिला पार्षद आश्चर्य चकित रह गए. उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही मामले से जिला के वरीय अधिकारियों को अवगत कराएंगे और समस्या के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.

Chando Ruiya village of Kaimur
ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे जीप सदस्य (ETV Bharat)

"ग्रामीणों को यहां से कहीं भी जाने में काफी परेशानी का सामना करना पर रहा है. सड़क सहित सभी सुविधा गांव तक पहुंचाई जाएगी. सड़क बनाने की बात को ऊपर रखा जाएगा जल्द ही गांव में पक्की सड़क होगी." - विकास सिंह, जीप सदस्य, भभुआ

पढ़ें-लखीसराय के इस आदिवासी बहुल गांव में सुविधाओं का घोर अभाव, बेरंग जिंदगी काटने को लोग मजबूर

लल्लू पटेल जीप सदस्य भभुआ (ETV Bharat)

कैमूर: बिहार के कैमूर से खबर सामने आ रही है. जहां भभुआ प्रखंड के ग्राम पंचायत सिकठी अंतर्गत चांदोरुइया गांव आजादी के 76 साल के बाद भी विकास से कोसों दूर है. यहां अभी भी सड़क के अभाव में बीमार लोगों को मुख्य सड़क तक पहुंचाने के लिए चारपाई के साथ चार कंधों की जरूरत पड़ती है. यहां सबसे ज्यादा बरसात के मौसम में ग्रामीणों को परेशानियां झेलनी पड़ती है.

आज भी गांव में नहीं है पक्की सड़क: सड़क के अभाव में आने-जाने के लिए आज भी लोग खेतों की पगडंडी भरी कच्चे रास्ते से होकर गुजरते हैं, यहीं नहीं सबसे बड़ी बात यह है कि यह गांव जिला मुख्यालय से मात्र 5 किमी की दूरी पर है फिर भी पक्की सड़क से वंचित है. एक लंबा अरसा बीतने के बावजूद भी इस गांव में सड़क नहीं बन सकी है, जबकि प्रधानमंत्री सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत गांव की मुख्य सड़क को लिंक पथ से जोड़ा गया है.

Chando Ruiya village of Kaimur
ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे जीप सदस्य (ETV Bharat)

700 के पार है आबादी: यह गांव सरकार की सड़क योजनाओं से पूरी तरह से वंचित है. इस गांव में महादलित समुदाय के करीब 30 घर, यादव समुदाय के 5 घर, बिंद समुदाय के 70 घर और राजपूत वर्ग के 10 घर साथ ही अन्य जातियों के लोग भी रहते हैं. अगर बात करें तो गांव की जनसंख्या कि तो वो 700 के पार है. ग्रामीण विजय राम ने बताया कि गांव का मुख्य मार्ग कच्चा और सकरा है, जो बारिश के दिनों में कीचड़ से सना होता है.

"इस कच्चे रास्ते से दोपहिया वाहनों का भी निकलना मुश्किल हो जाता है, चुनाव में जनप्रतिनिधियों द्वारा हर बार आश्वासन की घूंट पिलाई जाती है. बरसात के मौसम में गांव में यदि कोई बीमार हो जाता है तो उसे चारपाई पर लेकर जाने के लिए चार लोगों की जरूरत पड़ती है."-राम सागर राम, ग्रामीण

जिला पार्षद ने दिलाया भरोसा: ग्रामीणों ने बताया की समस्या को लेकर बुधवार को जिला पार्षद विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल से मिले थे. बता दें कि ग्रामीणों द्वारा सड़क की समस्या से अवगत होने के बाद गुरुवार को जिला पार्षद विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने गांव का दौरा किया. गांव की बदहाली देख जिला पार्षद आश्चर्य चकित रह गए. उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही मामले से जिला के वरीय अधिकारियों को अवगत कराएंगे और समस्या के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.

Chando Ruiya village of Kaimur
ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे जीप सदस्य (ETV Bharat)

"ग्रामीणों को यहां से कहीं भी जाने में काफी परेशानी का सामना करना पर रहा है. सड़क सहित सभी सुविधा गांव तक पहुंचाई जाएगी. सड़क बनाने की बात को ऊपर रखा जाएगा जल्द ही गांव में पक्की सड़क होगी." - विकास सिंह, जीप सदस्य, भभुआ

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